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CG के 6691 गांवों को केंद्र ने किया सिलेक्ट: अनुसूचित जाति-जनजाति वाले इलाकों में इंटरनेट, अस्पताल, सड़क पहुंचाने का होगा काम, मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी – Raipur News


छत्तीसगढ़ के गांवों की सूरत बदली जाएगी। इसके लिए मोदी सरकार कैबिनेट ने मंजूरी दी है । प्रदेश के 6000 से ज्यादा गांव को सिलेक्ट किया गया है। इन गांव में ट्राइबल मार्केटिंग सेंटर, स्कूल, अस्पताल, सड़के, इंटरनेट की सुविधा, मोबाइल फोन कनेक्टिविटी बढ़ाने

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छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य 6691 गांवों में रहने वाले आदिवासी परिवारों के सामाजिक-आर्थिक विकास के काम होंगे। गांवों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट लाए जाएंगे। योजना का मकसद गांव के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करना है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केन्द्र सरकार की ओर शुरू की गई इस योजना का राज्य में बेहतर क्रियान्वयन करने निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट द्वारा हाल में ही इस योजना को मंजूरी दी गई है। आदिवासी गांवों और आकांक्षी जिलों में काम किए जाएंगे। स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, कनेक्टिविटी एवं लाईवलीहुड के सेक्टर्स के काम होंगे। छत्तीसगढ़ के आदिम जाति विकास मंत्री नेताम ने बताया कि राज्य में कुल 30.62 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या निवास करती है। योजना में हर गांव के लिए 20.38 लाख के हिसाब से राशि की स्वीकृति मिली है। इसमें गांव की जरुरत के हिसाब से अलग-अलग काम होंगे।

मंत्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के 32 जिलों के 138 विकासखण्डो के 6691 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य गांवों में इस स्कीम के तहत काम शुरू होंगे। नई दिल्ली के जनजातीय कार्य मंत्रालय की मदद से गांव में ट्रायबल मल्टीपरपज मार्केटिंग सेन्टर्स, आश्रम शाला, छात्रावासों, शासकीय जनजातीय आवासीय विद्यालयों में अधोसंरचनात्मक सुधार, सिकलसेल डिजीज के लिए सपोर्ट-काउन्सलिंग, काम्पीटेन्स सेंटर की स्थापना, डिजिटाइलेशन के काम होंगे।

बुनियादी ढांचे का विकास इसमें पात्र परिवारों के लिए पक्का घर और अन्य सुविधाएं: पात्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) परिवारों को पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत नल के पानी (जल जीवन मिशन) और बिजली आपूर्ति (आरडीएसएस) की उपलब्धता के साथ पक्के आवास मिलेंगे। पात्र एसटी परिवारों की आयुष्मान भारत कार्ड (पीएमजेएवाई) तक भी पहुंच होगी। एसटी बहुल गांवों (पीएमजीएसवाई) के लिए सभी मौसम में बेहतर सड़क संपर्क, मोबाइल कनेक्टिविटी (भारत नेट) और इंटरनेट तक पहुंच प्रदान करना, स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा में सुधार के संसाधन उपलब्ध करवाए जाएंगे। आर्थिक सशक्तिकरण आजीविका (स्वरोजगार) में सुधार करना- प्रशिक्षण (कौशल भारत मिशन/जेएसएस) तक पहुंच प्रदान करना और यह सुनिश्चित करना कि एसटी समुदाय के छात्र/छात्राएं हर साल 10वीं/12वीं कक्षा के बाद दीर्घकालिक कौशल पाठ्यक्रमों तक पहुंच प्राप्त करें। इसके अलावा, जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (टीएमएमसी) के माध्यम से विपणन सहायता, पर्यटक गृह प्रवास, कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन के माध्यम से एफआरए पट्टा धारकों को सहायता प्रदान करना। अच्छी शिक्षा तक पहुंच शिक्षा- स्कूल और उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाना और जिला/ब्लॉक स्तर पर स्कूलों में जनजातीय छात्रावासों की स्थापना करके एसटी छात्रों (समग्र शिक्षा अभियान) के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सस्ता बनाना। स्वस्थ जीवन एसटी परिवारों की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना, शिशु मृत्यु दर (आईएमआर), मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) में राष्ट्रीय मानकों को हासिल करना और उन स्थानों, जहां स्वास्थ्य उपकेंद्र मैदानी क्षेत्रों में 10 किमी से अधिक और पहाड़ी क्षेत्रों में 5 किमी से अधिक हैं, वहां मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से टीकाकरण का कवरेज।

जिन गांवों में पर्यटन की संभावना है, वहां जनजातीय परिवारों तथा गांव को एक गांव में 5-10 गृह प्रवासों के निर्माण के लिए फंड दिया जाएगा। प्रत्येक परिवार दो नए कमरों के निर्माण के लिए 5 लाख रुपये तथा मौजूदा कमरों के पुनर्निर्माण के लिए 3 लाख रुपये तक तथा ग्राम समुदाय आवश्यकता के लिए 5 लाख रुपये का पात्र होगा।



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