मधेपुरा में दिव्यांग की 5 महीने की बेटी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बच्ची गंभीर रूप से कुपोषित थी। उसकी सिंहेश्वर पोषण पुनर्वास केंद्र में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना सदर प्रखंड के बुधमा पंचायत अंतर्गत भदौल गांव की है।
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इलाज के लिए भटके पिता, नहीं मिला सहारा
परिजनों ने बताया कि पिंटू राम दोनों पैरों से दिव्यांग हैं, जबकि उनकी पत्नी खुद बीमार रहती हैं। ऐसे हालात में भी वह बीमार बेटी को लेकर शनिवार को मधेपुरा सदर अस्पताल पहुंचे। यहां से उन्हें जेएनकेटी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज से भी उन्हें फिर से सदर अस्पताल भेज दिया गया। सदर अस्पताल में यह परिवार एक कोने में बैठकर मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
मासूम की मौत के बाद अस्पताल के सामने धरने पर बैठे परिजन
इलाज में हुई देरी से मासूम की मौत
स्थानीय जनप्रतिनिधि राजकुमार ने जब उन्हें देखा तो खुद सिविल सर्जन से संपर्क कर मामले की जानकारी दी। इसके बाद बच्ची को एंबुलेंस से सिंहेश्वर पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। इलाज के दौरान मासूम की मौत हो गई।
धरने पर बैठे परिजन, मांगा मुआवजा
इस घटना के बाद मधेपुरा सदर अस्पताल परिसर में स्थानीय जनप्रतिनिधि राजकुमार के नेतृत्व में धरना शुरू हुआ। पीड़ित परिवार के समर्थन में स्थानीय लोग और समाजसेवी भी शामिल हुए। राजकुमार ने कहा कि
स्वास्थ्य व्यवस्था की लचरता ने एक मासूम की जान ले ली है। यह परिवार बेहद गरीब है और सरकार को तत्काल मुआवजा देना चाहिए। – राजकुमार, राजद नेता
प्रशासन से नहीं मिल पाया जवाब
पत्रकारों ने जब सिविल सर्जन से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। वहीं, अस्पताल प्रबंधक पीयूष कुमार ने बताया कि “बच्ची गंभीर रूप से कुपोषित थी। उसे बेहतर इलाज के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।” उन्होंने यह भी दावा किया कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है।
धरने में शामिल लोगों ने जताया आक्रोश
धरने में मनखुश कुमार, प्रभाष कुमार, सिंटू कुमार समेत कई स्थानीय लोग मौजूद थे। सभी ने एक स्वर में प्रशासन से दोषियों की जवाबदेही तय करने और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की।