Homeराजस्थानआज का एक्सप्लेनर: जंग में सिर्फ 7 दिन टिकेगा पाकिस्तान, टैंकों...

आज का एक्सप्लेनर: जंग में सिर्फ 7 दिन टिकेगा पाकिस्तान, टैंकों में डीजल तक नहीं; भारतीय सेना 3 गुना ताकतवर, 88% गोला-बारूद घर का बना


पीएम नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हाई-लेवल मीटिंग की है, जिसमें NSA अजित डोभाल, CDS अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के मुखिया मौजूद रहे। मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा, ‘आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय सेना तय करे।’

.

उधर गृह मंत्री अमित शाह ने भी NSG, BSF, CRPF और SSB के सीनियर अधिकारियों के साथ बैठक की है। रूसी मीडिया के बाद अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी कहा है कि भारत पाकिस्तान पर हमले की तैयारी में दिख रहा है।

क्या पहलगाम आतंकी हमला का बदला लेने के लिए भारत जंग करेगा; अगर हां, तो पाकिस्तान कितने दिन टिक पाएगा और दोनों देश जंग के लिए कितने तैयार; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में…

सवाल-1: जंग का मतलब क्या है, कैसे होती इसकी शुरुआत? जवाब: लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) रामेश्वर रॉय कहते हैं, ‘कोई भी देश जंग का ऐलान करके जंग नहीं लड़ता है। किसी एक देश की कार्रवाई के बदले में दूसरी तरफ से जैसा रिएक्शन आता है, उसके हिसाब से तय होता है कि आगे का एक्शन कितना सख्त होगा। इसके लिए हम लोग अंग्रेजी का मुहावरा ‘Escalate the ladder’ इस्तेमाल करते हैं।’

यानी अगर दोनों तरफ से कार्रवाई बढ़ती है तो कहा जाता है कि अब संघर्ष बढ़ रहा है। इस संघर्ष में जब आर्मी, एयरफोर्स और नेवी यानी सेना के तीनों अंग शामिल हो जाते हैं तो इसे फुल फ्लेज्ड वॉर यानी ‘पूरी तरह से शुरू हो चुकी जंग’ कहा जाता है।’

ले. जन. (रि.) रामेश्वर रॉय कहते हैं कि 1999 में हुई कारगिल की लड़ाई एक सीमित जंग यानी लिमिटेड वॉर थी। हमारे टारगेट्स तय थे कि हमें अपनी जमीन को वापस पाना है। लड़ाई में हमने अपने पॉइंट्स वापस पा लिए और जंग में जीत की घोषणा की। अभी ऐसा नहीं लग रहा कि जंग छिड़ जाएगी, लेकिन अगर दोनों तरफ से जवाबी कार्रवाई बढ़ी तो बात जंग तक पहुंच सकती है।

सवाल-2: भारत की सैन्य ताकत के आगे पाकिस्तान कितना कमजोर है? जवाब: ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत, पाकिस्तान से 3 गुना ज्यादा ताकतवर है। 145 देशों की लिस्ट में अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथे नंबर पर है, जबकि पाकिस्तान 12वें नंबर पर है। 2023 में पाकिस्तान 7वें स्थान पर था। 2024 में फिसलकर 9वें पर पहुंच गया और 2025 में टॉप 10 देशों की लिस्ट से बाहर हो गया। यानी भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है। जबकि पाकिस्तान 8 नंबर पीछे है।

ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स में 60 अलग-अलग पैरामीटर्स पर देशों की ताकत को परखा जाता है। किसी देश की ताकत उसके स्कोर पर निर्भर करती है। जिस देश का स्कोर जितना ज्यादा होता है, उसकी ताकत उतनी ही कम आंकी जाती है। भारत का स्कोर 0.1025 है, जबकि पाकिस्तान का स्कोर 0.1695 है।

