केंद्रीय अर्धसैनिक बल के सहायक अवर निरीक्षक सदानंद सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को मुंगेर के लाल दरवाजा गंगा घाट पर पूरे सम्मान के साथ किया गया। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में ड्यूटी के दौरान गुरुवार को हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई।
.
शनिवार सुबह सीआरपीएफ के वाहन से उनका पार्थिव शरीर दरियापुर पहुंचा। दो उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी और करीब एक दर्जन जवान भी साथ आए। अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर और शोक सलामी दी गई।
अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। शव यात्रा के दौरान देशभक्ति गीत बजते रहे। लोगों ने ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, सदानंद तेरा नाम रहेगा’ के नारे लगाए। तिरंगे और फूलों की माला से सजे वाहन पर उनका पार्थिव शरीर रखा गया था।
1991 में हुई थी भर्ती
सदानंद सिंह 1991 में सीआरपीएफ में कॉन्स्टेबल के रूप में भर्ती हुए थे। वे अपने पीछे पत्नी और तीन पुत्रों को छोड़ गए हैं। तीनों बेटे अभी पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पिता दीप नारायण सिंह की पहले मौत हो चुकी है।
अंतिम यात्रा में अपर लोक अभियोजक मो. जहांगीर, पूर्व जिप सदस्य परवेज चांद, संजय सिंह, मिलन कुमार सिंह समेत कई गणमान्य लोग और बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।