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कनाडा के गुरुद्वारे में खालिस्तानियों ने तोड़फोड़ की: दीवार पर खालिस्तान जिंदाबाद लिखा; गुरुद्वारा बोला- इन्हें कामयाब नहीं होने देंगे


ओटावाकुछ ही क्षण पहले

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खालसा दीवान सोसाइटी को रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारा के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना 1906 में की गई थी। - Dainik Bhaskar

खालसा दीवान सोसाइटी को रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारा के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना 1906 में की गई थी।

कनाडा के वैंकूवर में शनिवार को खालिस्तान आतंकियों के एक गुट ने खालसा दीवान सोसाइटी (KDS) गुरुद्वारे में तोड़फोड़ की। गुरुद्वारा प्रशासन ने इससे जुड़ी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की, जिसमें पार्किंग के आसपास की दीवार पर कई जगहों पर खालिस्तान जिंदाबाद शब्द स्प्रे-पेंट किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वैंकूवर पुलिस इस घटना की जांच कर रहा है। इसी दिन कनाडा के सरे में एक बड़ी वैसाखी परेड हुई थी। खालसा दीवान सोसाइटी ने पिछले हफ्ते वैंकूवर में वैसाखी परेड आयोजित की थी। इस परेड खालिस्तान ग्रुप्स को शामिल होने से रोक दिया गया था।

बता दें कि खालसा दीवान सोसाइटी को रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारा के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना 1906 में की गई थी।

कनाडाई सिख समुदाय के भीतर डर पैदा करना चाहते हैं KDS ने एक बयान जारी कर कहा- खालिस्तान की वकालत करने वाले सिख अलगाववादियों के एक छोटे ग्रुप ने ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ जैसे नारे लिखकर हमारी पवित्र दीवारों को विकृत किया।

बयान में आगे कहा गया कि हम खालसा संजा दिवस मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे। यह दिन सिखों की शक्ति, एकता और लचीलेपन का प्रतीक है। यह हरकत कट्टरपंथी ताकतों की तरफ से चलाए जा रहे कैंपेन का हिस्सा है, जो कनाडाई सिख समुदाय के भीतर डर और विभाजन पैदा करना चाहते हैं।

कट्टरपंथी हमें बांटने की कोशिश कर रहे हैं KDS ने कहा कि कट्टरपंथी अपने बुजुर्गों के सपनों और बलिदान को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने विविधता और आजादी का जश्न मनाने वाले देश में एक मजबूत, संपन्न समुदाय बनाने के लिए मेहनत की थी।

उनकी हरकतें हमें बांटने की कोशिशें करती हैं, जो कि कनाडाई नागरिक के तौर पर हमारी एकता और शांति के उलट है। हम विभाजनकारी इन ताकतों को सफल नहीं होने देंगे।

कनाडा ने माना कि खालिस्तान भारत के लिए खतरा 28 जनवरी 2025 को जारी कनाडा के फॉरेन इंटरफेरेंस कमीशन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खालिस्तान समर्थक कनाडा में रह रहे हैं। भारत के नजरिए से देखें तो इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जो भारत में खालिस्तान मूवमेंट चलाने के लिए टेरर फंडिंग कर रहे हैं।

ये रिपोर्ट कनाडा सरकार के फॉरेन इंटरफेरेंस कमीशन ने करीब एक साल में तैयार की है। इस कमीशन को कमिश्नर मेरी जोसी हॉग ने लीड किया था। CSIS (Canadian Security Intelligence Service) की रिपोर्ट के आधार पर दावा है कि भारत ने कुछ सबूतों के आधार पर कनाडा में पनप रहे खालिस्तान उग्रवाद से खतरे का अंदेशा जताया है।

ये भी कहा है कि कुछ खालिस्तानी उग्रवादी कनाडा में रहकर भारत को टारगेट कर रहे हैं। वे खासतौर पर टेरर फंडिंग कर रहे हैं। हालांकि, भारत के इस दावे पर कनाडा की इंटेलिजेंस सर्विस का मानना है कि खालिस्तान का समर्थन करने वाले ज्यादातर शांतिपूर्ण तरीके से रहते हैं।

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