सवाल-3: पाकिस्तान के मुकाबले भारत के पास हथियारों का कितना बड़ा जखीरा? जवाब: ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स के मुताबिक भारत के पास पाकिस्तान की तुलना में करीब 3 गुना ज्यादा बड़ा हथियारों का जखीरा है। भारत के पास मिसाइल अटैक, ड्रोन अटैक या समुद्री, जमीनी लड़ाई के लिए हथियारों का बड़ा जखीरा और हर तरह के युद्धपोत हैं।

जमीनी जंग में भारत मजबूत, रात में लड़ाई करने के हथियार भारत के पास टी-90 भीष्म और अर्जुन जैसे ताकतवर टैंक हैं। हालांकि, स्वचालित आर्टिलरी यानी तोपों के मामले में पाकिस्तान के पास बढ़त है, लेकिन मोबाइल आर्टिलरी यानी एक जगह से दूसरी जगह ले जाई जा सकने वाली तोपें भारत के पास ज्यादा हैं। पाकिस्तान के मुकाबले भारत के पास 1.6 गुना ज्यादा तोपे हैं। भारत के पास रात में लड़ाई करने के लिए अपग्रेडेड हथियार हैं। वहीं डिजिटल वॉरफेयर के मामले में भारत कहीं आगे है।

भारत के पास राफेल और सुखोई जैसे फाइटर जेट पाकिस्तान के मुकाबले इंडियन एयरफोर्स कहीं ज्यादा मजबूत है। राफेल और सुखोई जैसे भारतीय फाइटर जेट के आगे पाकिस्तानी F-16 जैसे जेट्स कमजोर हैं। भारत के पास हेरॉन, हारोप और हर्मीस जैसे इजराइली ड्रोन हैं, जो 450 किमी. से लेकर 1000 किमी. तक वार कर सकते हैं। भारत के पास अमेरिकी MQ-9B रीपर जैसे बड़े और सबसे ताकतवर ड्रोन हैं, जो INS विक्रांत युद्धपोत से समुद्र में उड़कर टारगेट पर हमला कर सकते हैं।

भारत के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर, मजबूत समुद्री बेड़ा भारत के पास INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत जैसे भारी विमानवाहक युद्धपोत हैं, जबकि पाकिस्तान के पास कोई विमानवाहक युद्धपोत नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच लंबी कोस्टल लाइन यानी समुद्री तटरेखा है, ऐसे में ये युद्धपोत भारत के लिए समुद्र से फाइटर जेट्स लॉन्च करने में मददगार होंगे। इसके अलावा भारत के पास न्यूक्लियर सबमरीन्स हैं, जो अभी पाकिस्तान के पास नहीं हैं। हालांकि पाकिस्तान बाबर जैसी मिसाइल्स को पनडुब्बियों से लॉन्च करने की तकनीक डेवलप कर रहा है।

अब न्यूक्लियर पावर में भी भारत आगे, ज्यादा बेहतर मिसाइल्स फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट की स्टेटस ऑफ वर्ल्ड न्यूक्लियर फोर्सेस रिपोर्ट, 2025 के मुताबिक, भारत के पास 180 परमाणु हथियार हैं। वहीं पाकिस्तान के पास 10 कम यानी 170 परमाणु हथियार हैं। यानी न्यूक्लियर पावर के मामले में भारत और पाकिस्तान लगभग एक जैसी ताकत रखते हैं।

न्यूक्लियर वेपन्स को भारत पृथ्वी और अग्नि सीरीज की मिसाइल्स (रेंज 700 से 8000 किमी.) से लॉन्च कर सकता है। INS अरिहंत और INS अरिघात जैसी न्यूक्लियर सबमरीन से K-15 सागरिका और K-4 मिसाइल्स लॉन्च कर न्यूक्लियर अटैक किया जा सकता है। वहीं मिराज-2000 और जगुआर जैसे जहाज न्यूक्लियर मिसाइल लॉन्च कर सकते हैं। भारत के पास S-400 एयर डिफेंस सिस्टम है जो पाकिस्तान की दागी हुई मिसाइल्स को ट्रैक करके हवा में ही खत्म कर सकता है।

