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असमंजस: नर्मदा का पानी शिप्रा के त्रिवेणी घाट पर भरने लगा धर्मशास्त्री बोले- 30 को शनिश्चरी अमावस्या नहीं – Ujjain News



प्रशासन की डिमांड पर शिप्रा में स्नान के लिए पाइपलाइन से नर्मदा पानी छोड़ा जा रहा है। इस बीच धर्मशास्त्रियों ने 30 नवंबर (शनिवार) को शनिश्चरी अमावस्या नहीं होने की बात कही है। स्पष्ट किया कि 1 दिसबंर (रविवार) को स्नान-दान की अमावस्या होगी। लिहाजा भ्रम

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एनवीडीए को 27 नवंबर को प्रशासन ने पत्र लिखकर श्रद्धालुओं के स्नान के लिए नर्मदा-शिप्रा लिंक परियोजना से 2.5 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी छोड़ने का डिमांड लेटर भेजा था। तर्क दिया था कि 30 नवंबर को स्नान अमावस्या पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिप्रा के विभिन्न घाटों पर स्नान के​ लिए आएंगे। लिहाजा 28 व 29 नवंबर को लगातार पानी छोड़ा जाएं।

इस डिमांड के आधार पर एनवीडीए द्वारा पाइपलाइन से शिप्रा के लिए पानी छोड़ा जा रहा है, जो कि त्रिवेणी में नागफनी से शिप्रा में पहुंच रहा है। पीएचई के अमले द्वारा इस पानी को नदी में भरने से पहले शिप्रा के गंदे पानी को आगे बहाना शुरू कर दिया था और आ रहे साफ पानी को त्रिवेणी घाट पर ही जमा करने के लिए भी काम किया जाने लगा था।

हालांकि त्रिवेणी घाट पर कान्ह की तरफ से आ रहे दूषित पानी रोकने के ठोस प्रबंध नहीं हुए। गुरुवार दोपहर तक यहां मिट्टी का कच्चा बांध बनाकर इस दूषित पानी को शिप्रा में आ रहे नर्मदा के साफ पानी में मिलने से रोकने के प्रयास हो रहे थे, जो नाकाम प्रतीत हो रहे थे। नगर निगम के अमले द्वारा त्रिवेणी के घाट पर स्नान के लिए सफाई कर फव्वारे लगाए जा रहे थे।

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धर्मशास्त्र की गणना के अनुसार 30 को शनिश्चरी अमावस्या नहीं

इधर, इन तमाम परिस्थितियों के बीच धर्मशास्त्रियों ने स्पष्ट किया है कि 30 नवंबर को शनिश्चरी अमावस्या नहीं है। तर्क दिया कि धर्मशास्त्र की गणना के अनुसार सूर्य के उदय के समय जो तिथि होती है, पर्व काल के नियम के अनुसार वह तिथि तीन मुहूर्त के साक्षी अनुक्रम में होनी चाहिए।

चूंकि 30 नवंबर को चतुर्दशी तिथि सुबह 11 बजे तक रहेगी। इसके बाद ही अमावस्या होगी। इस दृष्टिकोण से यह दिन अमावस्या का नहीं कहलाएगा। क्योंकि पर्व काल में सूर्य के उदय का अनुक्रम व चंद्र के अस्त का क्रम और तिथियों की साक्षी का क्रम यह देखा जाता है। ऐसे में स्पष्ट है कि 30 नवंबर को शनिवार के दिन चतुर्दशी तिथि रहेगी और रविवार 1 दिसंबर को स्नान-दान की अमावस्या होगी। इस दिन तीर्थ पर स्नान-दान किया जा सकता है।

भ्रम की स्थिति से बचें, कल शनिश्चरी नहीं अब 2024 में शनिश्चरी अमावस्या नहीं है। शनिश्चरी अमावस्या 29 मार्च व 23 अगस्त 2025 को है। हालांकि 30 नवंबर को शनिवार होने से शनिदेव का पूजन किया जा सकता है। इस दिन पितरों का पूजन करें किंतु शनिश्चरी अमावस्या के न होने से यह पर्व काल का स्नान नहीं माना जाएगा। – पंडित अमर डब्बावाला

रविवार को अमावस्या शनिश्चरी अमावस्या को लेकर जो स्थिति बन रही है। इसे लेकर स्पष्ट है कि शनिश्चरी अमावस्या इस साल नही है। क्योंकि उदियात काल 1 तारीख रविवार की है, इस दिन अमावस्या मान्य होगी। पंडित शैलेंद्र त्रिवेदी, नवगृह शनिदेव मंदिर



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