उत्तर प्रदेश पुलिस ने बैंक लॉकर लूट मामले में 2 अपराधियों का लखनऊ और गाजीपुर में एनकाउंटर कर दिया। लखनऊ में सोविंद और गाजीपुर में सन्नी का एनकाउंटर हुआ है। दोनों बिहार के मुंगेर के रहने वाले थे। मारे गए अपराधी मुंगेर के असरगंज थाना क्षेत्र के चौरगांव
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दैनिक भास्कर की टीम मुंगेर के चौरगांव गांव पहुंची। गांव के आखिरी में सोविंद कुमार बिंद का घर है। 25 दिसंबर की सुबह 11 बजे गांव के लोग अपने-अपने काम में जुटे थे, लेकिन सबकी जुबान पर सोविंद के एनकाउंटर की चर्चा थी। सड़क काफी सकरी थी। सड़क किनारे ही बकरी और गाय-भैंस बांधी गई थी।
जब हम सोविंद के दरवाजे पर पहुंचे तो वहां सन्नाटा था। दरवाजे के बाहर दो-तीन आदमी अंतिम संस्कार की तैयारी में जुटे थे। घर के अंदर से पत्नी और मां की सिसकियों की आवाज आ रही थी। घर पर शव नहीं पहुंचा था। सभी शव आने का इंतजार कर रहे थे। सोविंद का 3 साल का बेटा है, जिसे कुछ नहीं पता की उसके घर में क्या चल रहा है। वह आंगन में ही छोटे बच्चों के साथ खेल रहा था।
हमने घर के अंदर घुसने की कोशिश की, लेकिन दरवाजे पर ही हमें रोक दिया गया। कुछ मिनट में दर्जनों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और चारों तरफ से घेर लिया। कैमरा-मोबाइल बंद करा दिया। सभी के अंदर यूपी पुलिस के खिलाफ गुस्सा था। कह रहे थे कि सोविंद कोई आतंकवादी तो नहीं था, जिसका एनकाउंटर कर दिया गया। गलती की थी तो उसको पकड़ के जेल में डाल देना चाहिए था। मीडिया वालों ने न्यूज चला-चलाकर गांव का नाम बदनाम कर दिया है।
गांव में हमने कई लोगों से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन कैमरे पर कोई भी बोलने के लिए तैयार नहीं था, लेकिन सोविंद अपराधी है इस बात की जानकारी पूरे गांव के लोगों को थी। गांव वाले यह भी कह रहे थे कि आपराधिक घटनाओं को बिहार से बाहर अंजाम देता था। गांव में ऐसा बनकर रहता था, जैसे अपराधी नहीं है। सभी से मिलकर रहता था। सभी आपराधिक घटनाओं का अंजाम दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में ही देता था।
पत्नी ने कहा- गोली मारनी चाहिए पैर में, मार दी सीने में
दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने काफी कोशिश की तो सोविंद की पत्नी और मां बात करने को राजी हुई। दोनों के अंदर यूपी पुलिस के खिलाफ गुस्सा था। मां जया देवी ने कहा- मेरा बेटा ऐसा नहीं था। 14 महीने पहले ही जेल गया था। जेल से निकला तो यूपी पुलिस ने मार दिया। पत्नी रजनी देवी कहा- अगर गलती की थी तो जेल में बंद कर देना था। गोली मारना चाहिए था पैर में, मार दिया सीने में।
प्यार में धोखा खाने के बाद बना अपराधी
सोविंद के भाई कृत के अंदर यूपी पुलिस के खिलाफ गुस्सा दिखा। सोविंद तीन भाइयों में सबसे छोटा था। उसकी शादी 2019 में रजनी देवी से हुई थी। इसका एक तीन साल का बेटा भी है। पत्नी के रहते 2021 में सोविंद ने प्रेम प्रसंग में पास के गांव की एक लड़की को लेकर दिल्ली भाग गया था। कुछ दिन तक दोनों साथ में रहे, उसके बाद किसी बात को लेकर दोनों के बीच मन मुटाव हो गया। इसी बीच लड़की के पिता ने सोविंद के खिलाफ लड़की के अपहरण का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने जब दोनों को दिल्ली से हिरासत में लिया, तब लकड़ी ने प्यार का झांसा देकर भगाने का आरोप लगाया था। उस मामले में सोविंद मुंगेर जेल में करीब 1 साल तक रहा।