वहीं, पाकिस्तान के पास 2750 किमी. रेंज की शाहीन-3 मिसाइल है। इसके अलावा बाबर (750 किमी.) और राद (350 किमी.) जैसी क्रूज मिसाइल्स हैं, जो न्यूक्लियर वेपन ले जा सकती हैं। उसके पास F-16 और JF-17 जैसे न्यूक्लियर वेपन ले जा सकने वाले जेट्स हैं।

अरब महासागर में भारतीय नौसेना ने नई मिसाइल का सफल परीक्षण किया।

सवाल-4: फुल फ्लेज्ड वॉर में दोनों देश कितना पैसा खर्च कर सकते हैं? जवाब: फुल फ्लेज्ड वॉर की स्थिति में रोजाना का खर्च सेना की तैनाती, हथियारों के इस्तेमाल, लॉजिस्टिक्स, ईंधन, रखरखाव और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर करता है। सरकारें कभी भी जंग में रोजाना के खर्च का ऑफिशियल ब्योरा जारी नहीं करतीं। हालांकि रक्षा बजट, सैन्य संसाधनों और युद्ध की लागत से अनुमान लगा सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भारत ने रोजाना करीब 1400 करोड़ रुपए जबकि पाकिस्तान ने सिर्फ 370 करोड़ रुपए खर्च किए थे। यानी भारत ने करीब 4 गुना ज्यादा पैसा जंग में खर्च किया। अब 26 साल बाद अगर फुल फ्लेज्ड वॉर की स्थिति बनती है, तब भी भारत, पाकिस्तान से कहीं ज्यादा पैसा खर्च कर सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत जंग में करीब 1500 से 2000 करोड़ रुपए प्रतिदिन खर्च कर सकता है और पाकिस्तान 400 से 600 करोड़ रुपए खर्च कर सकता है। हालांकि यह अनुमानित खर्च है। जरूरत पड़ने पर भारत फॉरेक्स रिजर्व, कर्ज और इमरजेंसी पड़ने पर अलग से पैसा जुटा सकता है।

सवाल-5: जंग के मुहाने पर भारत की इकोनॉमी पाकिस्तान से कितनी मजबूत? जवाब: 2024 में भारत की प्रति व्यक्ति आय, पाकिस्तान से 1.7 गुना ज्यादा थी। इस साल भारत में प्रति व्यक्ति सालाना आय 2.26 लाख रुपए और पाकिस्तान में 1.32 लाख रुपए रही। आज भारत की अर्थव्यवस्था कई और पैरामीटर्स पर भी पाकिस्तान से कई गुना बेहतर है-

पाकिस्तान की खराब माली हालत का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि इस समय पाकिस्तान में डीजल की कीमत 280 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा है। यूरेशियन टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2023 में पाकिस्तान ने पूरे साल के लिए सभी युद्धाभ्यास रोक दिए थे, उसकी वजह थी कि रिजर्व फ्यूल और लुब्रिकेंट्स की कमी।

कर्नल (रिटायर्ड) दानवीर सिंह के मुताबिक, ‘पाकिस्तान के पास ईंधन नहीं है। पाकिस्तानी टैंक T-80 एक किमी. चलने में 2 लीटर फ्यूल खाता है। 1990 के दशक में अर्थव्यवस्था चरमराने से भारतीय सेना ने ऐसा ही महसूस किया था। युद्धाभ्यास में हमें गोला-बारूद चलाने की अनुमति नहीं थी।’

इसके अलावा, 2022 में पाकिस्तान ने शुक्रवार को ‘ड्राई डे’ घोषित किया था। इस दिन सरकारी गाड़ियां सिर्फ इमरजेंसी में चलती थीं। इसके अलावा पाक सेना ने कोविड फंड और हथियार खरीदने के लिए मिले 300 करोड़ रुपए पाकिस्तान सरकार को वापस कर दिए थे।

