नई दिल्ली4 मिनट पहले
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बैंक ने अपनी अन्य रेगुलर FD की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI ने अपनी स्पेशल फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम “अमृत वृष्टि” की ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की है। अब SBI ‘अमृत वृष्टि’ के तहत 444 दिनों के लिए FD कराने पर 6.60% सालाना ब्याज दिया जाएगा। वहीं सीनियर सिटिजन को सालाना 7.10% के हिसाब से ब्याज मिलेगा।
हालांकि, बैंक ने अपनी अन्य रेगुलर FD की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। नई दरें 15 जून 2025 से लागू होंगी। SBI का यह कदम भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा 50 बेसिस पॉइंट्स की रेपो रेट कटौती के बाद आया है।
SBI ‘वीकेयर’ स्कीम में भी निवेश का मौका SBI ने एक अन्य स्पेशल टर्म डिपॉजिट (FD) स्कीम ‘वीकेयर’ भी चला रहा है। SBI की इस स्कीम में सीनियर सिटीजन को 5 साल या उससे ज्यादा की अवधि के डिपॉजिट (FD) पर 50 बेसिस पॉइंट्स का एक्स्ट्रा ब्याज मिलेगा। सीनियर सिटिजन को 5 साल से कम के रिटेल टर्म डिपॉजिट पर आम पब्लिक के मुकाबले 0.50% ज्यादा ब्याज मिलता है।
ऐसे मे ‘वीकेयर डिपॉजिट’ स्कीम के तहत 5 साल या इससे ज्यादा की FD पर सामान्य नागरिकों की तुलना में 1% ज्यादा ब्याज मिलेगा। इस हिसाब से 5 साल या इससे ज्यादा समय के लिए FD कराने पर सीनियर सिटीजन को 7.30% ब्याज मिल रहा है।
फिक्स्ड डिपॉजिट की 5 खास बातें
- निश्चित ब्याज दर: FD में तुम्हें पहले से तय ब्याज दर मिलती है। उदाहरण के लिए, अगर आप 1 लाख रुपए 7% की ब्याज दर पर 5 साल के लिए FD में डालते हो, तो अवधि पूरी होने पर तुम्हें मूलधन के साथ ब्याज भी मिलेगा। यह ब्याज साधारण या चक्रवृद्धि हो सकता है।
- फ्लेक्सिबल टेन्योर: FD की अवधि 7 दिन से लेकर 10 साल तक हो सकती है। आप अपनी जरूरत के हिसाब से अवधि यानी टेन्योर चुन सकते हैं। छोटी अवधि की FD कम ब्याज देती है, जबकि लंबी अवधि की FD ज्यादा ब्याज मिलता है।
- सुरक्षा: FD में आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है, खासकर अगर आप किसी प्रतिष्ठित बैंक या NBF में निवेश करते हो। भारत में 5 लाख रुपए तक की FD को बीमा कवर देता है, यानी अगर बैंक डूब भी जाए, तो आपका पैसा सुरक्षित रहेगा।
- लिक्विडिटी: अगर आपको बीच में पैसे की जरूरत पड़ जाए, तो आप FD को समय से पहले तोड़ सकते हैं, लेकिन इसमें कुछ पेनल्टी देनी पड़ सकती है, और ब्याज भी कम मिलेगा।
- टैक्स छूट: अगर तुम 5 साल की टैक्स-सेविंग FD में निवेश करते हो, तो तुम सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स छूट पा सकते हो। लेकिन ध्यान रहे, FD से मिलने वाला ब्याज कर योग्य होता है।
FD कराते समय इन 3 बातों का रखें ध्यान
1. सही टेन्योर चुनना जरूरी FD में निवेश करने से पहले उसके टेन्योर (अवधि) को लेकर सोच-विचार करना जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर निवेशक मेच्योरिटी से पहले विड्रॉल करते हैं, तो उन्हें जुर्माने का भुगतान करना होगा। FD मेच्योर होने से पहले उसे ब्रेक करने पर 1% तक की पेनल्टी देनी पड़ेगी। इससे डिपॉजिट पर कमाए जाने वाला कुल ब्याज कम हो सकता है।
2. एक ही FD में न लगाएं पूरा पैसा यदि आप किसी एक बैंक में FD में 10 लाख रुपए का निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो इसकी जगह एक से ज्यादा बैंकों में 1 लाख रुपए की 8 FD और 50 हजार रुपए की 4 FD में निवेश करें। इससे बीच में पैसों की जरूरत पड़ने पर आप अपनी जरूरत के हिसाब से FD को बीच में ही तुड़वाकर पैसों की व्यवस्था कर सकते हैं। आपकी बाकी FD सेफ रहेंगी।
3. 5 साल की FD पर मिलती है टैक्स छूट 5 साल की FD को टैक्स सेविंग्स FD कहा जाता है। इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत आप अपनी कुल आय से 1.5 लाख रुपए की कटौती का दावा कर सकते हैं। आसान भाषा में इसे ऐसे समझें, आप सेक्शन 80C के माध्यम से अपनी कुल कर योग्य आय से 1.5 लाख तक कम कर सकते हैं।