जेल में बदमाशों की संगत में आया
जेल में सोविंद का संपर्क कई अपराधियों से हुआ। जेल से निकलने के बाद वह दिल्ली चला गया। घर वालों को बताया था कि दिल्ली में एक फैक्ट्री में काम करता हूं। हालांकि, वहां कई छोटे मोटे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था।
सितंबर 2023 में अंबाला में हुए को-ऑपरेटिव बैंक के लॉकर लूट मामले में इसका नाम सामने आया। उस मामले में हरियाणा पुलिस ने 22 दिसंबर 2023 को चोरगांव से गिरफ्तार किया था। इसकी निशानदेही पर अन्य अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया था और लूटे गए आभूषण में 200 ग्राम सोना अमैया गांव से बरामद किया गया था। इसके रिश्तेदार के घर में जमीन के अंदर से बरामद हुआ था। इस घटना में भी मुंगेर के कई अपराधी शामिल थे।
18 दिसंबर 2024 को सोविंद को अंबाला बैंक लूट मामले जमानत मिली थी। वहां से निकलने के बाद घर वालों को फोन किया और कहा- जेल से निकल गया हूं। कुछ दिन में वापस घर आ जाऊंगा। उसके तीन दिन बाद ही लखनऊ बैंक लॉकर लूट मामले में इसका नाम सामने आया। घर वालों ने बताया कि जेल से निकलने के बाद बातचीत हुई थी, उसके बाद कोई बातचीत नहीं हुई है।
सन्नी चोरी या लूट करता तो हम तंबू के घर में क्यों रहते, हमारा भी महल होता
स्थानः अमैया गांव
समयः दोपहर 1.00 बजे
सोविंद के गांव से महज 3 किलोमीटर दूर सन्नी दयाल का गांव अमैया है। वहां पहुंचे तो दरवाजे पर लोगों की भीड़ थी, लेकिन कोई बातचीत करने को तैयार नहीं था। जब हम घर के अंदर पहुंचे तो सन्नी की पत्नी किरण अपने बच्चों के साथ बेसुध पड़ी थी।
हमने किरण से बातचीत की। जब हमने उसकी पत्नी से जानने की कोशिश की कि क्या घर में इस बात की चर्चा की थी? पत्नी ने बताया- अगर वह चोरी करता तो घर पर पैसे लाता। हम तंबू वाले घर में थोड़ी रहते। उससे रोज वीडियो कॉल पर बातचीत होती थी। दिल्ली से लखनऊ और गाजीपुर कैसे पहुंचा इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है और ना ही इस दौरान हमारी बातचीत हुई है। किरण को न्यूज के जरिए ही उसके पति के मारे जाने की जानकारी मिली थी।
मीडिया गांव पहुंची तब एनकाउंटर की खबर मिली
आसपास के लोगों की जुबान पर सन्नी के एनकाउंटर की ही चर्चा थी। हालांकि, कैमरे के सामने आकर कोई बात करने के लिए तैयार नहीं था। पड़ोसी अमर बिंद ने बताया- सन्नी गांव में ही रहता था और खेती करता था। कभी कभार कमाने के लिए कहकर बाहर जाता था। इस बार क्या हुआ और क्या किया था? इसकी जानकारी नहीं है। जब मीडिया वाले पहुंचने लगे तब जानकारी मिली की यूपी पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया है।
ढाई साल पहले दिल्ली पुलिस ने की थी छापेमारी
भले की परिवार वाले आपराधिक संलिप्तता से इनकार कर रहे हैं, लेकिन पहले भी सन्नी कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे चुका है। बिना कैमरे के जब हमने गांव वालों से बातचीत की तो गांव वालों ने बताया- ढाई साल पहले दिल्ली पुलिस ने एक बार चोरी के मामले में छापेमारी की थी। हालांकि, तब वह घर पर नहीं था। जब गांव वालों से लूट मामले में संलिप्तता की बात पूछी तो गांव वालों ने चुप्पी साध ली। हालांकि, लूट मामले में शामिल होने की हामी भरी।
