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14 जिलों में बिजली गिरेगी, अंधड़ चलेगी: दुर्ग-रायपुर में 60 किमी रहेगी हवा की रफ्तार, जशपुर-कोरिया में बौछारें में पड़ेंगी; बस्तर से आगे बढ़ेगा मानसून – Chhattisgarh News


बस्तर संभाग कि जिलों में गरज चमक के साथ बौछारें पड़ सकती है। बीजापुर में बादलों के बीच सूरज निकला हुआ है।

छत्तीसगढ़ में आज से बारिश की एक्टिविटी में बढ़ोतरी होगी। बस्तर में पिछले कुछ दिनों से अटका मानसून फिर सक्रिय हो सकता है। कुछ हिस्सों में इसके आगे बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि मानसून प्रदेश में ग्रेजुअली (धीरे-धीरे) आगे बढ़ेगा। पहले एक से दो जगहों पर बार

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इसके बाद बाकी सेंट्रल और नॉर्थ छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में स्ट्राइक करेगा। मौसम विभाग ने आज 14 जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने का यलो अलर्ट जारी किया है। वहीं अन्य जिलों में बिजली गिरने का यलो अलर्ट है। इन जिलों में 50 से 60 किमी की रफ्तार से हवा चल सकती है। कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ सकती है।

16 से 17 जून के बीच रायपुर पहुंचेगा मानसून

आज मानसून बस्तर से आगे बढ़ा तो उम्मीद है कि16 या 17 जून तक रायपुर पहुंच जाएगा। वहीं शुक्रवार शाम को रायपुर के कुछ जगहों पर बूंदाबांदी हुई। यह बारिश लोकल सिस्टम की वजह से हुई थी। इससे पहले बीते मंगलवार को राजधानी में आधे घंटे की बरसात से शहर के कई इलाकों में जल भराव हो गया। विधानसभा इलाके में ब्लैक आउट की स्थिति बन गई।

लेकिन इसके बाद से अच्छी बारिश नहीं हुई है। वहीं प्रदेश में सबसे ज्यादा तापमान 39.6 डिग्री सेल्सियस रायपुर का रहा।

मंगलवार को हुई बारिश की ये तस्वीर देखिए-

रायपुर में शाम होते ही जोरदार बारिश हुई है। सड़कों पर पानी भरने से राहगीर परेशान होते रहे।

अवंती विहार में कल शाम तेज आंधी तूफान में टीन का शेड उड़कर ट्रांसफॉर्मर पर आकर अटक गया।

जून में अब तक सामान्य से कम बारिश

अब तक की बात करें तो जून में 33 में से 27 जिले (लगभग 82%) में बारिश सामान्य से कम रही है। सिर्फ 6 जिलों में बारिश सामान्य या उससे अधिक रही है। पूरे राज्य में औसतन 51% वर्षा की कमी है, जो सामान्य से कम मानी जाती है। इस समय मानसून की स्थिति कमजोर है और स्थिति यही रही, तो खरीफ फसलों पर असर पड़ सकता है।

जून का रहा है यही ट्रेंड

हालांकि मौसम विभाग की माने तो जून का ट्रेंड यही रहा है। शुरूआती 10 से 12 दिन गर्मी बढ़ती है। इसके बाद बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में बनने वाले लो प्रेशर एरिया या चक्रवातों के चलते मानसून सक्रिय हो जाता है। इस बार भी ऐसा ही होने की उम्मीद है। ओवर ऑल बात करें तो जून में अब तक 51% कम बारिश हुई है।

पिछले साल के मुकाबले स्थित बेहतर

हालांकि इस बार की स्थित पिछले साल के मुकाबले बेहतर है। साल 2024 में जून का अधिकतम तापमान 45.7°C था, जो 1 जून को दर्ज किया गया था। जबकि इस साल अधिकतम तापमान अब तक 42 से 43°C के आस-पास ही रहा है। वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 23.5°C 19 जून को रिकॉर्ड किया गया था।

पिछले साल जून में पूरे महीने के औसत तापमान की बात करें तो 38.6°C रहा था। वहीं न्यूनतम औसतन तापमान 27.7°C दर्ज किया गया था।

मई में 374 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी

पिछले माह लगातार बने सिस्टम और करीब 14 दिन पहले आए मानसून ने पूरे छत्तीसगढ़ में मई महीने में जमकर बारिश कराई। इस दौरान औसत से 373 फीसदी ज्यादा पानी गिर गया। इसके बाद से मानसून पिछले करीब 12 दिनों से ठहरा है। यह आगे ही नहीं बढ़ रहा है।

छत्तीसगढ़ में 22 मई से 28 मई के बीच 53.51 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। प्रदेश में मानसून में औसतन 1200 मिलीमीटर पानी बरसता है। पिछले साल 1276.3 MM पानी गिरा था।

प्रदेश के बदलते तापमान को दो इंफोग्राफिक से समझिए

गरज-चमक, बिजली और ओले गिरने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

  • गड़गड़ाहट सुनने के बाद घर के अंदर जाए या सुरक्षित पक्के आश्रय में रहें ।
  • अगर कोई आश्रय उपलब्ध नहीं है तो तुरंत उखडू बैठ जाएं।
  • पेड़ों के नीचे न ठहरें।
  • बिजली लाइन से दूर रहें।
  • इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें।

लंबा रह सकता है मानसून

मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियम समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी।

इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है।



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