सीएम के साथ मंच साझा करतीं विधायक चिटनिस।
बुरहानपुर विधायक ने ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना पर अपनी बात रखी है। उन्होंने परियोजना को बेहद ही महत्वपूर्ण बताया। भोपाल में शनिवार को मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना पर एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस परिय
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बुरहानपुर विधायक अर्चना चिटनिस ने बताया कि यह विश्व की सबसे बड़ी भूजल रिचार्ज परियोजना है। इसमें 200 किलोमीटर की परिधि में बजाड़ा झोन का विस्तार है। इसका लाभ बुरहानपुर, भुसावल, रावेर, जलगांव और धारणी तक के क्षेत्रों को मिलेगा। दोनों राज्य सरकारें अब इस परियोजना के लिए भारत सरकार से अनुमोदन लेंगी। मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री से गुहार लगाएंगे।
परियोजना यह मध्यप्रदेश.महाराष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योजना साबित हो सकेगी। इससे न केवल क्षेत्र का समग्र विकास और भू जल उपलब्धता को सुनिश्चितता मिलेगी, बल्कि गिरते भू जल स्तर को रोकने में मदद करने वाली होगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के पूरा होने पर मध्यप्रदेश में लगभग 1.23 लाख हेक्टेयर और महाराष्ट्र में 2.35 लाख हेक्टेयर भूमि पर स्थायी सिंचाई उपलब्ध होगी।
किसानों की आय में वृद्धि और कृषि उत्पादन में स्थिरता आएगी। इसमें मध्यप्रदेश के बुरहानपुर, खंडवा, महाराष्ट्र के जलगांव, बुलढाणा, अकोला और अमरावती जिले के क्षेत्र शामिल है।
योजना की अनुमानित लागत 19 हजार करोड़ के आसपास है। वर्ष 1999 में सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड भारत सरकार द्वारा एक प्रकाशन किया गया जिसमें उन्होंने एक मेगा रिचार्ज की संभावना सतपुड़ा की तलहटी में उपस्थित बजाड़ा झोन की स्थिति को बताया। इस प्रकाशन को भूमिगत जल भरण के आर्टिफिशियल रिचार्ज का मास्टर प्लान भी कहा गया।
लंबे प्रयास, केन्द्र, राज्यों सरकार के सतत् पत्राचार, सिविल सोसायटी के वैज्ञानिकों से उन्मुखीकरण के के बाद 4 अगस्त 2009 को मुंबई में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के सरकार तत्कालीन जल संसाधन मंत्री, तत्कालीन शिक्षा मंत्री रहते अर्चना चिटनिस की उपस्थिति में इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की सैद्धांतिक सहमति बनी थी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने समझौते पर दस्तखत किए।
ऐसे चली प्रक्रिया
- ताप्ती मेगा रिचार्ज को मान्यता मिल पाने में अनेक स्तर पर कठिनाई व रूकावट निरंतर आती रही। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 31 दिसंबर 2014 को टेक्नो ट्यूशन का टास्क फोर्स बनाया गया।
- केन्द्र, राज्य सरकारों की कई बैठकों के बाद 5 अक्टूबर 2015 को टास्क फोर्स ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
- 9 जनवरी 2016 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री, भारत सरकार के जल संसाधन मंत्री के सम्मुख फिजिबिलिटी रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस फिजिबिलिटी पीएफआर में एक वृहद प्रोजेक्ट रिपोर्ट डीपीआर बनाने के निर्देश 13 जनवरी 2016 को दिए गए। जिसके लिए एक नया डिविजन जलगांव में प्रारंभ किया गया। डब्ल्यूएपीसीओएस वेपकास को डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए।
- वेप कास के साथ 5 मई 2016 को मेमोरेंडम एण्ड एग्रीमेंट पर सभी पक्षों द्वारा हस्ताक्षर किए गए। महाराष्ट्र के एसएलटीएसी से तकनीकी सहमति लेकर यह डीपीआर मध्यप्रदेश सरकार, महाराष्ट्र और भारत सरकार को 07 दिसंबर 2023 को पेश की जा चुकी है।