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आज का एक्सप्लेनर: वडोदरा में 8 लोगों को कुचलकर रक्षित क्यों चिल्लाया ‘एक और राउंड’; क्या बगल में बैठे दोस्त को भी सजा होगी


गुजरात के वडोदरा में 8 लोगों को कुचलने के बाद ‘एक और राउंड’ और ‘ओम नमः शिवाय’ चिल्लाते रक्षित चौरसिया का वीडियो तो आपने देख लिया होगा। रक्षित का कहना है कि सड़क पर गड्ढे की वजह से एक्सीडेंट हुआ। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक आरोपी रक्षित ने ‘भांग’ खाने

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एक्सीडेंट के बाद रक्षित ‘एनदर राउंड’ क्यों चिल्लाया, क्या गड्ढे की कहानी सुनाकर वो बच जाएगा और क्या बगल की सीट पर बैठे दोस्त को भी सजा मिलेगी; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में…

सवाल-1: वडोदरा में तेज रफ्तार कार से 8 लोगों को कुचलने का पूरा मामला क्या है? जवाबः 13 मार्च की रात करीब 11:15 बजे। गुजरात के वडोदरा के पॉश इलाके करेलीबाग में आम्रपाली कॉम्प्लेक्स का इलाका। एक काले रंग की तेज रफ्तार फॉक्सवैगन वर्टस कार ने 3 व्हीकल को टक्कर मारी, जिसकी चपेट में 8 लोग आ गए। एक महिला को कई फीट तक घसीटने के बाद कार रुक गई।

दुर्घटना की CCTV फुटेज। साफ तौर पर ओवर स्पीडिंग देखी जा सकती है।

मौके पर मौजूद लोग कार के पास पहुंचे और वीडियो बनाने लगे। कार में 2 युवक सवार थे। कार में ड्राइवर के बगल की सीट पर बैठा युवक ड्राइवर से अपना हाथ झिड़कते हुए निकला। उसने कार चला रहे युवक की ओर इशारा करके कहा- ये पागल है ***। मैंने कुछ नहीं किया, वो गाड़ी चला रहा था। उसने किया।

इसके बाद कार चला रहा युवक भी बाहर निकलता है और जोर-जोर से चिल्लाने लगता है- Another Round (एक और चक्कर)…! निकिता-निकिता, ओम नम: शिवाय… ओम नमः शिवाय!

हादसे में 37 साल की महिला हेमाली पटेल की मौत हो गई, जो अहमदाबाद से वडोदरा एक रिश्तेदार के यहां आई थी। इसके अलावा 7 लोग घायल हुए हैं, इनमें दो बच्चे भी शामिल है। घायलों को वडोदरा के शुकन हॉस्पिटल, दोषी हॉस्पिटल, जाइडस और एसएसजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। 3 घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है।

हादसे में हेमाली पटेल की मौत हो गई है। उनके पति को भी चोट आई है।

मौके पर मौजूद लोगों ने रक्षित को पकड़कर पिटाई शुरू कर दी। पुलिस पहुंची तो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। बगल की सीट पर बैठा प्रांशू चौहान घटनास्थल से निकल भागा था। पुलिस ने कुछ घंटे में उसे भी पकड़ लिया।

जिस कार से एक्सीडेंट हुआ उसका आरटीओ पंजीकरण नंबर GJ06RA6879 है। इसका मालिकाना हक डीऑन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के पास है, जिसके निदेशक प्रशांत बहेटी, विक्रम जैन और जिग्नेश दोशी हैं। हालांकि पुलिस ने पुष्टि की है कि कार प्रांशु चौहान के पिता की थी।

सवाल-2: क्या एक्सीडेंट के वक्त आरोपी रक्षित चौरसिया नशे में था? जवाब: इसके 3 वर्जन हैं…

