अटारी ICP पर अफगानिस्तानी ट्रक। (फाइल फोटो)
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अफगानिस्तान से भारत के लिए जा रहे 150 ट्रकों को वाघा बॉर्डर पार करने की अनुमति दे दी है। यह फैसला अफगानिस्तान के इस्लामाबाद स्थित दूतावास के अनुरोध के जवाब में लिया गया है। हालांकि, अब भारत
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक पत्र में बताया गया है कि ये अफगान ट्रक 25 अप्रैल 2025 से पहले पाकिस्तान में दाखिल हुए थे और देश के विभिन्न ट्रांजिट प्वाइंट्स पर फंसे हुए थे। इन ट्रकों में भारत के लिए ट्रांजिट में ले जाए जा रहे सामान लदे हैं।
पाकिस्तान सरकार की तरफ से जारी आदेश।
अफगानिस्तान के साथा भाईचारे को लेकर फैसला
पाकिस्तान सरकार ने इस फैसले को अफगानिस्तान के साथ “भाईचारे के संबंधों” के दृष्टिगत लिया है। अफगान दूतावास द्वारा उपलब्ध कराई गई 150 ट्रकों की सूची संबंधित प्राधिकरणों को भेज दी गई है। यदि और कोई ट्रक फंसे हुए हैं तो उनकी जानकारी भी जल्द साझा करने को कहा गया है, ताकि उन्हें भी वाघा सीमा तक जाने की अनुमति दी जा सके।
भारत की तरफ से नहीं लिया गया फैसला
अभी भारत की तरफ से इसे लेकर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। संशय बना हुआ है कि पाकिस्तान तो इन्हें वाघा से आगे भेजने को तैयार हो जाएगा, लेकिन भारत के अटारी बॉर्डर पर बने ICP पर इसे रिसीव किया जाएगा या नहीं।
अटारी-वाघा सीमा पर बना ट्रेड गेट।
पहलगाम हमले के बाद बंद के आदेश
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने व्यापार के लिए एकमात्र जमीनी रास्ते अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) को तत्काल बंद करने का ऐलान किया था। इस ICP से मात्र पाकिस्तान से ही नहीं, अफगानिस्तान से भी व्यापार होता था।
लेकिन अब जब भारत ने सख्त कदम उठाए तो पाकिस्तान के साथ-साथ अफगानिस्तान से व्यापार पर भी इसका असर हुआ। अफगानिस्तान भेजे गए ट्रकों को पाकिस्तान में रोक दिया गया था। इतना ही नहीं, अब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के ट्रकों को पाकिस्तानी रूट इस्तेमाल करने पर भी रोक दिया है। जिसका असर भारत-अफगानिस्तान के व्यापार पर भी होने वाला है।
भारत-पाक व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा अटारी
अटारी, अमृतसर से मात्र 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और भारत का पहला जमीनी पोर्ट है। यह पाकिस्तान के साथ व्यापार का एकमात्र वैध जमीनी रास्ता भी है। यह चेक पोस्ट 120 एकड़ में फैला हुआ है और सीधे नेशनल हाईवे-1 से जुड़ा है। यह अफगानिस्तान से आने वाले माल के लिए भी एक अहम रास्ता है।
2023-24 में 3800 करोड़ का व्यापार हुआ
वर्ष 2023-24 के दौरान अटारी लैंड पोर्ट से ₹3,886.53 करोड़ का व्यापार दर्ज किया था। इस रूट से 6,871 कार्गो मूवमेंट क्रॉसिंग हुईं थी। स्पष्ट है कि पाकिस्तान जब रास्ता नहीं देगा तो इसका असर पूरी तरह से भारत-अफगानिस्तान के बीच होने वाले व्यापार पर भी होगा।