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आदमपुर में बेटे की हार पर रो पड़े कुलदीप बिश्नोई​​​​​​​: पत्नी-बहू ने संभाला; भजनलाल के सहयोगी रहे परिवार ने ही 57 साल बाद हराया – Hisar News


आदमपुर मंडी में समर्थकों के बीच भावुक हो गए कुलदीप बिश्नोई और बिना कुछ कहे बैठ गए।

हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट से 57 साल बाद भजनलाल परिवार हार गया है। आदमपुर से हारने के बाद आज आदमपुर मंडी में पैतृक आवास पर लोगों की भीड़ उमड़ी पड़ी। कुलदीप बिश्नोई समर्थकों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए और रोने लगे। इसके बाद समर्थकों ने कहा कि आदम

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कुलदीप बिश्नोई को रोते देखकर समर्थकों ने चौधरी भजनलाल अमर रहे के नारे लगाए। बेटे भव्य बिश्नोई ने कुलदीप बिश्नोई को सांत्वना दी। बता दें कि आदमपुर सीट पर पहली बार 1967 में चौधरी भजनलाल जीते थे। तब से लेकर अब तक इस सीट पर भजनलाल परिवार से ही उम्मीदवार चुनाव लड़ते और जीतते आए हैं।

इस चुनाव में भजनलाल के पूर्व सहयोगी परिवार के पूर्व IAS अधिकारी चंद्र प्रकाश ने इस अभेद किले को भेद दिया है। हार के बाद कुलदीप बिश्नोई भावुक नजर आए और वह समर्थकों को संबोधित नहीं कर पाए और माइक में हाथ में लेकर रो पड़े और आंसू पोंछते हुए माइक पकड़कर बैठ गए।

इस दौरान कुलदीप बिश्नोई ने कहा- ”साथियों, हमें मायूस नहीं होना है। हम बढ़िया ढंग से आगे बढ़ेंगे। चौधरी भजनलाल जी के सपनों को साकार करेंगे। आप सबने बहुत मेहनत की, मैं आप सबका आभार व्यक्त करता हूं। हम पहले की तरह आपकी सेवा करते रहेंगे।”

आदमपुर में हार के बाद समर्थक और कुलदीप बिश्नोई रोने लगे…

समर्थकों के बीच रोते कुलदीप बिश्नोई को चुप करवातीं पुत्रवधु परी बिश्नोई और पत्नी रेणुका बिश्नोई।

भजनलाल के करीबी रहे रामजी लाल के भतीजे ने हराया कांग्रेस ने इस बार भजनलाल परिवार की घेराबंदी की थी। भाजपा ने यहां कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को दूसरी बार मैदान में उतारा था। भव्य बिश्नोई 2 साल पहले यहां से उप-चुनाव लड़े और जीत हासिल की थी। वहीं, कांग्रेस ने यहां से पूर्व IAS चंद्र प्रकाश को अपना उम्मीदवार बनाया था।

चंद्र प्रकाश पंडित रामजीलाल के भतीजे हैं। रामजीलाल को चौधरी भजनलाल का परम सखा माना जाता था। एक तरह से बिश्नोई परिवार के नजदीकी रहे परिवार में से ही कांग्रेस ने टिकट दिया। इसका लाभ कांग्रेस को मिला और नजदीकी मुकाबले में भव्य बिश्नोई 1768 वोटों से हार गए।

आदमपुर मंडी में भजनलाल की पुरानी आढ़त की दुकान के सामने उमड़े कुलदीप समर्थक।

जिस परिवार ने भजनलाल को आगे बढ़ाया, उसी ने विजय रथ रोका कांग्रेस ने पूर्व IAS चंद्र प्रकाश को टिकट दिया। चंद्र प्रकाश पंडित रामजीलाल के भतीजे हैं, जो चौधरी भजनलाल के बेहद करीबी थे। पंडित रामजीलाल ने ही भजनलाल की राजनीति को पंख लगाए थे। जब भजनलाल राजनीति में आए तो पंडित रामजीलाल के ही वोट से भजनलाल ब्लॉक समिति के चेयरमैन बने थे।

यहीं से भजनलाल की राजनीति शुरू हुई। भजनलाल को OBC वोटरों का फायदा रामजीलाल के कारण मिलता रहा, लेकिन कांग्रेस ने इनके भतीजे पूर्व IAS चंद्र प्रकाश को ही टिकट दे दिया। इससे बिश्नोई परिवार की चिंता बढ़ गई थीं। बिश्नोई वोटरों के बराबर ही OBC वोटर आदमपुर में हैं। यह वोट कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हुए।

इस बार बिश्नोई और ओबीसी वोटरों में लगी सेंध आदमपुर विधानसभा सीट पर करीब 1.78 लाख वोटर हैं। इनमें पुरुष वोटर 94 हजार 940 और महिला वोटर 93 हजार 708 हैं। इस सीट पर जाट और ओबीसी वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। आदमपुर में सबसे ज्यादा जाट वोटर करीब 55 हजार हैं।

बिश्नोई समुदाय के 28 हजार वोट हैं। अगर ओबीसी में बिश्नोई समुदाय के वोटों को छोड़ दें तो करीब 29 हजार वोट हैं। इनमें सबसे ज्यादा 8200 वोटर जांगड़ा और कुम्हार जाति के हैं। इस चुनाव में कांग्रेस बिश्नोई और ओबीसी वोटरों में सेंध लगाने में सफल रही।



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