इंदौर में एक और कन्वेंशन सेंटर बनने का रास्ता साफ हो गया है। इसे उच्च स्तरीय कमेटी ने मंजूरी दे दी है। यह कन्वेंशन सेंटर स्कीम नंबर 172 में 300 करोड़ की लागत से बनेगा। यह प्रदेश का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर माना जा रहा है। इंदौर के सांसद शंकर लालवानी न
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तकरीबन डेढ़ साल पहले जनप्रतिनिधियों ने देपालपुर जंक्शन की जगह तय कर दी थी, लेकिन उसका लैंडयूज समस्या बन गया था। उस जमीन पर राजस्व और वन विभाग ने भी अपना-अपना दावा जताया था। अपर मुख्य सचिव ने जमीन का विवाद खत्म कर दिया था, लेकिन लैंडयूज कन्वेंशन सेंटर, होटल के लिए नहीं था।
इस पर प्राधिकरण ने लैंडयूज बदलने का प्रस्ताव बनाकर नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग को भेजा था। मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि कन्वेंशन सेंटर, होटल व अन्य उपयोग के लिए लैंडयूज बदल दिया गया है। सांसद शंकर लालवानी ने शनिवार को बताया कि इस संबंध में सरकार की ओर से सूचना मिल गई है।
इस कन्वेंशन सेंटर के निर्माण से इंदौर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कॉन्फ्रेंस, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और व्यवसायिक आयोजनों के लिए एक प्रमुख मंच मिलेगा। इससे न केवल शहर की प्रतिष्ठा बढ़ेगी, बल्कि होटल, ट्रैवल और लोकल बिजनेस सेक्टर को भी प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
आईडीए बनाएगा यह कन्वेंशन सेंटर
यह कन्वेंशन सेंटर इंदौर विकास प्राधिकरण बनाएगा। सुपर कॉरिडोर पर स्कीम 172 में 10 हेक्टेयर जमीन पर कन्वेंशन सेंटर बनेगा। भविष्य के लिए 7 हेक्टेयर जगह और आरक्षित की जाएगी। कुल 17 हेक्टेयर जमीन को रिजर्व रखा जाएगा। स्कीम 155 में सालों से खाली पड़े फ्लैट फ्री होल्ड नीति पर बेचे जाएंगे। यानी खरीदने के साथ ही व्यक्ति को मालिकाना हक मिल जाएगा। लीज नवीनीकरण के झंझट से मुक्ति मिलेगी।
दरअसल इंदौर में हुए प्रवासी सम्मेलन में जगह का मुद्दा आया था। कई लोगों को प्रवेश नहीं मिल पाया था। इस पर तय किया गया था कि 10 हजार से अधिक की क्षमता वाला कन्वेंशन सेंटर इंदौर में बनाया जाएगा। इसमें मॉल, बजट होटल और फाइव स्टार होटल भी बनाई जाएगी। 3000 से अधिक पार्किंग की व्यवस्था भी रहेगी। सांसद, महापौर ने अफसरों के साथ मौके पर जाकर 6 फरवरी 2023 को जमीन फाइनल की थी।
3000 गाड़ियों की पार्किंग भी रहेगी
जमीन का उपयोग बदले जाने का मतलब यह है कि इस प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जाएगी। उसके बाद टेंडर प्रक्रिया की जाएगी। हालांकि आईडीए ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट की प्रक्रिया पहले ही पूरी कर ली थी। डीपीआर फाइनल होने के साथ ही इसे मंत्री व प्रमुख सचिव के समक्ष रखा जाएगा।
टीसीएस-इन्फोसिस की जमीन से भी है कनेक्शन
सुपर कॉरिडोर पर प्राधिकरण ने टीसीएस और इन्फोसिस को 230 एकड़ जमीन आवंटित की थी। इन दोनों प्रमुख आईटी कंपनियों को शासन ने जो जमीनें औने-पौने दामों पर आवंटित की, उसके एवज में प्राधिकरण को राशि नहीं दी और बाद में छोटा बांगड़दा और नैनोद स्थित 225 एकड़ जमीन का आवंटन राजस्व विभाग के जरिए करवा दिया, ताकि प्राधिकरण की क्षतिपूर्ति हो सके।
हालांकि बाद में शासन ने टीसीएस और इन्फोसिस से भी कुछ जमीनें वापस ले ली, क्योंकि दावे के मुताबिक इन दोनों आईटी कंपनियों ने इतना रोजगार उपलब्ध नहीं कराया। दूसरी तरफ प्राधिकरण ने शासन से जो 225 एकड़ जमीन मिली, उस पर योजना 172 घोषित कर दी और उसी जमीन पर 10 हजार की बैठक क्षमता वाले कन्वेंशन सेंटर की प्लानिंग भी कर ली।
इसलिए स्कीम 172 में बनेगा कन्वेंशन सेंटर
योजना क्रमांक 172 में इस लोकेशन को फाइनल करने के पीछे तीन बड़े कारण हैं। पहला, एयरपोर्ट यहां से महज आधा किमी की दूरी पर है। दूसरा, भविष्य में यहां मेट्रो ट्रेन आएगी और तीसरा, ट्रैफिक लोड कम है। दरअसल आईडीए ने राजेंद्र नगर में एक हजार की क्षमता वाला कन्वेंशन सेंटर बनाया था, जो पूरा होने के बाद भी कभी भी शुरू नहीं हो पाया। नई कुर्सी, मंच, रंगरोगन सब खराब हो गया। आखिर में अब इस सेंटर को लता मंगेशकर के नाम बन रहे म्यूजियम में तब्दील किया जा रहा है। स्टूडियो, कलाविथिका, छोटा सभागार है।