राजीव समौदा-निसदा डायवर्सन योजना (फेस-2) के अंतर्गत निर्माणाधीन ट्रफ एवं डीआरबी कार्य के पूरा हाे जाने से 28 हजार हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हाेगी।
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इस योजना के तहत 82 किलोमीटर लंबाई का मुख्य नहर प्रस्तावित है। इस निर्माण का शनिवार काे मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) आर पुराम ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माणाधीन एक्वाडक्ट की गुणवत्ता की नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग उपकरण से जांच की और प्रयोगशाला परीक्षण के लिए सैंपल लिए। यह परीक्षण रायपुर स्थित लैब में किया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान पुराम ने उक्त कार्य के संबंध में भू-अर्जन एवं वन स्वीकृति की प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए, ताकि कार्य में अनावश्यक विलंब न हो। राजीव समौदा-निसदा डायवर्सन योजना का मुख्य उद्देश्य महानदी मेन केनाल के जल को भाटापारा ब्रांच केनाल में डायवर्ट कर बलौदाबाजार एवं भाटापारा के गांवों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराना है। योजना की शुरुआत वर्ष 2005 में की गई थी, किंतु भू-अर्जन एवं वन स्वीकृति की प्रक्रिया में विलंब के कारण आज तक पूरी नहीं हो सकी है।
आरंग से कसडोल तक जाएगी नहर बताया गया है कि इस परियोजना से कुल 120 गांवों को लाभ मिलेगा, जिनमें से 12 गांव आरंग ब्लॉक और 108 गांव बलौदाबाजार जिले के अंतर्गत आते हैं। यह नहर निसदा (आरंग) से प्रारंभ होकर ग्राम मुंडा (कसडोल) तक जाएगी।