भास्कर न्यूज | जालंधर करतारपुर कस्बे में संचालित श्री गुरु विरजानंद गुरुकुल के विद्यार्थियों के लिए मंगलवार का दिन बहुत खास रहा। शिमला से पधारे आर्य संन्यासी स्वामी ओंकारानंद सरस्वती का व्याख्यान हुआ। स्वामी ओंकारानंद सरस्वती देश विदेश में जगह-जगह जा
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उन्होंने जुलाई 2024 में 3 महीने नॉर्थ अमेरिका एवं साउथ अमेरिका के दो देश गुयाना एवं सूरीनाम में वेद प्रचार किया। इस अनुभव के साथ भारत वापस लौटे थे। उन्होंने मंगलवार को श्री गुरु बिरजानंद गुरुकुल करतारपुर में वहां के आचार्य उद्यान एवं गुरुकुल के अधिष्ठाता सुखराज के अनुमति से वहां के विद्यार्थियों में अपना व्याख्यान दिया।
उन्होंने अनुभव साझा करते हुए कहा आर्य संस्कृति का प्रचार प्रसार अति आवश्यक है। गुरुकुल के विद्यार्थी अपने आचरण पर ध्यान दें। विद्यार्थी राष्ट्र हित में जीवन जीना सीखें। उन्होंने अपने ओजस्वी प्रवचन देते हुए कहा गुरुकुल के विद्यार्थियों राष्ट्र हित के लिए कार्य करो। स्वामी ओंकारानंद ने कहा ऋषि के सिद्धांत को गहराई से समझने की आवश्यकता है।
उन्होंने महर्षि दयानंद गुरुकुल गुयाना में भी बच्चों को पढ़ने हेतु प्रोत्साहित किया। वहां जाने के बाद कम से कम 3 वर्ष तक देश वापस नहीं आना, ऐसा संकल्प करो। इस कार्यक्रम में गुरुकुल के अधिष्ठाता सुखराज आर्य के अलावे अन्य सहायक आचार्य भी उपस्थित रहे।