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ओला इलेक्ट्रिक के सेल्स डिसक्लोजर की जांच कर रही SEBI: फरवरी में 25,000 इलेक्ट्रिक व्हीकल बेचने का दावा किया था; परिवहन मंत्रालय भी नोटिस दे चुका


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मुंबई6 मिनट पहले

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ट्रेड सर्टिफिकेट ना होने के कारण 22 अप्रैल को महाराष्ट्र में 121 स्टोर्स पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे।

ओला इलेक्ट्रिक कंपनी इन दिनों SEBI और सरकार की निगरानी में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक SEBI ओला इलेक्ट्रिक के फरवरी के सेल्स डिस्क्लोजर की जांच कर रही है।

दरअसल फरवरी 2025 में कंपनी ने दावा किया था कि उसने 25,000 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे और इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में 28% मार्केट शेयर हासिल किया था।

लेकिन सरकारी वेबसाइट VAHAN पर दर्ज आंकड़े के अनुसार उस महीने ओला के सिर्फ 8,600 वाहनों का ही रजिस्ट्रेशन हुआ था। इस बड़े अंतर पर सेबी जांच कर रही है।

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय भी नोटिस दे चुका

4 दिन पहले ओला को केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने शो-कॉज नोटिस जारी कर चुका है। मंत्रालय ने 7 दिन के भीतर कई अहम सवालों के जवाब मांगे हैं। अगर ओला ने समय पर जवाब नहीं दिया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।

नोटिस में ओला से इन सवालों के जवाब मांगे

  • सेल्स-सर्विस सेंटर का ब्योरा: ओला को अपने देशभर के सेल्स और सर्विस सेंटर की संख्या, पिछले 3 साल में जारी किए गए ट्रेड सर्टिफिकेट्स की डिटेल और उनकी तारीखें बतानी होंगी।
  • फरवरी में बिक्री की जानकारी: ओला को फरवरी महीने में बेची गई 7,820 इलेक्ट्रिक स्कूटरों के मॉडल और वेरिएंट-वाइज डिटेल भी देनी होगी।
  • अनरजिस्टर्ड वाहन: मंत्रालय ने पूछा है कि क्या ओला के सेंटर्स पर अभी तक बिना रजिस्ट्रेशन के कितने वाहन रखे गए हैं?

22 अप्रैल को महाराष्ट्र में 121 स्टोर्स पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे

तीन दिन पहले महाराष्ट्र में ट्रांसपोर्ट विभाग ने ओला के 121 स्टोर्स बंद करने के निर्देश दिए हैं। ट्रांसपोर्ट विभाग ने ओला के 146 स्टोर्स की जांच की थी,इनमें 121 से ज्यादा स्टोर्स बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के चल रहे थे।

दरअसल, पिछले महीने RTO ने महाराष्ट्र में ओला के कई स्टोर्स पर छापेमारी की थी। स्टोर्स पर ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने के चलते 192 व्हीकल्स को जब्त कर कारण बताओ नोटिस दिए गए थे।

ओला इलेक्ट्रिक का शेयर 6 महीने में 35% गिरा

मंगलवार को ओला इलेक्ट्रिक शेयर 1.47% की तेजी के साथ ₹50 रुपए पर बंद हुआ। एक महीने में ओला का शेयर 4% से ज्यादा गिरा है। वहीं पिछले एक साल में शेयर 45% से ज्यादा टूटा है। ओला का मार्केट कैपिटल 22.14 हजार करोड़ रुपए है।

ओला के स्टोर पर 4 बार हुई रेड

ओला के स्टोर्स पर देशभर में RTO कार्रवाई हुई थी। अब तक महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के 32 स्टोर्स पर रेड पड़ चुकी है। इसके अलावा राजस्थान में कुछ स्टोर्स पर भी कार्रवाई की गई है। इसमें 50 से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियों को जब्त किया जा चुका है।

  • 8 मार्च- देशभर में ओला के कई स्टोर्स पर छापेमारी की गई। ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने के चलते कई स्टोर्स सील किए, इलेक्ट्रिक गाड़ियां जब्त की गईं।
  • 12 मार्च- मध्यप्रदेश के जबलपुर में 2 स्टोर पर RTO ने रेड मारी। इस दौरान ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने 14 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स जब्त किए।
  • 18 मार्च- इंदौर में 4 स्टोर पर छापा मारा। ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने के चलते कारण बताओ नोटिस दिया गया।
  • 17 से 19 मार्च- महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे में 26 स्टोर पर रेड हुई। इसमें 36 व्हीकल्स को जब्त कर नोटिस दिए गए।

दूसरी कंपनियों की शिकायत के बाद कार्रवाई

गुरुग्राम की प्रताप सिंह एंड एसोसिएट्स कंपनी ने ओला इलेक्ट्रिक और कुछ अन्य कंपनियों के खिलाफ ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने कार्रवाई की ।

95% स्टोर पर नहीं है बेसिक सर्टिफिकेशन

ओला इलेक्ट्रिक ने 2022 से अब तक 4,000 स्टोर खोले हैं। इकोनॉमिक टाइम्स रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से लगभग 3,400 शोरूम का ही डेटा उपलब्ध है। 3,400 में से 100 शोरूम ही ऐसे थे, जिनके पास मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत जरूरी ट्रेड सर्टिफिकेट थे।

कंपनी के 95% से अधिक स्टोर में अनरजिस्टर्ड टू व्हीलर्स डिस्प्ले करने, बेचने और उनकी टेस्ट राइड ऑफर करने के लिए जरूरी बेसिक सर्टिफिकेशन नहीं हैं।

ओला इलेक्ट्रिक ने कहा- रेड की कार्रवाई गलत और पक्षपातपूर्ण

रेड की कार्रवाई पर ओला इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने बताया था कि कोई वाहन जब्त नहीं किया गया है। इससे पहले ओला ने जांच को गलत और पक्षपातपूर्ण बताया था। प्रवक्ता ने कहा था कई राज्यों में ओला के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स और गोदामों में अनरजिस्टर्ड व्हीकल्स की इन्वेंट्री है।

ये मोटर व्हीकल एक्ट के दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करती है और जरूरी मंजूरियां मौजूद हैं। कंपनी ने स्टोर्स पर रेड को लेकर कोई जानकारी नहीं दी थी।

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