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कनीना नपा चुनाव दो परिवारों के बीच मुकाबला होता रहा: अब देखना होगा कोई अन्य जीतता है, या फिर इन्हीं में से – Mahendragarh News



हरियाणा के महेंद्रगढ़ के कनीना की नगरपालिका लगभग 70 साल पुरानी है। यहां पर अधिकतर दो ही परिवारों के मध्य प्रधान व पार्षदों का मुकाबला होता रहा है। अब देखना होगा कि दोनों परिवारों में से कौन प्रधान की कुर्सी संभालता है या कोई अन्य तीसरा बाजी मारता है।

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कनीना नगर पालिका चुनाव में तीसरी पीढ़ी चुनाव लड़ रही है। जिसमें पत्नी प्रधान पद के लिए व पति वार्ड पार्षद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। जब पहली बार नगर पालिका बनी तब इनके दादा दो बार नगर पालिका प्रधान बने वही एक बार इनके पिता प्रधान बने। दूसरे परिवार की बात करें तो दो बार नगर पालिका के प्रधान बने। अब उनकी पुत्रवधू प्रधान पद का चुनाव लड़ रही है और उनके ससुर वार्ड पार्षद के चुनाव लड़ रहे हैं।

कनीना नगर पालिका का गठन 1955 में हुआ था। पहली बार जब नगर पालिका का चुनाव हुआ तो उस समय चौधरी बलबीर सिंह प्रधान बने। उसके बाद दोबारा 1968 में प्रधान बने। 1991 में बलवीर सिंह के पुत्र मास्टर दिलीप सिंह नगर पालिका के प्रधान बने। वही दूसरे परिवार से दो बार नगर पालिका के प्रधान बने राजेंद्र सिंह लोढ़ा 1987 में पहली व दोबारा 1995 में नगर पालिका के प्रधान बने।

मास्टर दिलीप सिंह का परिवार

सुमन देवी पत्नी दीपक सिंह प्रधान पद का चुनाव लड़ रही है। उनके पति दीपक सिंह वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ रहे हैं और उनके पिता मास्टर दिलीप सिंह पूर्व में नगर पालिका के प्रधान भी रह चुके हैं अब वे चुनाव नहीं लड़ रहे। राजेंद्र सिंह लोढ़ा का परिवार

दूसरी और रिंपी कुमारी पत्नी जयप्रकाश प्रधान पद की उम्मीदवार है। उसके ससुर राजेंद्र सिंह लोढ़ा वार्ड पार्षद के चुनाव लड़ रहे हैं। वे पहले भी दो बार नगर पालिका के प्रधान रह चुके हैं। वही रिंपी के पति जयप्रकाश भी बार एसोसिएशन कनीना के पूर्व प्रधान रह चुके हैं। इन दोनों परिवारों के बीच पांच बार प्रधान की कुर्सी आई। अब देखना होगा कि इस बार भी प्रधान की कुर्सी इन्हीं के मध्य रहती है या कोई तीसरा अन्य बाजी मारता है यह तो अभी गर्भ में छुपा हुआ है। चुनाव के बाद 12 मार्च को पता लगेगा।

वही इस चुनाव में देखने वाली बात यह है कि प्रधान व कुछ वार्ड पार्षद पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन दो परिवार ऐसे हैं जिनके प्रधान व पार्षद दोनों पदों पर उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

कौन कब प्रधान बने पूरी लिस्ट है

कनीना नगर पालिका लगभग 70 साल पुरानी है यहां पर दो ही परिवारों के बीच मुकाबला बता दें कि वर्ष 1955 में नगर पालिका कनीना बनी और पहली बार 1955 में चौधरी बलबीर सिंह प्रधान बने थे तत्पश्चात 1962 में चौधरी जानकी प्रसाद। वर्ष 1964 में संतोष कुमार उसके बाद 1968 में दोबारा से चौधरी बलबीर सिंह। उसके बाद 1987 में राजेंद्र सिंह लोढ़ा। वर्ष 1991 में बीडीपीओ सोहनलाल को चार्ज सोपा गया था तत्पश्चात 1991 में ही चौधरी दिलीप सिंह प्रधान बने। वर्ष 1994 में वी.सी राजशेखर को प्रशासक के जिम्मेवारी मिली । तत्पश्चात वर्ष 1994 में ही बीडीपीओ मुनीलाल नगर पालिका प्रशंसक रहे। वर्ष 1995 में राजेंद्र सिंह लोढ़ा दोबारा से प्रधान बने। वर्ष 2006 में प्रशासक महेंद्र सिंह मोरवाल रहे। वर्ष 2007 में संतोष देवी प्रधान बनी तत्पश्चात वर्ष 2012 में शारदा देवी प्रधान रही। वर्ष 2017 में एचसीएस संदीप सिंह प्रशासक के रूप में रहे। वर्ष 2018 में आईएएस अभिषेक मीणा प्रशासक के रूप में रहे। वर्ष 2019 में सतीश जैलदार प्रधान रहे। वर्ष 2023 में प्रशासक के रूप में एचसीएस सुरेंद्र सिंह रहे। उसके बाद एचसीएस अमित कुमार और अब एसडीएम डॉ. जितेंद्र सिंह हैं।

2 मार्च को चुनाव, 12 को वोटो की गिनती कनीना नगर पालिका चुनाव प्रचार 2 दिन बाद बंद हो जाएगा। उम्मीदवारों ने डोर टू डोर घरों में जाकर अपने पक्ष में वोट की अपील कर रहे हैं। जुलूस निकालकर शक्ति प्रदर्शन कर वोटो को लुभा रहे हैं। कनीना नगर पालिका में 14 वार्ड में 10413 मतदाता है वह अपने मतों का प्रयोग करेंगे। 2 मार्च को चुनाव होंगे और 12 मार्च को वोटो की गिनती होगी।



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