शरीर पर चोट के 15 निशान, टूटे दांत और तीन जगह फ्रैक्चर। 9 जून, 2024 को बेंगलुरु में रेणुकास्वामी की डेडबॉडी मिली, तब कुत्ते उसे नोंच रहे थे। 33 साल के रेणुकास्वामी चित्रदुर्ग के रहने वाले थे। पुलिस ने जांच शुरू की, सबूत जुटाए तो मर्डर में 17 लोगों के
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पुलिस ने दावा किया कि रेणुकास्वामी दर्शन का फैन था और उनकी दोस्त पवित्रा को गंदे मैसेज भेजता था। इसी गुस्से में दर्शन ने रेणुकास्वामी को अगवाकर उसका मर्डर करवा दिया। मारने से पहले उसे बुरी तरह टॉर्चर किया। दर्शन के खिलाफ सबूत भी थे, लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट ने 13 दिसंबर, 2024 को उन्हें और बाकी आरोपियों को जमानत दे दी।
रेणुकास्वामी मर्डर केस को आज एक साल पूरा हो गया, लेकिन कोर्ट में इसकी सुनवाई पूरी नहीं हो पाई है। रेणुकास्वामी के पिता काशीनाथ शिवनगौड़ा कांपती हुई आवाज में कहते हैं, ‘बेटे को गुजरे एक साल हो गए। हर दिन उसकी तस्वीर देखता हूं और सोचता हूं कि आखिरी वक्त में वो कितनी तकलीफ में रहा होगा।’
‘जिस तरह उसे मारा गया, वो किसी के बेटे के साथ नहीं होना चाहिए। मेरे बेटे के कातिल आज खुले घूम रहे हैं। मेरा कानून से भरोसा उठ गया है।’
CCTV फुटेज में रेणुकास्वामी फार्मेसी से निकलते हुए दिख रहे हैं। वे यहां से अपने टू-व्हीलर से निकले थे। इसके बाद लापता हो गए।
4 पॉइंट्स में जानिए केस कहां अटका है…
1. बेंगलुरु पुलिस ने रेणुकास्वामी मर्डर केस पर सितंबर 2024 में 3,991 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। इसमें एक्टर दर्शन, उसकी कथित गर्लफ्रेंड पवित्रा गौड़ा के साथ 15 आरोपियों के खिलाफ हत्या, अपहरण के आरोप लगे। नवंबर 2024 में दूसरी चार्जशीट पेश की गई, जिसमें हत्या वाली जगह पर आरोपियों की मौजूदगी के सबूत का जिक्र है। इसके बावजूद अदालत में सुनवाई की प्रोसेस आगे नहीं बढ़ पाई।
2. केस में मुख्य आरोपी दर्शन की याचिका पर सितंबर 2024 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने चार्जशीट की जानकारी पब्लिश करने पर रोक लगा दी। इस आदेश की वजह से केस से जुड़े अपडेट सामने नहीं आ पाए। इससे केस की ट्रांसपेरेंसी पर सवाल उठ रहे हैं।
3. दर्शन और बाकी आरोपियों को दिसंबर 2024 में जमानत मिल गई। इसके बाद दर्शन ने विदेश जाने की इजाजत के लिए कोर्ट में याचिका दायर की। इस पर रेणुकास्वामी के पिता ने कहा कि कातिलों के खिलाफ सबूत हैं, तो उन्हें जमानत कैसे मिली। इससे न्यायिक प्रक्रिया की गंभीरता पर शक होता है।
4. कर्नाटक सरकार ने रेणुकास्वामी हत्याकांड में तेजी से सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट बनाने पर विचार करने की बात कही थी। हालांकि, अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
8 जून 2024 को क्या हुआ था रेणुकास्वामी बेंगलुरु हाईवे पर अपोलो फार्मेसी स्टोर पर काम करते थे। 8 जून की सुबह वे रोज की तरह काम पर गए थे, लेकिन रात तक घर नहीं लौटे। उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा था। इससे परिवार परेशान हो गया। पिता ने पुलिस को बेटे के लापता होने की जानकारी दी।
पुलिस ने तलाश शुरू की। रेणुकास्वामी के ऑफिस से लेकर रास्तों के CCTV फुटेज खंगाले गए। 14 घंटे बाद 9 जून को रेणुकास्वामी की डेडबॉडी करीब 200 किमी दूर बेंगलुरु में मिली।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि रेणुकास्वामी के शरीर पर 15 चोटें लगी थीं। तीन तरफ की हड्डियां टूटी हुई थीं और पेट में खून का रिसाव हुआ था। चार दांत टूटे थे। शरीर में खून जम गया था। बॉडी पर सिगरेट से जलाने के निशान मिले।
