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हरियाणा में जांच के दायरे में आया लिंगानुपात: आठ साल के 1000 पर 910 बेटियां; CRS पोर्टल में गड़बड़ी, 2 महीनों का डेटा भी नहीं – Haryana News


हरियाणा स्वास्थ्य मंत्री आरती राव।

हरियाणा में पिछले आठ सालों में सबसे कम लिंगानुपात जांच के दायरे में आ गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस गिरावट के लिए आंशिक रूप से 2024 में नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) में गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया है। बर्थ रजिस्ट्रेशन के लिए केंद्र सरका

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हरियाणा में 2016 में 1000 लड़कों पर 900 लड़कियां थी, इसके बाद सबसे कम 2024 में 1000 पर 910 लड़कियों का आंकड़ा दर्ज किया गया है। जिसे लेकर हरियाणा सरकार ने चिंता जताई है।

दो महीनों का डाटा नहीं मिला

हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के एक सीनियर ऑफिसर के अनुसार, इन दो महीनों नवंबर और दिसंबर के जन्म पंजीकरण डेटा का एक बड़ा हिस्सा अभी विभाग के पास नहीं है। अधिकारी ने बताया, इन दो महीनों के दौरान लोगों के लिए बर्थ सर्टिफिकेट प्राप्त करना कठिन रहा।

डाटा रिकॉर्ड करने और दोबारा से एकत्र करने में गड़बड़ियों ने इन चार जिलों में लिंग अनुपात के नंबर को प्रभावित किया है। इस समस्या के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सिस्टम को अपडेट किया है।

आंकड़ों का वेरिफिकेशन कर रहा विभाग

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने पुष्टि की है कि स्वास्थ्य विभाग लिंगानुपात के आंकड़ों के आधार पर सीआरएस डेटा का दोबारा वेरिफिकेशन कर रहा है। सरकार की चिंता को देखते हुए हरियाणा के सभी सिविल सर्जनों को अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर कड़ी निगरानी रखने, अनिवार्य पंजीकरण के जरिए से सभी गर्भधारण को ट्रैक करने और अवैध गठजोड़ को तोड़ने का निर्देश दिया गया है। हरियाणा में चोरी से किए जाने वाले लिंग परीक्षण की सूचना देने वाले मुखबिरों को 1 लाख रुपए का इनाम भी दिया जाता है।

हेल्थ मिनिस्टर ने भी स्वीकारी पोर्टल की गलती

हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने सीआरएस से संबंधित मुद्दों को स्वीकार करते हुए बताया, “विभाग नागरिक पंजीकरण प्रणाली से प्राप्त आंकड़ों की पुष्टि कर रहा है। 2024 में भारत सरकार द्वारा इसके रिवाईवल के दौरान पोर्टल में कुछ तकनीकी दिक्कतें सामने आई थीं।

इसके बाद हरियाणा में गिरे लिंगानुपात के कारणों की समीक्षा कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और लिंग अनुपात में सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य भर में अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, चूक करने वाले केंद्रों का पंजीकरण निलंबित किया जा रहा है और इसमें शामिल डॉक्टरों को राज्य चिकित्सा परिषद की सूची से हटाया जा सकता है।

हरियाणा लिंगानुपात के ये हैं आंकड़े

हरियाणा में 2024 में 1,000 लड़कों पर 910 लड़कियों का लिंगानुपात दर्ज किया गया, जो 2016 में (900) के बाद सबसे कम है। इसकी तुलना में, 2023 में लिंगानुपात 916 और 2015 में 876 था। लास्ट डेटा से पता चलता है कि 2024 में राज्य में 516,402 बच्चे पैदा हुए, जिनमें 270,354 लड़के (52.35%) और 246,048 लड़कियां (47.64%)। इसका मतलब है कि लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या 24,306 कम थी।

इन पांच जिलों में सबसे कम लिंगानुपात

भारत का औसत लिंगानुपात 2022-23 में 933 रहा है। 2011 की जनगणना के वक्त लिंगानुपात 943 था। 2019 और 2021 में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में लिंगानुपात 929 दर्ज किया गया था। हरियाणा के पांच जिलों में लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है, इनमें चरखी दादरी में 869, फरीदाबाद में 899, गुरुग्राम में 899, रेवाड़ी में 873 और रोहतक में 888 है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव और आयुक्त अमनीत पी कुमार ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के कारण लिंगानुपात में वृद्धि हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत 1208 केस दर्ज किए गए थे जबकि रेड के बाद 386 एफआईआर की गई थी। अवैध गतिविधियों के संबंध में 4000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था।



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