बंदरों के पास से गुजरती युवतियां, जीटी रोड के पास बैठा आवारा कुत्ता।
हिसार में हांसी के स्थानीय अस्पताल में कुत्तों और बंदरों के द्वारा काटे जाने से घायल होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सामान्य अस्पताल में में प्रतिदिन लगभग 10 मरीजों से ज्यादा मैरिज एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल पह
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विशेष पर्यवेक्षक ने जताई थी नाराजगी
हाल ही में हांसी सामान्य अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन के विशेष पर्यवेक्षक बालकृष्ण गोयल ने भी हांसी क्षेत्र में कुत्ते और बंदरों के इतने मामले आने पर चिंता जाहिर की थी। अगर फरवरी महीने की बात करें तो लगभग 1042 मामले कुत्ते और बंदर के काटने के दर्ज हुए थे।
हालांकि सामान्य अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन का तो पूरा स्टॉक मौजूद है। मगर इस प्रकार के मामलों में बढ़ोतरी चिंता का विषय है। वहीं 22 फरवरी से 29 फरवरी के बीच लगभग 93 लोग एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंचे।
क्या कहते हैं अध्यक्ष
हांसी नगर परिषद के अध्यक्ष प्रवीण ऐलावादी ने कहा कि अभी पिछले दिनों ही हमने सभी बंदरों को पकड़वाकर बाहर छुड़वा दिया था। मगर अभी फिर कहीं से बंदर दोबारा आ गए हैं। आवारा कुत्तों से निपटने के लिए भी मैं अपने अधिकारियों को लेकर हिसार परामर्श करूंगा। और जल्दी ही हम कोई समाधान निकाल लेंगे।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि कुत्तों या बंदरों के काटने पर तुरंत टेटनस और एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाना चाहिए और इन जानवरों के संपर्क में आने से बचने और सतर्क रहने की आवश्यकता है।