1. पुलिस का वर्जनः वडोदरा जोन-4 की डीसीपी पन्ना मोमाया ने बताया कि एक्सीडेंट के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों की जांच के लिए ब्लड सैंपल लिए। रेपिड टेस्ट में पता चला कि दोनों ने होलिका दहन के दिन ड्रग्स लिया था। मेडिकल टेस्ट कराया गया है। रिपोर्ट जल्द सामने आएगी।

पुलिस का यह भी कहना है कि रक्षित ने बयान में भांग पीने की बात कबूल की है। उसने अपने दोस्तों के साथ हादसे के कुछ घंटों पहले भांग पी थी। वडोदरा के पुलिस कमिश्नर नरसिम्हा कोमार ने कहा, ‘पुलिस अधिकारी और फोरेंसिक एक्सपर्ट्स जांच कर रहे हैं। यह पता लगाने के लिए मेडिकल टेस्ट जरूरी है कि क्या वे शराब या किसी अन्य पदार्थ के नशे में थे।’

2. आरोपी का वर्जन: आरोपी रक्षित ने मीडिया को बताया, ‘मैं 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था, तभी सड़क पर गड्ढों की वजह से मेरा कंट्रोल खो गया। इस वजह से हादसा हुआ। मैं नशे में नहीं था। मैं मृतक के परिवार से मिलना चाहता हूं क्योंकि मेरी गलती थी। वे जो चाहते हैं, वही होना चाहिए। मैंने कोई पार्टी नहीं की। मैं होलिका दहन के लिए गया था और नशे में नहीं था।

3. स्थानीय समाचार पत्र का वर्जन: एक स्थानीय समाचार पत्र की मानें तो आरोपी ने दुर्घटना के बाद कार की खिड़की से सड़क पर इम्पोर्टेड वोडका की बोतल फेंकी थी। बोतल स्वीडिश थी और सड़क के डिवाइडर से टकरा गई थी। यह किसी के शराब परमिट पर बेची गई बोतल थी।

पुलिस ने ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। जल्द ही पता लग जाएगा कि आरोपी नशे में था या नहीं और उसने किस तरह का नशा किया था।

एक्सीडेंट के बाद हाथ छुड़ाकर कार से बाहर निकलता आरोपी रक्षित का दोस्त प्रांशू चौहान।

सवाल-3: एक्सीडेंट के बाद आरोपी क्यों चिल्लाया ‘एक और राउंड’ और ‘ओम नमः शिवाय’? जवाब: एक्सीडेंट के बाद रक्षित ने जोर-जोर से चिल्लाकर तीन चीजें कहीं- ‘एक और राउंड’, ‘निकिता’ और ‘ओम नमः शिवाय’। जब रक्षित से चिल्लाने के बारे में सवाल किया गया तो उसने कहा, वहां कई सारे लोग थे। वो उन्हें दूर भगाने के लिए चिल्ला रहा था।

कार चला रहा आरोपी रक्षित बाहर निकलते ही एनदर राउंड… चिल्लाने लगा।

निकिता नाम की लड़की को लेकर सवाल पूछा गया तो रक्षित ने कहा- ‘मैं बहुत घबराया हुआ था, इसलिए लड़की का नाम मुंह से निकल गया। लड़की कोई नहीं है।’

हालांकि जिस तरह से रक्षित ने रैंडम नाम लिए और बिहेवियर दिखाया, वो आमतौर पर नशे में धुत होने के लक्षण हैं। भांग, गांजा और शराब का प्रमुख लक्षण यही है कि खुद पर कंट्रोल नहीं रहता। व्यक्ति क्या बोल रहा है और क्या कर रहा है उसमें समन्वय नहीं बिठा पाता।

रक्षित ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर महादेव की तस्वीर लगा रखी है। नशे में व्यक्ति की भावनाएं अतिरंजित या अप्रत्याशित हो सकती हैं, इसलिए रक्षित ने भी ओम नमः शिवाय बोलना शुरू कर दिया होगा। या हो सकता है उसके दिमाग में कहीं ये बात हो कि शायद ऐसे धार्मिक नारे लगाने से भीड़ उसे ना पीटे और वो वहां से आसानी से निकल जाए।

