अनूपपुर जिले जिले के पुष्पराजगढ़ में महिला स्व-सहायता समूहों ने कोदो से नए-नए उत्पाद बनाकर बाजार में उतारे हैं। पहले चावल बिस्किट से शुरुआत की और अब नमकीन भी बाजार में उतार दी है। आने वाले दिनों में ये महिलाएं कोदो से पास्ता भी बनाएंगी।
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कोदो को मोटे अनाजों का राजा माना जाता है और केंद्र व राज्य सरकार इसे श्री अन्न के रूप में बढ़ावा दे रही है। अनूपपुर में सैकड़ों सालों से कोदो की खेती होती आ रही है। जिले में एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत कोदो को चुना गया है और इसका रकबा भी बढ़ाया जा रहा है।
महिला स्व-सहायता समूहों ने कोदो से नए-नए उत्पाद बनाकर बाजार में उतारे।
महिलाओं के लिए आजीविका का प्रमुख साधन बने।
महिला समूह की सदस्यों के अनुसार, वे कोदो से चावल बनाकर पैकिंग करती हैं और बाजार में बेचती हैं। इसके अलावा बिस्किट और नमकीन जैसे उत्पाद भी तैयार करती हैं, जिनकी बाजार में अच्छी मांग है। यह पूरा काम सामूहिक रूप से किया जाता है। इस तरह कोदो की खेती और इससे बने उत्पाद इन महिलाओं के लिए आजीविका का प्रमुख साधन बन गए हैं। महिलाएं इन उत्पादों को बनाकर न केवल आत्मनिर्भर हो रही हैं, बल्कि अपनी आर्थिक स्थिति भी मजबूत कर रही हैं।