मंडी में बयास नदी किनारे एक बड़े पत्थर पर छोटे-छोटे बच्चे मस्ती करते हुए और पीछे नदी का तेज बहाव
हिमाचल प्रदेश में टूरिस्ट बार-बार समझाने पर भी नहीं मा रहे। ताजा मामला मंडी का है। स्थानीय प्रशासन लाउड-स्पीकर से नदी नालों के आसपास नहीं जाने की अपील कर रहा है। मगर टूरिस्ट मानने को तैयार नहीं है। बरसात के मौसम में भी बीच नदी के उतरकर फोटो व सेल्फी
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बुधवार सुबह के वक्त मंडी जिला प्रशासन की एक टीम गाड़ी में लाउडस्पीकर लगाकर नदी किनारे नहीं जाने की सलाह दे रही है। मगर पंजाब और हरियाणा के कुछ टूरिस्ट नदी किनारे जाकर मौज मस्ती करते देखे गए। हैरानी इस बात की है कि छोटे छोटे बच्चों को भी उनके परिजन नदी किनारे अकेले भेज रहे हैं।
बीते कुछ दिनों से लगातार लाउड-स्पीकर से टूरिस्ट को यह एडवाइजरी दी जा रही है।
मंडी में बयास नदी किनारे सेल्फी लेते हुए टूरिस्ट
लाउडस्पीकर पर क्या बोला जा रहा?
जिला प्रशासन लाउड स्पीकर पर अनाउस कर रहा था कि पंडोह डैम में पानी का लेवल बढ़ रहा है। इससे कभी भी पानी छोड़ा जा सकता है। कृपया बयास नदी के किनारे न जाए। यह वही बयास नदी है जिसने साल 2023 में कहर बरपाया था। पंचवक्त्र मन्दिर जो कभी पानी में नहीं डूबा था वह 2023 की भारी बारिश के दौरान जलमग्न हो गया था। टूरिस्ट फिर भी मानने को तैयार नहीं है।
हिमाचल CM की अपील
इस बीच हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी देशभर के टूरिस्ट से नदी-नालों के आसपास नहीं जाने की अपील की है। उन्होंने कहा, खतरा नदी-नालों के आसपास है।
शहरी क्षेत्रों में कोई खतरा नहीं है। इसे देखते हुए उन्होंने देशभर के टूरिस्ट से मानसून पर्यटन का आनंद उठाने की अपील की और कहा कि पहाड़ों पर बरसात में भी किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। पर्यटकों को राज्य सरकार और जिला प्रशासन की एडवाइजरी का ध्यान रखना होगा।
मंडी में सफेद रंग की बोलेरो गाड़ी जो कि कई दिनों से लाउड स्पीकर से टूरिस्ट को नदी किनारे नहीं जाने की एडवाइजरी जारी कर रही है।
देशभर से काफी संख्या में पहाड़ों पर पहुंच रहा टूरिस्ट
वहीं देशभर से इन दिनों पहाड़ों पर काफी संख्या में टूरिस्ट पहाड़ों पर आ रहा है। शिमला, मनाली, डलहौजी, कसौली इत्यादि पर्यटन स्थलों के होटलों में 50 से 60 फीसदी के बीच ऑक्युपेंसी चल रही है। वीकेंड पर इसके 80 से 90 फीसदी पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में कई टूरिस्ट फोटो व सेल्फी लेने के लिए नदी नालों के बीच या नदी किनारों में उतर जाते हैं।
बीते सप्ताह सोलन के साधुपुल में एक टूरिस्ट 20 लाख रुपए की नई अप्लाइड फोर गाड़ी नदी में उतार देता है। नदी का जल स्तर अचानक बढ़ता है। इससे गाड़ी बुरी तरह नदी में फंस जाती है। तब जेसीबी की मदद से गाड़ी को निकाला जाता है।
जिस वक्त मंडी में एडवाइजरी करके करके बोलेरो कैंपर गाड़ी आगे बढ़ी, उसी वक्त सर्कल में नजर आ रहे टूरिस्ट बयास नदी के बीचोंबीच सेल्फी लेने में व्यस्त है।
22 मई को दो टूरिस्ट की पार्वती नदी में डूबने से मौत
बीते 22 मई को कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में भी कुछ टूरिस्ट नदी मस्ती कर रहे होते है। इस दौरान पार्वती नदी में अचानक जल स्तर बढ़ने से पांच टूरिस्ट बह जाते हैं। इनमें से तीन को सुरक्षित रेस्क्यू किया जाता है, मगर दो की मौत हो जात है।
24 छात्र एक साथ इसी नदी में बहे थे
टूरिस्ट की यह मनमानी उनकी जान पर भारी पड़ सकती है। साल 2014 में भी टूरिस्ट बनकर हिमाचल आए स्टूडेंट ने ऐसी ही लापरवाही की थी। बयास नदी के बीचोंबीच हैदराबाद के एक इंजीनियरिंग कालेज के 24 छात्र बह गए थे।
सभी छात्र नदी में जाकर सेल्फी ले रहे थे। तभी लारजी बांध के गेट खोले गए। इससे बयास नदी का जल स्तर अचानक बढ़ा और सभी छात्र एक एक कर बह गए। कई छात्रों के शव 10 से 12 दिन बाद पंडोह डैम में बरामद हुए थे।