सवाल-4: आरोपी पर किन धाराओं में केस दर्ज हुआ और कितनी सजा मिल सकती है? जवाब: वडोदरा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ BNS की धारा 105, 281, 125 (A), 125 (B), 324 (5) और मोटर वाहन अधिनियम 1988 के सेक्शन 177 और 184 के तहत केस दर्ज किया है। ये ड्रंकेन ड्राइव, हिट एंड रन और गैर-इरादतन हत्या से जुड़ी धाराएं हैं।

धारा 105: गैर इरादतन हत्या के आरोपियों पर लगाई जाती है। गैर इरादतन हत्या का मतलब जब आरोपी का मर्डर करने का पहले से कोई प्लान नहीं होता है, लेकिन जब वो अपराध करता है तो उसे इसकी जानकारी होती है कि इससे मौत हो सकती है।

धारा 105 गैर जमानती है। यानी पुलिस बिना किसी वारंट के आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है। इस मामले में पुलिस बेल नहीं दे सकती। हालांकि कोर्ट से बेल मिल जाती है। इसके तहत दोषी माने जाने पर कम से कम 5 साल की सजा या उम्रकैद तक हो सकती है। साथ ही इसमें अपराध की गंभीरता को देखते हुए जुर्माना भी लगाया जाता है।

धारा 281: जो कोई व्यक्ति सार्वजनिक रास्तों पर इतनी लापरवाही से गाड़ी चलाता है कि किसी इंसान की जान को खतरा हो सकता है, तो इस धारा में केस दर्ज होता है। इसके तहत 6 महीने की जेल, 1 हजार रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

धारा 125 (A) और 125 (B): BNS की धारा 125 के तहत सजा अपराध की गंभीरता पर निर्भर करती है।

  • 125 (A) के तहत अगर किसी व्यक्ति को मामूली चोट लगती है, तो दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 6 महीने की कैद या 5 हजार रुपए जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
  • 125 (B) के तहत किसी व्यक्ति को गंभीर चोट लगने पर दोषी को 3 साल तक की कैद या 10 हजार रुपए तक जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

धारा 324 (5): अगर कोई व्यक्ति शरारत करता है जिससे किसी व्यक्ति का 1 लाख रुपए या उससे ज्यादा का नुकसान होता है तो 5 साल की जेल और जुर्माने की सजा मिलती है।

इसके अलावा मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 177 के तहत सामान्य यातायात उल्लंघनों के पहले अपराध के लिए 500 रुपए तक और दूसरे अपराध के लिए 1500 रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है।

वहीं, धारा 184 के तहत खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने पर 1 साल तक की जेल या 5 हजार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। दोबारा अपराध करने पर सजा और जुर्माना दोनों बढ़ सकते हैं।

सवाल-5: क्या नशे में गाड़ी चलाने या गड्ढों से बचने की बात से केस पर कोई असर पड़ेगा? जवाब: सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट अश्विनी दुबे का कहना है, ‘आरोपी ने भले ही किसी भी तरह का नशा किया हो, इससे उसे सजा में राहत नहीं मिल सकती। बल्कि अगर वो नशे में गाड़ी चला रहे थे, तो उनकी सजा बढ़ जाएगी। उन्होंने किस तरह का नशा किया था और उन्हें यह किस तरह मिला। आरोपी ने एक्सीडेंट के बाद जिस तरह गाड़ी से बाहर निकलकर तमाशा किया, उससे साफ जाहिर है कि वो असक्षम लोगों की कैटेगरी में नहीं आता। वह शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ है।’

