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होम्योपैथी डॉक्टर-प्रेस मालिक की बहन ने सेट किया पेपर: पूर्व DGP को थी सिपाही भर्ती पेपर लीक की जानकारी, प्रेस को एडवांस पेमेंट दिया, कमीशन भी ली – Patna News


सिपाही बहाली का क्वेशन पेपर विशेषज्ञों ने सेट किया था। ऐसा पूर्व डीजीपी व केंद्रीय चयन पर्षद के तत्कालीन अध्यक्ष एसके सिंघल का दावा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। प्रिंटिंग प्रेस वालों ने खुद ही क्वेशन पेपर सेट कर लिया था। ईओयू की जांच में यह सच सामने

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प्रश्न-पत्र सेट करने में विशेषज्ञों की मदद नहीं ली गई थी। कालटैक्स प्रिंटिंग प्रेस की निदेशक सह होम्योपैथी की डॉक्टर सुपर्णा चक्रवर्ती और प्रिंटिंग प्रेस के मालिक की बहन संघमित्रा ने इसे सेट किया था। संघमित्रा ब्लेसिंग सेक्योर के मालिक कौशिक कर की बहन है। वह ग्रेजुएट हैं। भाई की कंपनी में ही नौकरी करती हैं। दोनों ने पुराने प्रश्नपत्र, क्वेश्चन बैंक और गूगल की मदद से सिपाही बहाली का प्रश्नपत्र सेट किया। यही नहीं पूर्व डीजीपी के मोबाइल के सीडीआर के विश्लेषण से यह साबित है कि उन्हें सारे खेल की जानकारी थी। उनके मोबाइल का लोकेशन प्रिंटिंग प्रेस के आसपास ही था।

बता दें कि सिपाही बहाली पेपर लीक मामले में पूर्व डीजीपी सिंघल से 44 प्रश्न पूछे गए थे। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने स्वीकार किया है कि कालटैक्स मल्टीवेंचर के विशेषज्ञों से विमर्श कर पुराने प्रश्नपत्रों के ट्रेंड के आधार पर वास्तविक क्वेशन पेपर बनाने पर सहमति बनी थी। पूर्व डीजीपी सिंघल ने ईओयू को दिए जवाब में कहा है कि प्रेस के साथ करार परीक्षा प्रक्रिया से जुड़े स्टैंडर्ड फॉरमेट के आधार पर किया गया। जांच में यह बात आई है कि कौशक कर की ब्लेसिंग सेक्योर प्रिंटिंग प्रेस यूपी में ब्लैक लिस्टेड हो चुकी थी। वह जेल जा चुका था।

प्रेस को एडवांस पेमेंट दिया, कमीशन भी लिया

पूर्व डीजीपी से पूछताछ में आए तथ्यों को परखें तो मद्यनिषेध और सिपाही बहाली परीक्षा के संचालन की प्रक्रिया एक ही थी। पूर्व डीजीपी ने कहा है कि सिपाही भर्ती परीक्षा में कालटैक्स के अनुरोध पर करार की शर्तों के अनुसार एडवांस पैसा उपलब्ध कराया गया था। मद्यनिषेध बहाली और सिपाही भर्ती परीक्षा में कुल खर्च 8 करोड़ 85 लाख 82 हजार 533 रुपए हुए थे। मद्यनिषेध बहाली में 2 करोड़ 95 लाख 3 हजार 375 रुपए और सिपाही भर्ती में 5 करोड़ 90 लाख 79 हजार 158 रुपए का खर्च आया।

सौरभ बंदोपाध्याय ने अपने कबूलनामे में कहा है कि प्रश्न-पत्र छपाई का काम कालटैक्स को इस शर्त पर मिला कि उसे प्रोजेक्ट के कुल लागत का 10 प्रतिशत कमीशन अध्यक्ष को देना होगा। इस बात की जब जानकारी कौशिक को हुई और वह कमीशन देने को तैयार हो गया। 2023 में सिपाही बहाली का विज्ञापन निकला और सौरभ ने दोबारा सिंघल से भेंट की और सिंघल ने कुल लागत के 10% कमीशन पर गोपनीय कार्य का जिम्मा फिर से कालटैक्स को दे दिया।

सिंघल का मोबाइल लोकेशन बता रहा कि उन्हें सब पता था

कौशिक कर ने अपनी कंपनी के कर्मियों को निदेशक बनाते हुए 2021 में कालटैक्स नाम से कंपनी बनाई। इसी कंपनी को पूर्व डीजपी ने सिपाही बहाली के प्रश्नपत्र की छपाई का ठेका दे दिया। इस कंपनी के पास न तो प्रिंटिंग प्रेस है। न ही अपना ऑफिस है। इसका रजिस्टर्ड पता भी फर्जी है। प्रेस का भौतिक सत्यापन भी नहीं किया गया। सिंघल चार दिनों तक कोलकाता में ब्लेसिंग सेक्योर के गेस्ट हाउस में ठहरे थे। पूर्व डीजीपी के मोबाइल के सीडीआर के विश्लेषण से यह साबित है। उनके मोबाइल का लोकेशन प्रिंटिंग प्रेस के आसपास ही था।

40 सवाल पूर्व डीजीपी को भेजे गए, अब तक 16 के खिलाफ चार्जशीट

पूर्व डीजीपी के जवाब से ईओयू संतुष्ट नहीं है। अब दोबारा उनसे पूछताछ होगी। उन्हें 40 प्रश्नों की प्रश्नावली भेजी गई है। ईओयू को जवाब का इंतजार है। इधर ईओयू मामले में संजीव मुखिया के बेटे डॉ. शिव उर्फ बिट्‌टू, अश्विनी रंजन उर्फ सोनू, विक्की, अभिषेक, कोलकाता स्थित ब्लेसिंग सेक्योर व कालटैक्स प्रिंटिंग प्रेस के निदेशकों कौशिक कर, सौरभ बंदोपाध्याय, सुमन विश्वास, संजय दास सहित 16 अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। फिलहाल इस मामले में चार अभियुक्त फरार है। जबकि, सरगना संजीव मुखिया की गिरफ्तारी पर रोक लगी हुई है।

ईओयू ने पूर्व डीजीपी के कारनामों की जानकारी गृह विभाग को दी

सिपाही बहाली पेपर लीक कांड में पूर्व डीजीपी पर कई आरोप हैं। ईओयू की जांच में साक्ष्य भी आए हैं। उनके मोबाइल का सीडीआर विश्लेषण, गिरफ्तार प्रेस निदेशकों का कबूलनामा आदि पुख्ता सबूत हैं। उनके और उनकी पत्नी के खातों की भी जांच की जा चुकी है। इन तमाम सबूतों और सिंहल के कारनामों से ईओयू ने गृह विभाग को अवगत करा दिया है। सिंघल और उनकी पत्नी सुमिता सिंघल के बैंक खाते, बचत खाते, निवेश योजना आदि की जानकारी जांच टीम खंगाल रही है। इसके लिए दिल्ली स्थित फाइनेंशियल इंटेलीजेंस युुनिट (एफआईयू) को भी लिखा गया है।



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