नित्यांश को कोबरा ने काटा था, जिसके पैर का ऑपरेशन किया गया।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में चार बच्चों को सांप ने डस लिया था। इसमें 3 को जहरीले करैत ने तो 1 को कोबरा ने काटा था। बच्चों की हालत बिगड़ रही थी। तब उन्हें मेडिकल काॅलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डाॅक्टरों ने प्रयास किया और चारों बच्चों की जान बच
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जून माह में अलग-अलग तारीख को दितवी चौहान (4 साल), अनन्या यादव (9 साल), तारिका सिदार (1 साल) को करैत सांप ने सोते समय डस लिया। इसके अलावा नित्यांश चौहान (6 साल) को कोबरा सांप ने काट लिया था।
मामले की जानकारी होने पर उनके परिजन उन्हें पास के संबंधित सामुदायिक अस्पताल ले गए, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं होने पर डाॅक्टरों ने उन्हें रायगढ़ मेडिकल काॅलेज रेफर कर दिया।
बच्चों के शरीर में सांप का जहर फैल चुका था। स्थिति काफी गंभीर होते जा रही थी। शरीर में लकवे जैसे असर होने लगा था और बच्चों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी।
जहरीले सांप के काटने के बाद बच्ची को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी
बच्चों को वेंटिलेटर में रखना पड़ा
दितवी चौहान और अनन्या यादव होश में नहीं थे। दितवी चैहान को 8 दिन और अनन्या यादव को 2 दिन वेंटिलेटर में रखना पड़ा। आपातकालीन विभाग में बच्चों को वेंटिलेटर में रखा गया।
डाॅक्टर लगातार बच्चों को बचाने का प्रयास कर रहे थे। कई दिनों के इलाज से बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार आना शुरू हुआ और सभी बच्चों के स्वस्थ्य होने पर बुधवार को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया।
अन्नया के अंगुली में करैत सांप ने काट लिया था। इलाज के बाद बच्ची की हालत अब ठीक है।
विशेषज्ञ डॉक्टरों का प्रयास हुआ सफल
इलाज के दौरान एंटी स्नैक वेनम, आइनोट्रोप उपयुक्त एंटीबायोटिक और वेंटिलेटर के इस्तेमाल से बच्चों की जान बचाई जा सकी।
गंभीर स्थिति को देखते हुए बाल्य एवं शिशुरोग विभागाध्यक्ष डॉ. एलके सोनी, डॉ. गौरव क्लाडियस असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. अंशुल विक्रम श्रीवास्तव असिस्टेंट प्रोफेसर, डाॅ. दुष्यंत कुमार सिदार, डॉ नीना नीतिका पैंकरा, डॉ. राहुल बी पालड़िय और स्टॉफ नर्सों के प्रयासों से बच्चों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार आना शुरू हुआ।
बच्चे के पैर पर सांप ने काटा था, जिसका इलाज मेडिकल अस्पताल में किया गया।
केस- 1 2 जून को लैलूंगा क्षेत्र में रहने वाली दितवी चौहान (4 साल) घर में सो रही थी। तभी रात में करीब 3 बजे करैत सांप ने उसके बांए हाथ की उंगली में काट दिया था। जिसके बाद उसके परिजनों ने उसे लैलूंगा स्वास्थ्य केन्द्र ले गए।
जहां से उसे मेडिकल काॅलेज रेफर किया गया था। बच्ची के शरीर में सांप का जहर फैल चुका था। बच्ची को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। बच्ची का इलाज शुरू हुआ और उसके शरीर में सांप के जहर का असर कम होने के पर 8 दिवस बाद उसे वेंटिलेटर से बाहर निकाला गया।
केस- 2 12 जून को जशपुर जिला के ग्राम सुरजगढ़ की रहने वाली अनन्या यादव (9 साल) को रात में सोते समय करैत सांप ने दाएं हाथ की उंगली पर डस लिया था।
परिजन उसे पत्थलगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए, लेकिन उसकी हालत को देखते हुए डाॅक्टरों ने उसे मेडिकल काॅलेज अस्पताल रेफर कर दिया। बच्ची मेडिकल काॅलेज अस्पताल के इमरजेंसी विभाग मे गंभीर हालत में पहुंची थी।
बच्ची को सांस की नली डालकर वेंटिलेटर मशीन में रखा गया। इसके बाद बच्ची को चिकित्सकों की टीम द्वारा मशीन के साथ पीडियाट्रिक आईसीयू में शिफ्ट किया गया। बच्ची को इलाज के दौरान आंतरिक रक्तस्त्राव, पेशाब में खून आना समेत कई समस्याएं आयी।
केस- 3 12 जून को ग्राम भिकमपुरा सरिया में रहने वाली तारीका सिदार (1 साल) को सोते समय करैत ने पैर की उंगली पर काट लिया था। घटना के बाद उसके परिजनों ने उसे बरमकेला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए।
जहां से बच्ची को मेडिकल काॅलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया। आपातकालीन विभाग में हीं बाल्य एवं शिशुरोग विभाग के डॉक्टरों ने इलाज शुरू करते हुए बच्ची को पीडियाट्रिक आईसीयू में शिफ्ट किया गय। बच्ची के इलाज के दौरान एंटी स्नैक वेनम, 2 बॉटल खून चढ़ाया गया और आवश्यक दवाइयां दी गई।
केस- 4 10 जून को ग्राम कोलईबहाल का रहने वाला नित्यांश चौहान (6 साल) को दोपहर में कोबरा सांप ने पैर पर काट लिया था। जिसके बाद गंभीर हालत में उसे मेडिकल काॅलेज अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में लाया गया।
बच्चे के शरीर में सांप के जहर का असर फैल चुका था। दोनों पलकों में लकवा का लक्षण और सर्पदंश की जगह पर सूजन व पीलापन हो गया था। बच्चे के इलाज के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ा।
बच्चे को इलाज के दौरान एंटी स्नैक वैनम, 5 खून की बाॅटल, एंटीबायोटिक और जरूरी दवाइयां दी गई थी। सर्पदंश वाले पैर का ऑपरेशन कराया गया।