हिमाचल प्रदेश के देहरा में जलशक्ति विभाग के एक्सईएन के खिलाफ एक मामला सामने आया है। प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री रमेश धवाला एक्सईएन के सरकारी आवास पर अचानक पहुंच गए दी। यहां दो सरकारी कर्मचारी घरेलू काम करते मिले।
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पूर्व कैबिनेट मंत्री रमेश धवाला ने बताया कि दोनों कर्मचारियों को 50 हजार रुपए प्रति माह वेतन मिलता है। इन कर्मचारियों की ड्यूटी फील्ड में पानी की सुविधा मुहैया करवाने की है। लेकिन इनसे झाड़ू-पोंछा और घरेलू मरम्मत के काम करवाए जा रहे थे।
पूर्व मंत्री ने इस मामले को जनता के पैसों का दुरुपयोग बताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से शिकायत करने की बात कही है। साथ ही दोषी अफसर से दोनों कर्मचारियों की सेलरी की वसूली की मांग की है।
धवाला ने एक्सईएन पर फोन नहीं उठाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी इतने अहंकारी हो गए हैं कि जनप्रतिनिधियों को जवाब देना जरूरी नहीं समझते। उन्होंने इस मामले को एंटी करप्शन कानून के तहत कार्रवाई योग्य बताया है।
एक्सईएन के आवास पर पूर्व कैबिनेट मंत्री
भर्ती में गड़बड़ियों का आरोप
प्रेस कॉन्फ्रेंस में रमेश धवाला ने जलशक्ति विभाग देहरा और ज्वालामुखी में मल्टी टास्क वर्कर (MTW) की भर्ती प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि भर्ती में सरकार द्वारा तय मेरिट और नियमों को ताक पर रखकर कम प्रतिशत वालों को नौकरी पर रखा गया, जबकि योग्य और जरूरतमंद युवा बेरोजगार रह गए।
उन्होंने मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि यह युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी अब सिफारिश और पहुंच का माध्यम बन गई है, जिससे आम आदमी का विश्वास टूट रहा है।
एक्सईएन आवास की साफ सफाई करता कर्मचारी
विधायक संजय रत्न पर भी साधा निशाना
उन्होंने बिना नाम लिए ज्वालामुखी विधायक संजय रत्न पर भी निशाना साधा और कहा कि कहा कि अब विभागों में वही काम होता है जिसकी चिट्टी विधायक देता है। उन्होंने कहा कि अब आम आदमी को हर छोटे से छोटे काम के लिए नेताओं के पीछे भागना पड़ता है, जो गलत परंपरा है।
धवाला ने दो टूक कहा कि जब तक इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होती और दोषियों को दंडित नहीं किया जाता, वे जनता की आवाज बनकर संघर्ष जारी रखेंगे।