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कब है सोमवती पूर्णिमा? रवि योग में व्रत, स्नान-दान, जानें मुहूर्त, महत्व, पितरों को खुश करने का उपाय


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Somvati Purnima 2025 Date: नए साल की पहली सोमवती पूर्णिमा पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होगी. जो पूर्णिमा सोमवार के दिन होती है, वह सोमवती पूर्णिमा है. ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि सोमवती पूर्णिमा कब है? सोमवती पूर्णिमा…और पढ़ें

सोमवती पूर्णिमा 2025 का स्नान और दान का मुहूर्त.

जो पूर्णिमा तिथि सोमवार के दिन होती है, वह सोमवती पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है. नए साल की पहली सोमवती पूर्णिमा पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होगी. सोमवती पूर्णिमा के दिन व्रत, स्नान, दान, भगवान शिव एवं चंद्र देव की पूजा करने का विधान है. सोमवार का दिन भगवान शिव के लिए समर्पित है और चंद्र दोष से मुक्ति के लिए महादेव की पूजा करते हैं. उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि सोमवती पूर्णिमा कब है?

सोमवती पूर्णिमा 2025 किस दिन है?
पंचांग के अनुसार, सोमवती पूर्णिमा के लिए जरूरी पौष पूर्णिमा​ तिथि 13 जनवरी को प्रात: 5:03 बजे से प्रारंभ है और यह 14 जनवरी दिन मंगलवार को प्रात: 3:56 बजे तक मान्य है. ऐसी स्थिति में सोमवती पूर्णिमा 13 जनवरी सोमवार को मनाई जाएगी.

सोमवती पूर्णिमा 2025 का स्नान-दान कब से करें?
सोमवती पूर्णिमा का स्नान और दान ब्रह्म मुहूर्त से ही शुरू हो जाएगा. उस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:27 बजे से 6:21 बजे तक है. पूर्णिमा के दिन सूर्योदय सुबह 07:15 बजे होगा. वैसे सोमवती पूर्णिमा का स्नान और दान का कार्यक्रय पूरे दिन चलता है.

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सोमवती पूर्णिमा पर बना रवि योग
सोमवती पूर्णिमा के अवसर पर रवि योग बन रहा है. यह योग सुबह 7:15 बजे से बन रहा है, जो सुबह 10:38 बजे तक है. इस योग में सोमवती पूर्णिमा का स्नान, दान, पूजा पाठ करना शुभ फलदायी होगा. इस योग में सूर्य के प्रभाव से रोग और दोष दूर होते हैं. ऐसी धार्मिक मान्यता है.

सोमवती पूर्णिमा 2025 मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:09 बजे से दोपहर 12:51 बजे तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 07:15 ए एम से 08:34 ए एम
शुभ-उत्तम मुहूर्त: 09:53 ए एम से 11:11 ए एम
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 03:07 पी एम से 04:26 पी एम
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 04:26 पी एम से 05:45 पी एम

सोमवती पूर्णिमा पर चांद कब निकलेगा?
सोमवती पूर्णिमा के ​दिन चंद्रोदय शाम को 5:04 बजे होगा. जो लोग व्रत रखेंगे, वे रात में उस समय चंद्रमा को अर्घ्य दें, जिस समय वह पूर्ण से निकलकर प्रकाशित हो रहा हो.

सोमवती पूर्णिमा का महत्व
1. सोमवती पूर्णिमा के दिन शिव पूजा करने से आपकी कुंडली का चंद्र दोष दूर होगा. आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

2. सोमवती पूर्णिमा के अवसर पर चंद्रमा को अर्घ्य देने और पूजा करने का विधान है. इससे आपका चंद्रमा मजबूत होगा. जीवन में सुख और समृद्धि आएगी.

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3. सोमवती पूर्णिमा की शाम यानी प्रदोष काल में माता लक्ष्मी की पूजा करें. उनकी कृपा से आपके घर में धन और धान्य की कोई कमी नहीं रहेगी.

4. इस साल सोमवती पूर्णिमा या​नि पौष पूर्णिमा पर महाकुंभ का शुभारंभ होगा. इस दिन पहला शाही स्नान या अमृत स्नान होगा. इस अवसर पर आप प्रयागराज में स्नान और दान से पुण्य की प्राप्ति कर सकते हैं.

5. सोमवती पूर्णिमा दान चावल, दूध, सफेद कपड़े, शक्कर, मोती, सफेद चंदन आदि का दान कर सकते हैं. इससे चंद्रमा मजबूत होगा.

6. सोमवती पूर्णिमा के दिन आप अपने पितरों के लिए अन्न और वस्त्र का दान करें. उनकी कृपा आपको प्राप्त होगी. आपके पितर आपसे खुश होंगे.



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