नई दिल्ली4 मिनट पहले
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दक्षिण पश्चिम मानसून के देश में तय समय से 4 दिन पहुंचने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि यह 27 मई को केरल के तट पर पहुंचेगा। आमतौर पर मानसून 1 जून को पहुंचता है।
मौसम विभाग के मुताबिक, 8 जुलाई तक मानसून पूरे देश को कवर करता है। अगर मानसून 27 मई को आता है तो 2009 के बाद पहली बार इतनी जल्दी केरल पहुंचेगा। 2009 में 23 मई को मानसून केरल पहुंचा था।
अंडमान-निकोबार में मानसूनी बारिश अगले हफ्ते अंडमान और निकोबार में मानसूनी बारिश अगले हफ्ते तक शुरू हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, अंडमान निकोबार के हिस्सों में 13 मई तक मानसून की एंट्री का अनुमान है।
इकोनॉमी के लिए अच्छी बारिश जरूरी देश में सालभर में होने वाली कुल बारिश का 70% पानी मानसून के दौरान ही बरसता है। देश में 70% से 80% किसान फसलों की सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर हैं। यानी मानसून के अच्छे या खराब रहने से पैदावार पर सीधा असर पड़ता है।
अगर मानसून खराब हो तो फसल कम पैदा होती है, जिससे महंगाई बढ़ सकती है।भारतीय अर्थव्यवस्था में एग्रीकल्चर सेक्टर की हिस्सेदारी करीब 20% है। वहीं, देश की आधी आबादी को कृषि क्षेत्र ही रोजगार देता है
अच्छी बारिश का मतलब है कि खेती से जुड़ी आबादी को फेस्टिव सीजन से पहले अच्छी आमदनी हो सकती है। इससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ती है, जो इकोनॉमी को मजबूती देती है।
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भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि इस बार जून से सितंबर तक मानसून सामान्य से बेहतर रहेगा। मौसम विभाग 104 से 110 फीसदी के बीच बारिश को सामान्य से बेहतर मानता है। यह फसलों के लिए अच्छा संकेत है। IMD के प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि 2025 में 105% यानी 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है। पूरी खबर पढ़ें…