नई दिल्ली3 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
फोटो AI जनरेटेड है।
अब वोटर लिस्ट में किसी भी अपडेट के 15 दिनों के अंदर लोगों को उनके वोटर आईडी कार्ड दे दिए जाएंगे। चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा है कि उसने वोटर आईडी कार्ड देने के लिए नई प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें नए रजिस्ट्रेशन या मौजूदा वोटर के जानकारी में बदलाव शामिल हैं। इसके अलावा वोटर्स को SMS भी मिलेंगे, जिससे उन्हें उनके कार्ड का अपडेट मिलता रहेगा।
अधिकारियों ने बताया कि अभी तक मतदाताओं को मतदाता फोटो पहचान-पत्र (ईपीआईसी) वितरित करने में एक महीने से थोड़ा ज्यादा समय लगता है। नई प्रणाली इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के ईपीआईसी जनरेट करने से लेकर डाक के जरिए वोटर तक कार्ड देने तक हर लेवल पर ट्रैकिंग करेगी।
वोटिंग सेंटर्स की लाइव मॉनीटरिंग का भी ऐलान
इसके पहले 16 जून को आयोग ने ऐलान किया है कि वह वोटिंग प्रक्रिया की निगरानी बढ़ाने के लिए सभी मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग करेगा। बिहार विधानसभा चुनाव से यह फैसला लागू किया जाएगा।
वेबकास्टिंग डेटा आयोग के इंटरनल यूज के लिए होगा। मतलब इसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। अभी तक 50% पोलिंग स्टेशन की ही वेबकास्टिंग की जाती थी।
इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले इलाकों में वेबकास्टिंग की जाएगी। जिन इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है वहां वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी जैसी ऑप्शनल व्यवस्था की जा सकती है।
प्रदेश, जिला और विधानसभा सीट स्तर पर वेबकास्टिंग मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इसकी देखरेख और निगरानी के लिए प्रत्येक स्तर पर नोडल ऑफिसर नियुक्त किए जाएंगे।
आधार से लिंक होगा वोटर आईडी कार्ड
18 मार्च को दिल्ली में चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय, विधि मंत्रालय, आईटी मंत्रालय, UIDAI के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक हाई लेवल बैठक हुई थी। इसमें वोटर ID को आधार से लिंक करने पर सहमति बनी। ECI के सूत्रों के अनुसार, वोटर ID-आधार को लिंक करने का मकसद आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची से डुप्लीकेट वोटर्स को साफ करना और पारदर्शिता लाना है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा था- इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए UIDAI और ECI के टेक्निकल एक्सपर्ट्स के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू होगा।
चुनाव नियमों से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें…
चुनाव आयोग AI के इस्तेमाल पर गाइडलाइन बना रहा, बिहार विधानसभा चुनाव में झलक दिखेगी
चुनाव प्रचार के लिए कंटेंट तैयार करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग इसके दुरुपयोग पर रोक लगाने और बेहतर इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए गाइडलाइंस बना रहा है। इसकी झलक बिहार विधानसभा चुनाव में दिख सकती है। पूरी खबर पढ़ें…