कर्नल (रि.) दानवीर सिंह कहते हैं, ‘फरवरी 2021 में पाकिस्तान ने भारत के साथ युद्धविराम समझौते पर सहमति इसलिए जताई थी, क्योंकि इसकी बड़ी वजह जंग की लागत थी। एक तोप के गोले की कीमत लगभग 6 लाख रुपए होती है, जबकि .12 बोर का एक कारतूस 500 रुपए से ज्यादा का आता है।’

फरवरी 2021 में पाक आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा ने भी पत्रकारों के सामने माना था कि पाकिस्तान के टैंक और व्हीकल जंग खा चुके हैं और उनकी सेना के पास जंग लड़ने के लिए पर्याप्त रसद नहीं है।

सवाल-6: अगर भारत-पाकिस्तान युद्ध छिड़ा, तो पाक कितने दिन टिक पाएगा? जवाब: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के पास 40 (I) लेवल का गोला-बारूद है। इसका मतलब है कि ‘फुल फ्लेज्ड वॉर’ यानी पूरी तरह जंग छिड़ जाए तो भारत का गोला-बारूद 40 दिन तक चलेगा। हालांकि 2017 में CAG की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत के पास 10 दिन तक लगातार जंग लड़ने लायक गोला-बारूद है।

रिस्क और फाइनेंस ऑडिट करने वाली फर्म KPMG और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) ने 2024 में ‘Ammo India 2024’ नाम की एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके मुताबिक, बीते सालों में भारत से गोला-बारूद का निर्यात बढ़ा है। 2023-24 में भारत ने 837 करोड़ रुपए के 47 लाख एम्यूनिशन यानी गोला-बारूद दूसरे देशों को खरीदा था, जबकि इसी साल भारत ने 1,230 करोड़ रुपए का गोला-बारूद बेचा।

दिसंबर 2024 में ‘हिंदू बिजनेसलाइन’ अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत गोला-बारूद के मामले में 88% आत्मनिर्भर हो चुका है। अलग-अलग साइज और टाइप के कुल 175 तरह के गोला-बारूद में से भारत 154 तरह के गोला-बारूद खुद बना रहा है।

वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि भीषण जंग की स्थिति में पाकिस्तान के पास करीब 7 दिन तक लड़ने का गोला-बारूद है। इसके अलावा महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तान के लिए जंग के दौरान दूसरे खर्च उठाना भी मुश्किल है।

हालांकि लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) रामेश्वर रॉय कहते हैं, ‘ये महज एक थ्योरी होती है कि कोई देश कितने दिन तक जंग में टिक पाएगा। जंग की शुरुआत में यह देखा जाता है कि दुश्मन के कमजोर पॉइंट कौन से हैं, ये नहीं देखा जाता कि किस देश के पास कितना गोला-बारूद है। माने दूसरे देश के गोला-बारूद के भंडार के आधार पर यह नहीं तय किया जाता कि उस पर हमला करना है या नहीं करना है।

ले. जन. (रि.) रामेश्वर रॉय के मुताबिक, जब सेना के सारे फ्रंट खुल जाते हैं तब ये आंकड़े देखे जाते हैं। हालांकि फुल फ्लेज्ड वॉर के दौरान चाहे पाकिस्तान हो या भारत, दोनों ही अपनी सैन्य ताकत और गोला-बारूद बढ़ा सकते हैं। दूसरे देशों से भी मदद ले सकते हैं।

——————–

भारत-पाकिस्तान से जुड़ी अन्य खबर पढ़ें

पहलगाम हमला: PM बोले- आतंकवाद को कुचलना हमारा राष्ट्रीय संकल्प: सेना को टारगेट, समय और हमले का तरीका तय करने की पूरी छूट

पहलगाम हमले के बाद मंगलवार को पीएम मोदी ने तीनों सेना प्रमुखों से कहा- उन्हें आतंकवाद से निपटने के लिए खुली छूट है। पहलगाम हमले का करारा जवाब देना राष्ट्रीय संकल्प है। इसका तरीका, लक्ष्य और समय सेना तय करे। हमें सेना की क्षमता पर पूरा भरोसा है। पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुख के साथ डेढ़ घंटे मीटिंग की। पूरी खबर पढ़ें…



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version