फूल सिंह बरैया ग्वालियर के सामाजिक न्याय सम्मेलन में शामिल हुए।
ग्वालियर में कांग्रेस विधायक शनिवार को फूल सिंह बरैया सामाजिक न्याय सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे। बरैया ने कहा कि मैं आरएसएस से पूछना चाहता हूं कि क्या अपने पिता को बदला जा सकता है क्या? पिता को एक बार तो बदला जा सकता है, लेकिन क्या अपनी माताजी क
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क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। ऐसे लोग हैं, जिनका जीवन ही डॉ. अंबेडकर की वजह से है। ऐसे लोगों को आप गाली देंगे तो फिर वे लोग इस क्रम को छोड़ेंगे नहीं। आप हिंदू कहते हो तो उनको कुएं से पानी नहीं भरने देते हैं। आप तय करो कि ये लोग हिंदू हैं कि नहीं। अगर हैं तो हिंदू गाइड लाइन पर चलने दों।
फूल सिंह बरैया ने कहा
क्या आप संविधान बदल देंगे क्या?, मैं कहना चाहूंगा जो आरएसएस का झंडा थाम कर बाबा साहब अंबेडकर को लगातार गालियां दे रहे हैं, जिन लोगों को बाबा साहब अंबेडकर को गालियां देना बुरा लगा है, वह सब कमजोर वर्ग के लोग हैं। उन्हें गालियां दोगे, वह छुप जाएंगे उनकी जमीन छीनोगे छुप जाएंगे। उनकी हत्या करोगे छुप जाएंगे। अगर बाबा साहब पर उंगली उठेगी तो यह छुपेंगे नहीं, लहू बहा देंगे।
बरैया ने कहा पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में दिल्ली में कार्यक्रम हुआ। वहां पर ग्वालियर के अधिवक्ता गए और बीएन राव को संविधान निर्माता बताते हुए फोटो बांटे गए। ऐसे में कहना चाहता हूं, यह छोटी बात नहीं है। देश के प्रसिद्ध पूर्व CJI चंद्रचूड़ जी की मौजूदगी में संविधान निर्माता को लेकर सवाल खड़े किए गए।
जिन बीएन राव की आप चर्चा कर रहे हैं। उनका संविधान की प्रारूप समिति तक में नाम ही नहीं है। बाबा साहब ने जब संविधान लिखा था तब विश्व प्रसिद्ध संविधान विश्लेषक एमवी पायली ने लिखा कि डॉ. अंबेडकर ने ही संविधान का निर्माण किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर अंबेडकर फादर ऑफ कॉन्स्टिट्यूशन है। यानी उन्होंने संविधान के पिता की संज्ञा डॉक्टर अंबेडकर को दी है। इतना ही नहीं प्रारूप समिति में शामिल केएन राव ने भी यह कहा कि डॉक्टर अंबेडकर केवल कॉन्स्टिट्यूशन के फादर ही नहीं बल्कि मदर भी है। यानी उन्हें संविधान की मां की संज्ञा भी दी गई। पिता का मतलब होता है जन्म देने वाला, संविधान को जन्म दिया है तो डॉ. अंबेडकर साहब ने दिया है। संघ के लोग कहते हैं हम संविधान बदल देंगे।