जांजगीर चांपा जिले में जिला पंचायत सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न के मामलों की जनसुनवाई हुई। इस दौरान प्रदेश स्तर के 326 और जिले के 11 मामलों पर विचार किया गया। एक महत्वपूर्ण मामले में दो साल से अलग रह रहे दंपति को समझाकर साथ रहने के लिए तैयार किया गया।
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इस दंपति के दो बच्चों के हित को देखते हुए अगली सुनवाई 26 जून को जगदलपुर में रखी गई है। प्रोटेक्शन ऑफिसर एक साल तक इस परिवार की निगरानी करेंगे।
तीन महिला शिक्षिकाओं ने स्कूल के प्राचार्य और व्याख्याता पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। विभाग को दो महीने में इस मामले का समाधान करने को कहा गया है।
मां की वसीयत से जुड़ा विवाद
एक अन्य केस में एक महिला की मां की वसीयत से जुड़ा विवाद सामने आया। महिला के पास वकील की फीस देने के लिए पैसे नहीं थे। आयोग ने प्रोटेक्शन ऑफिसर को निःशुल्क वकील उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
13 साल के बच्चे की परवरिश को लेकर विवाद
एक मामले में जेल में बंद व्यक्ति के बच्चे का डीएनए टेस्ट चल रहा था। आवेदिका के अनुरोध पर यह केस बंद कर दिया गया। एक अन्य केस में 13 साल के बच्चे की परवरिश को लेकर विवाद था। दोनों पक्षों को सुलहनामा तैयार करने के निर्देश दिए गए।
महिलाओं को कर्ज देकर कोर्ट केस में फंसाने की एक शिकायत की जांच उप पुलिस अधीक्षक सत्यकला रामटेके और सखी प्रशासिका को सौंपी गई है।
हरसंभव मदद और न्याय दिलाने का भरोसा
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने सुनवाई में ये सभी फैसले लिए। इस दौरान पामगढ़ विधायक शेषराज हरबंश, प्रभारी सचिव पुष्पा किरण कुजूर और स्थानीय शिकायत समिति की जिलाध्यक्ष तान्या पांडेय उपस्थित रहीं।
जनसुनवाई के दौरान आयोग ने पीड़िताओं को हरसंभव मदद और न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।