HomeबॉलीवुडTushar-Shreyas's pairing and some funny situations tickle the funny ones, but the...

Tushar-Shreyas’s pairing and some funny situations tickle the funny ones, but the screenplay lacks tightness, the film’s music is also average | मूवी रिव्यू- कपकपी: मस्ती, दोस्ती और कुछ उम्दा परफॉर्मेंस, लेकिन स्क्रीनप्ले में कसावट नहीं, फिल्म का म्यूजिक भी औसत


  • Hindi News
  • Entertainment
  • Bollywood
  • Tushar Shreyas’s Pairing And Some Funny Situations Tickle The Funny Ones, But The Screenplay Lacks Tightness, The Film’s Music Is Also Average

8 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी

  • कॉपी लिंक

फिल्म ‘कपकपी’ 2023 की मलयालम हिट ‘रोमांचम’ का हिंदी रीमेक है, जो डायरेक्टर जितु मधावन और उनके दोस्तों के रियल लाइफ अनुभवों से प्रेरित थी। हिंदी वर्जन में निर्देशक संगीथ सिवन ने इसे दोस्ती, मस्ती और हॉरर का देसी तड़का देने की कोशिश की है। आज यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म की लेंथ 2 घंटा 18 मिनट है। दैनिक भास्कर ने इस फिल्म को 5 में से 3 स्टार रेटिंग दी है।

फिल्म की कहानी कैसी है?

कहानी छह बेरोजगार दोस्तों की है, जो एक साथ एक किराए के घर में रहते हैं। मनु (श्रेयस तलपड़े) इस गैंग का जुगाड़ू लीडर है। जब सबकी बोरिंग लाइफ में कुछ रोमांच भरने की चाह होती है, तो वो ऊइजा बोर्ड लाते हैं – और वो भी कैरम बोर्ड को जुगाड़ बनाकर। अनामिका नाम की आत्मा से संपर्क बनता है और फिर डर और हंसी का सिलसिला शुरू होता है।

स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?

श्रेयस तलपड़े और तुषार कपूर की जोड़ी स्क्रीन पर पुरानी दोस्ती की झलक देती है, और कई सीन में उनकी बॉन्डिंग मजेदार लगती है। सिद्धि इदनानी और सोनिया राठी कोई शोपीस नहीं, बल्कि दमदार कॉमिक टाइमिंग और स्क्रीन प्रेजेंस के साथ अपनी छाप छोड़ती हैं।

फिल्म का डायरेक्शन कैसा है?

संगीथ सिवन का डायरेक्शन ठीक है, लेकिन विषय की संभावनाओं को पूरी तरह भुनाया नहीं गया। फिल्म में और इनोवेशन होता, तो ये एक और लेवल पर जा सकती थी। स्क्रीनप्ले में कसावट की कमी है। कई सीन बिना किसी जरूरत के खींचे हुए लगते हैं। कुछ डायलॉग्स में पंच नहीं हैं – जो कॉमेडी को थोड़ी फीकी बना देते हैं। साथ ही सस्पेंस और हॉरर के सीन गहराई नजर नहीं आती है।

फिल्म का म्यूजिक कैसा है?

म्यूजिक एकदम औसत है। फिल्म में ऐसा कोई गीत नहीं जो याद रह जाए। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर भी सामान्य है।

फिल्म का फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं?

अगर आप दोस्तों के साथ बैठकर हल्की-फुल्की हॉरर कॉमेडी का मजा लेना चाहते हैं, जिसमें डर कम और मस्ती ज्यादा हो, तो कपकपी एक बार देखी जा सकती है। तुषार-श्रेयस की जोड़ी और कुछ मजेदार सिचुएशंस आपको गुदगुदा सकती हैं। हंसी के छींटे के साथ इसमें डर की झलक भी है, लेकिन स्वाद अधूरा सा लगता है। अगर आपको सिर्फ एंटरटेनमेंट चाहिए – लॉजिक या गहराई नहीं – तो कपकपी एक ठीक-ठाक पिक हो सकती है।



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version