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आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा में दो गिरफ्तार, 6 पर FIR: सॉल्वर ने 5-7 लाख में दी थी परीक्षा; आवेदक के फोटो-हैंडराइटिंग दोनों नहीं हुए मैच – Shivpuri News


कॉन्स्टेबल भर्ती मामले में आरोपी अंकेश रावत और धर्मेन्द्र गुर्जर गुर्जर को गिरफ्तार किया गया है।

मध्यप्रदेश आरक्षक जीडी भर्ती परीक्षा 2023 में हुए बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा शिवपुरी जिले की सतनवाड़ा थाना पुलिस ने किया है। अब तक इस मामले में जिले से छह अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जिनमें से दो को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

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शनिवार को पुलिस ने आरोपी अंकेश रावत पुत्र भूरा सिंह रावत (उम्र 23) निवासी ग्राम जतरथी, थाना करहिया, जिला ग्वालियर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इससे पहले धर्मेन्द्र गुर्जर निवासी ग्राम बड़ी झूं, थाना भितरवार, जिला ग्वालियर को गिरफ्तार किया जा चुका है।

आधार अपडेट कर दिलाई थी परीक्षा फर्जीवाड़े में अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा से पहले अपने आधार कार्ड में फोटो और बॉयोमेट्रिक अपडेट कराए थे। परीक्षा के बाद फिर से असली फोटो और बॉयोमेट्रिक से अपडेट करा लिया गया। जांच में पाया गया कि जुलाई 2023 में आधार अपडेट कर फर्जी परीक्षार्थी का फोटो जोड़ा गया, इसके बाद 16 अगस्त से 15 सितंबर के बीच परीक्षा दी गई।

जब चयन सूची जारी हुई और दस्तावेजों का सत्यापन शुरू हुआ तो लिखित परीक्षा के आवेदन में लगे फोटो और वर्तमान फोटो में अंतर पाया गया। साथ ही हैंडराइटिंग भी मेल नहीं खाई, जिससे स्पष्ट हुआ कि परीक्षा किसी और ने दी थी।

सतनवाड़ा पुलिस ने इन छह अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है

  • निर्भय सिंह गुर्जर पुत्र सुघर सिंह, निवासी ग्राम डांडा खिरक, थाना भंवरपुरा, जिला ग्वालियर
  • भूपेन्द्र सिंह गुर्जर पुत्र रामलखन सिंह, निवासी ग्राम रजियावर, थाना डबरा, जिला ग्वालियर
  • धर्मेन्द्र गुर्जर पुत्र जगन्नाथ, निवासी ग्राम बड़ी झूं, थाना भितरवार, जिला ग्वालियर
  • रामनरेश गुर्जर पुत्र अमर सिंह, निवासी चंदू का पुरा, थाना माता बसैया, जिला मुरैना
  • अंकेश रावत पुत्र भूरा सिंह, निवासी ग्राम जतरथी, थाना करहिया, जिला ग्वालियर
  • मोनू रावत पुत्र पातीराम, निवासी ग्राम बाबड़ी, थाना टैंटरा, जिला मुरैना।

इन सभी के खिलाफ धारा 420, 419 IPC व परीक्षा अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।

सॉल्वर गैंग का खुलासा पूछताछ में सामने आया कि अंकेश रावत ने छतरपुर निवासी राजकुमार पासवान से संपर्क किया था, जिसने आधार अपडेट कर सॉल्वर की व्यवस्था की। वहीं धर्मेन्द्र गुर्जर को ग्वालियर निवासी मुकेश गुर्जर ने सॉल्वर उपलब्ध कराया। इसके लिए अंकेश ने 7 लाख और धर्मेन्द्र ने 5 लाख रुपये में सौदा तय किया था।

6 जिलों में 25 से ज्यादा FIR आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में अब तक प्रदेश के 6 जिलों में 25 से अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। इस मामले में एक संगठित गिरोह के संलिप्त होने की बात सामने आ रही है, जो पैसे लेकर उम्मीदवारों के आधार अपडेट करवा सॉल्वर से परीक्षा दिलवाते थे।

एसपी अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी गठित की गई है, जो पूरे गिरोह का खुलासा करेगी और फरार आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करेगी।



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