Chhath Puja 2024 Sandhya Surya Dev Arghya: देशभर में चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा धूमधाम से मनाई जा रही है। आज इस महापर्व का तीसरा दिन है। छठ पूजा में तीसरे दिन का बेहद खास महत्व होता है। आज के दिन डूबते हुए सूर्य (Sunset) को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करने की परंपरा है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि छठ पूजा एकमात्र एक पर्व है जिसमें डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। आइए जानते हैं कि छठ पूजा के तीसरे दिन क्या-क्या होता है।
छठ पर्व के तीसरे दिन क्या-क्या होता है? (What happens on the third day of Chhath festival?)
- छठ के तीसरे दिन यानी षष्ठी तिथि को संध्या अर्घ्य के दिन छठ व्रती पूरे दिन-रात निर्जला व्रत रहती हैं।
- इस दिन कुछ भी खाना-पीना वर्जित होता है। अगले दिन यानी सप्तमी तिथि को ही व्रत का पारण किया जाता है।
- तीसरे दिन बांस के सूप या डाला में ठेकुआ, कोनिया, नारियल, फल आदि सजाकर व्रती परिक्रमा करते हुए डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं।
- सूर्यास्त के पहले छठ व्रती और पूरा परिवार संध्या अर्घ्य के लिए तालाब, नदी या घाट किनारे पहुंचकर खड़े हो जाते हैं।
- इसके बाद सूर्यदेव को जल और दूध से अर्घ्य दिया जाता है।
- इस दिन सूर्यदेव के साथ-साथ छठी मैया की पूजा भी की जाती है।
- तीसरे दिन संध्या पूजन के बाद रात में जागरण करने का भी विधान है। इस दौरान सभी व्रती भजन-कीर्तन कर छठी मैया के गीत गाते हैं।
- वहीं, तीसरे दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद चौथे दिन उषा अर्घ्य के साथ ये पर्व और व्रत पूरा होता है।
- इस दौरान षष्ठी तिथि पर जिस सूप और डाला में सजे फल-प्रसाद की पूजा की जाती है, चौथे दिन फिर से इन्हीं सूप और डाला को घाट ले जाया जाता है और अर्घ्य देकर उगते हुए सूर्य की पूजा की जाती है।
संध्या अर्घ्य का मुहूर्त (Chhath Puja 2024 Evening Arghya Time)
छठ पर्व के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को संध्याकाल में सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन सूर्य को संध्या अर्घ्य देने के लिए शाम 5 बजकर 29 मिनट तक का समय रहेगा। इस दौरान आप सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी पूजा कर सकते हैं।