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हाथियों का खौफ, पेड़ पर मचान बना रात गुजार रहे: कई गांवों में शाम होते घर छोड़ देते हैं लोग, कंटीले तार से घरों को घेरा – Chandil News


बिदु महतो ने घर के पास पेड़ पर बनाया मचान।

चांडिल वन क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। हेवेन, गुंडा, तिल्ला, लाकड़ी और चिंगड़ा पंचायतों के गांवों में सूरज ढलते ही लोग घरों में नहीं रुकते। मंदिर, स्कूल या किसी सार्वजनिक स्थल की ओर भागने की तैयारी करते हैं। हाथियों का झुंड कभ

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ग्रामीणों की रातें अब जागते हुए बीत रही हैं। दिन में लोग छतों पर चढ़कर हाथियों की निगरानी कर रहे हैं, वहीं रात मचान पर गुजार रहे हैं। घर को हाथी के हमले से बचाने के लिए कटीले तार से घेर दिया गया है। वहीं, हाथियों के डर से किस्टोपुर टोला के ग्रामीण पलायन कर चुके हैं। टोला जाने वाली सड़क पर झाड़ियां उग आई हैं। गांव के गोपाल गोराई ने बताया कि टोला में 20 घर थे। सभी हाथियों ने तोड़ दिए।

मचान के दोनों ओर हाथियों की निगरानी के लिए हैलोजन लाइट लगाया है।

हाथियों के डर से पेड़ पर मचान बना लिया

हेवेन पंचायत के आंडा गांव के पास के पहाड़ पर 18 जंगली हाथियों का झुंड डेरा डाले हुए हैं। बिदु महतो का घर आंडा पहाड़ से सटा है। हाथियों के डर से उन्होंने पेड़ पर मचान बना लिया है। बिदु महतो कहते हैं – आंडा पहाड़ से मेरा घर सटा है। इसलिए मैंने अपने परिवार की सुरक्षा के लिए बेटों के साथ मिल पेड़ पर मचान बनाया।

मचान के दोनों ओर हाथियों की निगरानी के लिए हैलोजन लाइट लगाया है। मैं, पत्नी, चार बेटे, दो बहू और एक पोती पूरी रात पेड़ पर बने मचान पर रहते हैं। मचान पर किसी तरह रात गुजरती है। घर को बचाने के लिए उसे कटीले तार से घेर दिया है।

ग्रामीणों का आरोप वन विभाग नहीं दे पा रहा सुरक्षा कुशपुतुल गांव के अमर सिंह, लेदु सिंह व आंडा गांव के अशोक कुमार महतो ने कहा कि वन विभाग हाथियों से उन्हें सुरक्षा नहीं दे पा रहा है। हाथियों को खदेड़ने के लिए विभाग ने कुछ ​नहीं दिया। ग्रामीण खुद पटाखा व मोबिल खरीद हाथियों को गांव से खदेड़ रहे हैं।

हाथियों से निपटने के लिए क्यूआरटी की दो टीमों को तैनात किया गया है। बंगाल से आया 18 हाथियों का दल इलाके में उत्पात मचा रहा है। कई बार खदेड़ा गया। -शशि प्रकाश, रेंजर



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