बिहार सरकार एएमयू किशनगंज सेंटर के निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए आगे आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा 7 अप्रैल को महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव, नगर विक
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एएमयू किशनगंज सेंटर का मामला काफी पुराना है। बिहार सरकार ने 2011 में इसके लिए 224.02 एकड़ जमीन मुफ्त दी थी। सोनिया गांधी ने 2014 में 136.82 करोड़ रुपए की योजना का शिलान्यास किया था। लेकिन अब तक न तो धन जारी हुआ और न ही यूजीसी से पद स्वीकृत हुए।
पूर्व विधायक ने CM के समक्ष उठाया मुद्दा
2019 में दिल्ली की मुख्य अदालत ने एक महत्वपूर्ण आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की अनुमति के बिना इस जमीन पर कोई निर्माण नहीं हो सकता। पूर्व विधायक मुजाहिद आलम ने हाल ही में इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया। उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री राम दास अठावले और अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात की।
बिहार सरकार और एएमयू किशनगंज सेंटर की लगातार कोशिशों के बावजूद गंगा मिशन से निर्माण की अनुमति नहीं मिली है। यूजीसी ने भी 29 शिक्षण और 19 गैर-शिक्षण पदों की स्वीकृति नहीं दी है। मुख्यमंत्री की इस नई पहल से समस्याओं के समाधान की उम्मीद जगी है।