लोगों का कहना था- जब लूट की घटना में शामिल नहीं था तो दिल्ली से गाजीपुर कैसे पहुंच गया। उसके पास से लूट का सामान और हथियार कैसे बरामद हुआ? कई ग्रामीणों ने माना की भले यहां कुछ नहीं करता था, लेकिन बाहर आपराधिक घटना को अंजाम देता था। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है।
कमाने के नाम पर पंजाब गया था अरविंद
स्थानः सीताकुंड डीह
समयः दोपहर 2.00 बजे
भास्कर रिपोर्टर मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के सीताकुंड डीह पहुंचा। अपराधी अरविंद बिंद इसी गांव का रहने वाला है। पुलिस मुठभेड़ में अरविंद के पैर में गोली लगी है। अरविंद एनकाउंटर में मारे गए सोविंद के साथ ही कार में था। पुलिस ने इसके पास से भारी मात्रा में लूटे गए आभूषण और नगदी बरामद किया था। जब हम इसके गांव पहुंचे तो इसके भी दरवाजे पर कोई नहीं मिला। आसपास के लोगों ने बताया- गोली लगने के बाद परिवार वाले लखनऊ चले गए हैं।
अरविंद के घर के बाहर लोगों की भीड़ थी। चारों तरफ इसकी ही चर्चा थी। हमें देखते ही सभी इधर उधर हटने लगे। जब अरविंद के बारे में आसपास के लोगों से पूछा तो बताया कि पहले भी छोटे मोटे मारपीट मामले में अरविंद का नाम आया था। लेकिन इतनी बड़ी लूट जैसी घटना को अंजाम देगा यह नहीं पता था। कमाने के नाम कहकर वह पंजाब गया था, लेकिन वहां क्या करता है? इसका अंदाजा नहीं था।
गांव वाले बोले- पुलिस ने पकड़ा तो लूट किया ही होगा
स्थानः बरूई गांव
समयः दोपहर 3.30 बजे
तीसरा अपराधी कैलाश बिंद हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के बरूई गांव का रहने वाला है। यहां भास्कर रिपोर्टर पहुंचा तो गांव वालों ने बताया- उसका कोई परिवार यहां नहीं रहता है। आज से कुछ साल पहले गांव का सारा जमीन बेचकर पंजाब चला गया था। उसकी मां कभी कभार गांव में आती है, लेकिन यहां ज्यादा दिन तक नहीं रुकती है। यहां भी कोई भी ग्रामीण कुछ भी बोलने से इनकार किया। कैमरे के पीछे सबका यही कहना था कि जब पुलिस ने पकड़ा है तो लूट किया ही होगा।
छठ पूजा के बाद तीनों कमाने की बात कहकर घर से निकले थे
सोविंद एक अलावा मुंगेर के अन्य तीनों अपराधी छठ पूजा के बाद कमाने की बात कहकर गांव से बाहर गए थे। किसी के घर वालों को यह जानकारी नहीं थी कि बाहर जाकर कहां और कौन काम कर रहे हैं। तीनों सोविंद से परिचित थे और सोविंद की जमानत में जुटे थे।
इस दौरान इन लोगों ने यूपी के अपराधियों से साठगांठ कर उस बैंक की रेकी की और सोविंद के जेल से बाहर आने के बाद घटना को अंजाम दिया। चारों गांव में गांव वालों से बातचीत करके साफ हो गया कि इनके अपराध करने का पैटर्न अलग था। ये आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए बिहार से बाहर चले जाते थे। अपराध करके वापस लौट आते थे।
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यूपी के लखनऊ में इंडियन ओवरसीज बैंक की दीवार काटकर लुटेरों ने 42 लॉकर से गहने लूट लिए थे। इस वारदात में 7 बदमाश शामिल थे, इनमें 6 बिहार के और एक लखनऊ का है। बिहार के 6 अपराधियों में से 4 मुंगेर के रहने वाले है। वहीं एक लखीसराय और एक भागलपुर के सुल्तानगंज का रहने वाला है। पूरी खबर पढ़े