भारत-पाक में बढ़ते तनाव के बीच हिमाचल प्रदेश में लगी सोलर लाइट अब परेशानी का सबब बनती जा रही है। शहरों और गांव-गांव में लगी सोलर लाइट ब्लैक आउट में सबसे बड़ी बाधा पैदा कर रही है।
.
पाकिस्तान की ओर से बढ़ते ड्रोन हमलों के बीच बार-बार रात में लाइट बंद करने एडवाइजरी दी जा रही है। मगर सोलर लाइट बंद नहीं होती। इसमें किसी भी प्रकार का स्विच नहीं होता। इन्हें बंद करने के लिए बैटरी से डिस्कनेक्ट करना होता है। यह काम हर व्यक्ति के लिए कर पाना संभव नहीं है।
शिमला में भी मॉक ड्रिल में बाधा बनी सोलर लाइट
शिमला में बीते बुधवार को जब मॉक ड्रिल के गई तो उस रात को भी ब्लैक आउट के लिए कहा गया। ज्यादातर लोगों ने अपने घरों की लाइटें बुझा दी थी, लेकिन सड़क, रास्तों व गलियों में लगी लाइटें बंद नहीं हुई।
सोलर लाइट
सरकार ने सब्सिडी देकर लगा रखी सोलर लाइट
हिमाचल में सोलर लाइट न केवल शहरों में बल्कि दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगी हुई है। हिमाचल में इनकी संख्या हजारों में है। इन्हें केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत लगाया गया है।
प्रदेश में 30 हजार से भी ज्यादा सोलर लाइट
प्रदेश में 3577 पंचायतें और 200 से ज्यादा शहरी निकाय है। कई पंचायतों में इनकी संख्या 50 से भी ज्यादा है। इसी तरह कई बड़े शहरी निकाय में 200 से भी अधिक सोलर लाइट लगी है। इससे प्रदेश में सोलर लाइटों की संख्या 30 हजार से भी ज्यादा मानी जा रही है।
स्थानीय शहरी निकाय और पंचायतों ने सब्सिडी पर ये लाइट्स ग्रामीणों को मुहैया करवा रखी है, लेकिन अब ये लाइट चुनौती बनती जा रही है।
12 फीट की ऊंचाई पर लगी सोलर लाइट
सोलर लाइट एक पोल पर लगभग 12 फीट की ऊंचाई पर लगी है। ऐसे में इन्हें काले कपड़े से ढकने में भी परेशानी हो रही है। हिमाचल में डीसी के निर्देशों पर कुछ पंचायतें और शहरी निकाय इन लाइट को काले कपड़े से ढकने की सलाह जरूर दे रहे हैं। खासकर कांगड़ा व ऊना जिला के कुछेक क्षेत्रों में जिनकी सीमाएं पंजाब से लगती है, वहां संबंधित जिलों के डीसी द्वारा सोलर लाइट को ढकने की एडवाइजरी दी जा रही है। इसे लेकर शहरी विकास विभाग और पंचायतीराज विभाग एक दो दिन में एसओपी जारी कर सकता है।