आरोपी रक्षित का कहना है कि वो मृतक महिला के परिवार से मिलना चाहता है।

अश्विनी दुबे का यह भी कहना है कि सड़क पर गड्ढे, स्लो स्पीड और एयरबैग्स का बहाना बना कर आरोपी बच नहीं सकता क्योंकि CCTV फुटेज में गाड़ी की तेज रफ्तार साफ नजर आ रही है। जो ड्राइवर गड्ढे से टकराकर अपनी गाड़ी का कंट्रोल खो देते हैं, वे पूरी तरह से निर्दोष हो सकते हैं, लेकिन जो ड्राइवर गड्ढे से बचने के लिए गाड़ी मोड़ते हैं, वे मुख्य रूप से दोषी हो सकते हैं। हालांकि इस मामले में पुलिस की जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

अगर पुलिस ने ठीक तरीके से जांच नहीं की, सारे सबूत इकट्ठा नहीं किए तो आरोपी की थ्योरी मजबूत हो जाएगी और उसे कम सजा मिलेगी। वैसे भी जिस तरह पुलिस मैनुअल को दरकिनार कर आरोपी खुलेआम इंटरव्यू दे रहा है। अपना पक्ष रख रहा है। उससे संकेत मिल रहे हैं कि उसे बचाने का रास्ता निकाला जाने लगा है।

सवाल-6: क्या ड्राइविंग सीट के बगल में बैठे प्रांशु चौहान और उनके कार मालिक पिता को भी सजा मिलेगी? जवाब: अश्विनी दुबे का कहना है, ‘इस केस में प्रांशु चौहान और उनके पिता पर भी केस दर्ज हो सकता है, क्योंकि कार उन्हीं की थी। ऐसे मामलों में अगर कार मालिक दुर्घटना या घटना के समय कार में मौजूद नहीं था, तो भी कार मालिक को आरोपी की साजिश में शामिल माना जाएगा, अगर यह साबित हो जाता है कि उसे पता था कि कार ले जाने वाला व्यक्ति कोई अपराध या दुर्घटना करने जा रहा है। तब कार मालिक पर साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया जाएगा। ऐसे में कार मालिक पर मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 161 के तहत केस दर्ज हो सकता है।’

दुर्घटना के बाद क्षतिग्रस्त स्कूटी और कार।

अश्विनी दुबे आगे कहते हैं, ‘अगर कार के मालिक को जानकारी नहीं है कि कार चालक उसकी कार से किसी व्यक्ति की दुर्घटना करेगा, तो ऐसे में कार मालिक की कोई जिम्मेदारी नहीं होती। पुलिस सिर्फ उसे नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुला सकती है। पुलिस उससे वाहन के बारे में पूछताछ करेगी और अगर कार के पेपर कम्प्लीट नहीं हैं, तो 5 हजार रुपए का जुर्माना हो सकता है।’

अश्विनी दुबे ने कहा,

प्रांशु चौहान हादसे के वक्त कार में ही मौजूद था, इसलिए उस पर गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज हो सकता है। हालांकि प्रांशु और उसके पिता पर कोर्ट में सारे सबूतों के बाद ही सजा सुनाई जाएगी।

सवाल-7: इसमें मामले में आगे क्या होगा? जवाबः वडोदरा पुलिस ने सुरेश भारवाड़ को भी पूछताछ के लिए बुलाया। घटना से पहले सुरेश भारवाड़ रक्षित और प्रांशु के साथ था। घटना से पहले उनके साथ मौजूद सभी लोगों से पूछताछ के लिए पुलिस ने दो टीमें बनाई हैं।

अस्पताल में भर्ती घायलों से भी बयान लिए जाएंगे। जो 3 लोग गंभीर घायल हैं, उनकी हालत पर भी पुलिस नजर बनाए हुए है। सारे सबूत इकट्ठा करने के बाद और गवाहों से बयान जुटाने के बाद पुलिस आरोपी को कोर्ट में पेश करेगी, जिसके बाद अपराध की गंभीरता को देखते हुए सजा सुनाई जाएगी।

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