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Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जयंती के दिन विधि विधान के साथ रामभक्त हनुमानजी की पूजा अर्चना करने से सभी कष्ट व रोग दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी भी होती हैं. हनुमान जयंती का पर्व हनुमानजी के जन्म के उपलक्ष्…और पढ़ें
10 या 11 अप्रैल कब है हनुमान जयंती
हाइलाइट्स
- हनुमान जयंती 2025: 12 अप्रैल को मनाई जाएगी.
- हनुमान जयंती पर पूजा के दो शुभ मुहूर्त हैं.
- हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें.
Hanuman Jayanti 2025: चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हर वर्ष हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है. हिंदू धर्म में हनुमानजी को कलयुग का देवता माना गया है और आज भी हनुमानजी धरती पर मौजूद हैं. हनुमान जयंती के दिन का व्रत रखकर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने पर सभी संकट दूर होते हैं और ग्रह-नक्षत्रों का शुभ फल भी प्राप्त होता है. किसी संकट को दूर करना हो या फिर भूत-प्रेत व नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति पाना हो, सकंटमोचन हनुमानजी भक्तों की हर परेशानी को दूर करते हैं. आइए जानते हैं साल 2025 में हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा और हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व….
हनुमान जयंती 2025 का महत्व
बताया जाता है कि कलियुग में केवल हनुमानजी ही हैं, जो भक्तों की केवल एक पुकार पर दौड़े चले जाते हैं. रामभक्त हनुमानजी के जन्मोत्सव को ही हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है. चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि के दिन शक्ति, विश्वास, साहस और भक्ति के प्रतीक माने जाने वाले हनुमानजी को जन्म हुआ था. शास्त्रों के अनुसार, जो भक्त हनुमानजी की पूजा अर्चना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही भूत-प्रेत और नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है. इस दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करनना बहुत फायदेमंद रहता है. साथ ही हनुमानजी की पूजा अर्चना करने से कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होती है.
कब है हनुमान जयंती 2025?
पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ – 12 अप्रैल, सुबह 3 बजकर 20 मिनट से
पूर्णिमा तिथि का समापन – 13 अप्रैल, सुबह 5 बजकर 52 मिनट तक
उदिया तिथि को मानते हुए हनुमान जयंती का पर्व 12 अप्रैल 2025 दिन शनिवार को मनाया जाएगा.
हनुमान जयंती 2025 पूजा मुहूर्त
साल 2025 में हनुमान जयंती पर पूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. पहला मुहूर्त – 12 अप्रैल, सुबह 7:35 मिन से सुबह 9:11 मिनट तक. वहीं दूसरा मुहूर्त – 12 अप्रैल, शाम 6:45 मिनट से रात 8:8 मिनट तक रहेगा. हर साल हनुमानजी का जन्मदिवस दो बार मनाया जाता है. वाल्मिकी रामायण के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. वहीं कुछ जगहों पर चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है.
हनुमान जयंती 2025 पूजा विधि
1- सुबह लाल वस्त्र पहनकर व्रत का संकल्प लें और फिर हनुमान मंदिर जाकर हनुमानजी को सिंदूर, चोला, तुलसी दल, लाल फूल अर्पित करें और बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं.
2- ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्’ मंत्र का सुबह शाम 108 बार जप करें.
3- सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें.
4– फिर घी का दीपक और कपूर से हनुमानजी की आरती उतारें और घरवालों के साथ रामभक्त के जयाकरे लगाएं.
5- आरती के बाद दीपक को पूरे घर में जलाएं.