भास्कर न्यूज | अमृतसर हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है। यह व्रत हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस वर्ष, निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून को किया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती
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निर्जला एकादशी का व्रत जीवन में सुख-समृद्धि लाता है और व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है। इस दिन अन्न और धन का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। निर्जला एकादशी का पौराणिक महत्व बहुत खास माना जाता है। एक बार व्यासजी के कहने पर पांडवों में भीम ने यह व्रत रखा था, तब से इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। भीम ने मोक्ष की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखा था। माना जाता है एकादशी के इस व्रत को करने से साल भर की सभी एकादशियों का व्रत करने के बराबर पुण्य मिलता है। निर्जला एकादशी का व्रत बहुत खास माना जाता है, ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से सारे पाप धुल जाते हैं। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा भी मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत करने वाले को मरने के बाद मोक्ष मिलता है। निर्जला एकादशी का व्रत करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है और व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास भी होता है। इस दिन अन्न और धन का दान करना बहुत शुभ माना जाता है।