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हरियाणा में IAS अधिकारी ने पोस्टिंग पर सवाल उठाए: दूसरे अधिकारी पर बोले-सुविधा मिलते ही जनाब खामोश, कड़वा-कड़वा थू-थू , मीठा-मीठा गप-गप – Haryana News


हरियाणा के 2 IAS अधिकारियों की कंट्रोवर्सी फिर सोशल मीडिया पर छा गई है। एक IAS अधिकारी ने दूसरे IAS अधिकारी की पोस्टिंग पर सवाल उठाए हैं। IAS अधिकारी संजीव वर्मा ने अपने कलीग ऑफिसर अशोक खेमका की नई पोस्टिंग को मलाईदार बताया है। उन्होंने खेमका का नाम

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इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है, ‘हरियाणा के एक आला अधिकारी कम महत्व का पद मिलते ही नाइन्साफी की दुहाई ट्विटर पर अक्सर मुखरता से देते रहे हैं। आज सुविधा मिलते ही जनाब खामोश हैं। कड़वा-कड़वा थू-थू , मीठा-मीठा गप-गप। देखते हैं, इस मिठास में जनाब की खामोशी कब तक बरकरार रहती है।’

इसलिए संजीव वर्मा ने की पोस्ट

दरअसल, हरियाणा के 1991 बैच के IAS अधिकारी अशोक खेमका अभी तक प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी देख रहे थे। हाल ही में सीएम नायब सैनी के सेकेंड टर्म की सरकार में जारी हुई 44 IAS अधिकारियों की ट्रांसफर लिस्ट में अशोक खेमका को कैबिनेट मंत्री अनिल विज के साथ लगा दिया गया है।

अनिल विज के पास परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी है। खेमका को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (ACS) लगाया गया है। मनोहर लाल खट्‌टर और नायब सैनी के सीएम कार्यकाल में खेमका की यह पहली ऐसी पोस्टिंग है, जो अच्छी बताई जा रही है।

नियुक्तियों को लेकर छिड़ा था दोनों में विवाद

हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन में 2010 में हुई नियुक्तियों को लेकर अशोक खेमका और संजीव वर्मा के बीच विवाद छिड़ा था। संजीव वर्मा ने वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के एमडी के पद पर रहते हुए अशोक खेमका के कार्यकाल में इसी कॉर्पोरेशन में हुई नियुक्तियों में अनियमितताएं बरतने के आरोप लगाए थे, जबकि खेमका का कहना था कि जो भी नियुक्तियां हुई हैं, वह हाई पावर कमेटी ने की हैं।

वर्मा और खेमका का यह विवाद पुलिस तक पहुंचा। जिसके बाद दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ FIR तक दर्ज कराई। अब मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। खेमका ने आरोप लगा रखा है कि जब वर्मा समाज कल्याण विभाग में निदेशक थे, तब वह सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग करते थे।

खेमका के अब तक 56 बार बदले विभाग

IAS अधिकारी अशोक खेमका का 32 साल की नौकरी में 56वीं बार ट्रांसफर हुआ है। इससे पहले 2022 में पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्‌टर के कार्यकाल में उनका ट्रांसफर किया गया था। इस दौरान उन्होंने अपने ट्रांसफर पर सवाल उठाए थे।

ट्रांसफर के बाद IAS अशोक खेमका ने अपने ट्वीट में लिखा था- ‘एक बार फिर अभिलेखागार विभाग मिला है। एक सरकारी अधिकारी को एक सप्ताह में कम से कम 40 घंटे का काम सौंपा जाता है, लेकिन अब ईमानदार और अपने काम के प्रति अडिग लोगों से निपटने की एक नई ट्रिक सोची गई है, जिसमें सिविल सेवा बोर्ड के नियमों को नजरअंदाज करते हुए कम से कम काम सौंपा जाए। स्वाभिमान को नष्ट करो और अपमान का ढेर लगाओ। यह किसके हित में है?’

DLF लैंड डील केस में भी आ चुके आमने-सामने

हरियाणा की बहुचर्चित DLF-वाड्रा लैंड डील पर भी ये दोनों IAS अधिकारी आपस में भिड़ चुके हैं। पहले अशोक खेमका ने लैंड डील की जांच को लेकर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद संजीव वर्मा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन पर निशाना साधा था। हालांकि दोनों ने एक-दूसरे के नाम नहीं लिखे थे। इन दोनों IAS अधिकारियों के बीच पहले भी लड़ाई चलती रही है। जिसकी शिकायतें तक सरकार के पास पहुंची हैं। दोनों की शिकायतों की जांच सरकार करा रही है।



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