केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की दिल्ली और गाजियाबाद की संयुक्त टीम ने देर रात टेक्सटाइल सेंटर स्थित रुस्तम इंडस्ट्रीज नामक फैक्टरी पर छापा मारा। इस कार्रवाई में टीम ने 25 लाख रुपए की नकली दवाई बरामद की और फैक्टरी के संचालक अजय शर्मा
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छापे का विवरण
भारत सरकार के औषधि महानियंत्रक डा. राजीव सिंह रघुवंसी और प्रदेश हेड डा. हेमंत चौधरी के नेतृत्व में पुलिस की टीम के साथ यह छापा मारा गया। टीम ने सबसे पहले फैक्टरी का मुख्य गेट बंद किया और संचालक अजय शर्मा को हिरासत में लिया। फैक्टरी में मौजूद दवाओं की जांच की गई, जिसमें बड़ी मात्रा में नकली दवाएं बरामद हुईं। जांच में शामिल अफसरों ने बताया कि इन दवाओं के कार्टून को कब्जे में लेकर उनकी गहन जांच की जा रही है।
टीम ने दो ब्लस्ट और दो स्ट्रीप मशीनों को भी सील कर दिया। हैरान करने वाली बात यह है कि संचालक अजय शर्मा के पास दवाएं बनाने का कोई लाइसेंस नहीं है। हालांकि, उसके साथ काम कर रहे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
नकली दवाओं की पहचान
सीडीएससीओ उत्तरी क्षेत्र के अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि छापे के दौरान जीएसके कंपनी की औगमेंटीन 625 एमजी और जाइडिस केडिला कंपनी की डेक्लोपैरा पैरासिटामोल जैसी दवाएं बड़ी मात्रा में बरामद हुईं। इनमें एंटीबायोटिक, बुखार, बदन दर्द आदि जैसी दवाएं शामिल थीं, जिनका सेवन करके लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा था। इस फैक्टरी का संचालन पिछले पांच महीनों से किया जा रहा था, जिसकी गोपनीय शिकायत मिलने के बाद से इसे नजर में रखा गया था।
रैकी का एक सप्ताह का अभियान
सीडीएससीओ की टीम पिछले दस दिनों से पिलखुवा-हापुड़ क्षेत्र में इस फैक्टरी की रैकी कर रही थी। टीम में शामिल सदस्यों ने बताया कि विभिन्न कर्मचारी फैक्टरी के आसपास रोजाना मौजूद रहते थे और फैक्टरी में आने-जाने वाले व्यक्तियों पर नजर रखते थे। इस जांच के बाद, सुनिश्चित होने पर ही यह कार्रवाई की गई।
इस छापेमारी से यह स्पष्ट होता है कि नकली दवाओं के कारोबार पर काबू पाने के लिए सरकारी एजेंसियों की vigilance बहुत जरूरी है, ताकि आम जनता का स्वास्थ्य सुरक्षित रह सके।