रेणुकास्वामी की डेडबॉडी बेंगलुरु में एक नाले के पास मिली थी। शरीर पर पिटाई के निशान थे। आरोपियों ने उन्हें बुरी तरह पीटा था, जिससे उनकी मौत हो गई।
फार्मेसी के पास मिली आखिरी लोकेशन 8 जून को रेणुकास्वामी फार्मेसी से दोस्तों के साथ बाहर निकले थे। इसकी CCTV फुटेज भी है। उन्होंने बालाजी बार के पास बाइक खड़ी की और चार लोगों के साथ ऑटो में बैठकर 2 किमी दूर एक पेट्रोल पंप पर गए। इसके बाद से उनका पता नहीं चला।
शुरुआती जांच में CCTV फुटेज और चश्मदीदों के बयानों से खुलासा हुआ कि हत्या के पीछे किसी एक आदमी का हाथ नहीं, बल्कि कई लोग शामिल हैं। पुलिस जांच में ये खुलासा हुआ कि रेणुकास्वामी दर्शन के फैन थे।
उन्होंने दर्शन की दोस्त पवित्रा को इंस्टाग्राम अकाउंट से गंदे मैसेज भेजे थे। इसी गुस्से में दर्शन ने रेणुकास्वामी का मर्डर करवा दिया। हालांकि रेणुकास्वामी का परिवार पुलिस की इस थ्योरी को झूठा बताता है। फैमिली का कहना है कि ये सब एक्टर दर्शन को बचाने के लिए गढ़ी झूठी कहानियां हैं।
ये रेणुकास्वामी के फार्मेसी आने का CCTV फुटेज है। कुछ देर बाद वे यहां से निकल गए थे।
पिता बोले- पुलिस और सिस्टम दर्शन को बचा रहा कर्नाटक के चित्रदुर्ग में लक्ष्मी वेंकटेश्वर लेआउट मोहल्ले में दोमंजिला मकान ‘सिद्धम साधना’ में रेणुकास्वामी का परिवार रहता है। घर पर फिलहाल रेणुका के पिता काशीनाथ शिवनगौड़ा और मां रत्नप्रभा रहते हैं। पत्नी सहाना ने 16 अक्टूबर 2024 को एक बच्चे को जन्म दिया। रेणुकास्वामी की हत्या के समय सहाना 5 महीने की गर्भवती थी, इस वक्त वे मायके में रह रही हैं।
रेणुकास्वामी मर्डर केस में एक साल बाद भी कोई फैसला न आने से उनके पिता काशीनाथ शिवनगौड़ा निराश हैं। वो कानूनी प्रक्रिया पर नाराजगी जताते हुए कहते हैं, ‘हमारा बेटा चला गया, लेकिन अब तक इंसाफ नहीं मिला। पुलिस ने पहले दर्शन को गिरफ्तार किया, फिर कुछ महीनों बाद उसे जमानत मिल गई। ये कैसा न्याय है।’
‘केस में दो बार चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, लेकिन अब तक सुनवाई पूरी नहीं हो पाई। हमें कोर्ट पर भरोसा है, लेकिन यह भरोसा कब तक टिकेगा। अगर ऐसा ही चलता रहा तो बेटे को न्याय कैसे मिल पाएगा।’
काशीनाथ ये बात कह रहे थे, तो उनके बगल में बैठी रेणुकास्वामी की मां रत्नप्रभा उन्हें संभालती हैं। वे कहती हैं, ‘जिन लोगों ने मेरे बेटे को पीट-पीटकर मार डाला, वो जमानत पर बाहर घूम रहे हैं। इन लोगों से हमेशा खतरा बना हुआ है। इसी के डर से बहू हमारे पोते को लेकर मायके चली गई। अब हमें ही बेटे के लिए कानूनी लड़ाई लड़नी है।’
‘हर बार कोर्ट में सुनवाई होती है, लेकिन दर्शन शूटिंग का बहाना बताकर नहीं आता। कभी उसके वकील बताते हैं कि वो बीमार चल रहा है। तरह-तरह के बहाने करके जानबूझकर इस केस को अटकाया जा रहा है ताकि हमें इंसाफ न मिल पाए।’
आपको लगता है रेणुकास्वामी ने पवित्रा को मैसेज भेजे होंगे? रत्नप्रभा कहती हैं, ‘बिल्कुल नहीं’
एक साल में बेंगलुरु पुलिस को क्या-क्या मिला पुलिस की जांच में पता चला है कि रेणुकास्वामी ने तनिषा रेड्डी के नाम से फर्जी इंस्टाग्राम प्रोफाइल बनाई थी। इस अकाउंट से वो पवित्रा को मैसेज भेजता था। इस फर्जी अकाउंट के करीब 500 फॉलोअर्स हैं। इस अकाउंट से 304 पोस्ट की गई थीं। इन्हीं में से एक पोस्ट में रेणुकास्वामी ने पवित्रा पर दर्शन और उसकी पत्नी के बीच दरार पैदा करने का आरोप लगाया था।
4 सितंबर 2024 को पवित्रा और रेणुकास्वामी की चैट वायरल हो गई। इससे पता चला कि रेणुकास्वामी कई महीनों से पवित्रा को मैसेज भेजकर परेशान कर रहा था। चैट वायरल होने के बाद दर्शन को उसके कुछ फैंस ने इस बारे में जानकारी दी। दर्शन इन मैसेज को देखकर भड़क गया।
