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हिमाचल: संजौली मस्जिद मामले में आज कोर्ट में सुनवाई: JE द्वारा फाइल की जाएगी स्टेटस रिपोर्ट; हिंदू संगठन अवैध ढांचे को गिराने पर अड़े – Shimla News


शिमला के संजौली में मस्जिद मामले में बीते दिनों प्रदर्शन करते हुए लोग

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में अवैध मस्जिद मामले में आज नगर निगम (MC) आयुक्त कोर्ट में सुनवाई होगी। इसमें संबंधित JE (कनिष्ठ अभियंता) द्वारा आयुक्त कोर्ट में ताजा स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। इससे पहले MC शिमला ने मस्जिद की पूरी पै

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इसमें JE द्वारा कोर्ट को बताया जाएगा कि कितने वर्ग मीटर एरिया में मस्जिद बनी है। पुरानी मस्जिद कितने एरिया में थी और पुराना स्ट्रक्चर कितना मंजिल था। नया स्ट्रक्चर कितना मंजिल में बना है। इस रिपोर्ट के आधार पर सुनवाई होगी।

वहीं पिछली सुनवाई के बाद संजौली मस्जिद कमेटी ने नगर निगम आयुक्त को कोर्ट का फैसला आने पर खुद अवैध हिस्से को तोड़ने की पेशकश कर दी है। जब तक फैसला नहीं आ जाता तब तक कमेटी ने अवैध हिस्से को सील करने की सिफारिश की है।

दरअसल, पिछली सुनवाई में आयुक्त कोर्ट ने जेई को ताजा स्टेटस रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे। आज इस केस में लोकल रेजिडेंट (हिंदू संगठन) भी अपना पक्ष एडवोकेट के जरिए रखेंगे। पिछली सुनवाई में लोकल रेजिडेंट ने इस केस में पार्टी बनने की एप्लिकेशन दी थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर दिया था।

लोकल रेजिडेंट के एडवोकेट जगत पाल ने पिछली सुनवाई में दावा किया कि जिस जमीन पर मस्जिद बनी है, वह सरकारी है। वक्फ बोर्ड ने अतिक्रमण कर रखा है। उन्होंने बताया कि 14 साल से इस केस में कोई अफेक्टिव कार्यवाही नहीं हुई, क्योंकि इससे पहले गलत आदमी के खिलाफ केस चल रहा था। बीच में लगभग साढ़े 13 साल बाद वक्फ बोर्ड की एंट्री होती है।

क्या है संजौली मस्जिद का विवाद

मस्जिद मामले में पहली बार साल 2010 में नगर निगम के पास शिकायत पहुंची थी। यहां अवैध निर्माण करने के आरोप लगे थे। निगम प्रशासन के अनुसार, पहले मौके पर एक मंजिल और एटिक के रूप में मस्जिद थी, लेकिन साल 2024 तक यहां अब एटिक को मिलाकर 5 मंजिलें बन गई।

साल 2010 से ही इस मामले में MC आयुक्त कोर्ट में केस चल रहा है। सुनवाई के दौरान भी अवैध निर्माण चलता रहा। MC ने कई बार काम रोकने के आदेश जारी किए। इस मामले में अब तक 44 पेशियां हो चुकी हैं।

शिमला के संजौली में बनी पांच मंजिला मस्जिद

मल्याणा में मारपीट के बाद पकड़ा तूल

दरअसल, मल्याणा क्षेत्र में 31अगस्त की शाम को एक व्यक्ति के साथ विशेष समुदाय के लोगों ने मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपी गिरफ्तार किए। आरोप लगा कि वारदात को अंजाम देकर आरोपी मस्जिद में छिपे।

जिसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया और अवैध बताकर मस्जिद को गिराने पर अड़ गए। अब यह मामला पूरी तरह तूल पकड़ चुका है।इस मामले में लोग संजौली में 2 बार, 1 बार विधानसभा के बाहर और 11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन लोग कर है।

मंडी में अ‌वैध मस्जिद गिराने के आदेश

इसके बाद प्रदेशभर में व्यापारियों ने बाजार बंद रखे। जगह जगह हिंदू संगठनों और देवभूमि संघर्ष समिति द्वारा प्रदर्शन और हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा हैं।संजौली से भड़की चिंगारी के बाद दूसरे शहरों में भी अवैध मस्जिद तोड़ने की मांग तेज हुई।

इसके बाद नगर निगम आयुक्त मंडी ने मंडी मस्जिद को तोड़ने के आदेश दिए।

आरोप- बिना मंजूरी के 5 मंजिला मस्जिद बना दी गई

  • आरोप है कि संजौली के पॉश इलाके में बिना अनुमति और नक्शा पास किए बगैर 5 मंजिला मस्जिद बना दी गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने आते हैं। 4 दिन पहले प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया था कि मुस्लिम समुदाय के लोग कुछ घरों में ताक-झांक कर रहे थे।
  • 73 साल के श्याम लाल ने बताया, ‘पहले यहां छोटी मस्जिद थी। एक समुदाय के 2 ही परिवार यहां रहते थे, लेकिन बीते कुछ सालों के दौरान यहां बड़ी संख्या में बाहर से आकर लोग बसने लगे। बाहरी लोगों ने ही यहां बहुमंजिला मस्जिद बनाई। जो मस्जिद पहले बनी थी, वो कच्ची और दोमंजिला थी। नमाज के वक्त यहां लोगों की काफी भीड़ होती है। इससे लोगों का इस इलाके में चलना भी मुश्किल हो जाता है।

इमाम बोले- 1947 में बनी पुरानी मस्जिद

मस्जिद के इमाम शहजाद ने इस मामले में कहा कि मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी, जिस पर 2 मंजिल पहले से बनी थीं। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वो सभी को मंजूर होगा।



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