उसने चित्रदुर्ग में फैन क्लब चलाने वाले राघवेंद्र से कॉन्टैक्ट किया। राघवेंद्र ने रेणुकास्वामी का पता लगाया और उसके कत्ल की सुपारी दे दी। इसके बाद कातिलों ने पहले रेणुका को अगवा किया और फिर दर्शन के एक फार्म हाउस में उसे टॉर्चर किया। इससे दर्शन की मौत हो गई।
यहां यह भी प्लानिंग की गई थी कि यदि कत्ल का राज खुलने का डर होगा, तो कातिल खुद जुर्म कबूल लेंगे और सारा इल्जाम अपने सिर पर ले लेंगे।
दर्शन पर लगे तीन गंभीर आरोप
पहला आरोप: केस बदलने के लिए 30 लाख दिए बेंगलुरु की कामाक्षीपाल्या पुलिस की जांच में पता चला कि दर्शन ने रेणुकास्वामी की डेडबॉडी ठिकाने लगाने और पकड़े जाने पर केस को घुमाने के लिए तीन लोगों को 30 लाख रुपए दिए थे।
दूसरा आरोप: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने के लिए 1 करोड़ का ऑफर बेंगलुरु के विक्टोरिया हॉस्पिटल में रेणुकास्वामी का पोस्टमॉर्टम करने वाले एक डॉक्टर ने पुलिस कमिश्नर बी.दयानंद को बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें कॉल करके PM रिपोर्ट में हेराफेरी करने के लिए एक करोड़ रुपए का लालच दिया। रिपोर्ट में मौत की वजह हार्ट अटैक बताने के लिए कहा।
तीसरा आरोप: तीन फर्जी आरोपियों से पुलिस स्टेशन में सरेंडर कराया रेणुकास्वामी की हत्या के बाद 20 जून को निखिल, केशवमूर्ति और कार्तिक नाम के 3 आरोपी पुलिस स्टेशन पहुंचे और सरेंडर कर दिया। उन्होंने मर्डर की बात कबूल कर ली। तीनों ने माना कि पैसे के लालच में ऐसा किया। सख्ती से पूछताछ में उन्होंने अपनी गलती मानी।
पुलिस अधिकारी बोले- दर्शन और पवित्रा के खिलाफ ठोस सबूत हमने हत्याकांड की जांच में शामिल चित्रदुर्ग के एक सीनियर पुलिस ऑफिसर से बात की। केस के इन्वेस्टिगेशन स्टेज में होने के कारण उन्होंने ऑफ-द-रिकॉर्ड बताया, ‘इस मामले में शामिल किसी भी आरोपी को हम नहीं बख्शेंगे। बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले पर 3991 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इसमें गवाहों के बयान, फोरेंसिक रिपोर्ट, CCTV फुटेज, कॉल रिकॉर्डिंग और मेडिकल रिपोर्ट शामिल हैं।’
चार्जशीट में आरोपियों पर हत्या, अपहरण, आपराधिक साजिश और सबूत मिटाने जैसी धाराएं लगाई गई हैं। अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक जाकर जमानत रद्द कराने की कोशिश की जाएगी।
पुलिस अधिकारी बताते हैं, ‘दर्शन का गन लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है। उनके किसी भी तरह के विदेश दौरे या बिना बताए राज्य से बाहर जाने पर भी रोक लगाई गई है।’
20 मई को दर्शन-पवित्रा कोर्ट में पेश हुए, अगली सुनवाई 7 जुलाई को बेंगलुरु की सेशन कोर्ट में रेणुकास्वामी हत्याकांड पर 20 मई को सुनवाई हुई। इस दौरान दर्शन, पवित्रा और सभी 15 आरोपी अदालत में पेश हुए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई 2025 को तय की है। दर्शन और पवित्रा को दिसंबर 2024 में हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। बाकी आरोपियों को पहले ही राहत मिल चुकी थी।
CCTV फुटेज में आरोपियों की स्कॉर्पियो और जीप दिखी थीं। आरोप है कि रेणुकास्वामी को इन्हीं में से एक कार में ले जाया गया था।
एक्सपर्ट बोले- दर्शन को जमानत के बाद केस की फाइल लगभग बंद कर्नाटक के सीनियर जर्नलिस्ट मलाथेश अरसू मानते हैं कि हत्याकांड में दर्शन के शामिल होने से इस केस ने नया मोड़ ले लिया। रेणुकास्वामी की लाश नाले में मिली थी, उस वक्त दर्शन ‘द डेविल’ फिल्म की शूटिंग कर रहे थे।
मलाथेश कहते हैं, ‘दर्शन को पुलिस ने मैसूरु से गिरफ्तार किया। उन पर कोर्ट में सुनवाई चली, अब वे जमानत पर बाहर हैं। रही बात दर्शन के दोबारा गिरफ्तारी की, तो इसकी संभावना बहुत कम दिख रही है। ये केस पूरी तरह से खत्म हो चुका है।’
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