- Hindi News
- National
- Kolkata RG Kar Medical College Doctor Case Supreme Court | Calcutta HC SIT Report
नई दिल्ली3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में 8 और 9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर से रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर केस से जुड़े मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने प्रोटेस्ट के दौरान गिरफ्तार एक महिला को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित करने के मामले की SIT जांच का आदेश दिया।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश में भी बदलाव किया, जिसमें CBI जांच करने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने कहा- जांच राज्य के सीनियर IPS अधिकारियों को सौंपी जानी चाहिए।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि SIT में वे अधिकारी शामिल होंगे, जिनके नाम राज्य सरकार ने दिए थे। टीम हर हफ्ते हाईकोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंपेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को एक स्पेशल बेंच बनाने का भी निर्देश दिया। SIT इसी बेंच को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और आगे की जांच की मांग करेगी।
सियालदह कोर्ट ने मुख्य आरोपी संजय रॉय पर 4 नवंबर को आरोप तय कर दिए थे।
ममता सरकार की याचिका पर चल रही सुनवाई
इससे पहले 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के 8 अक्टूबर के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें CBI जांच का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने ममता सरकार को आदेश दिया था कि वह कस्टडी में टॉर्चर मामले की जांच के लिए एक नई SIT के गठन के लिए पांच महिलाओं समेत सात IPS अधिकारियों की लिस्ट पेश करे।
याचिका पश्चिम बंगाल सरकार ने लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि हाईकोर्ट ने गलत तरीके से CBI जांच का आदेश दिया था, जबकि राज्य पुलिस जांच करने में सक्षम थी।
6 नवंबर को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने महिला के आरोपों की CBI जांच का निर्देश देने वाले सिंगल जज के आदेश को बरकरार रखा था। साथ ही कहा था- स्वतंत्र जांच के आदेश में कोई गलती नहीं। इसमें किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।
जेल के डॉक्टर को महिला में मिले थे हेमाटोमा के लक्षण
आरजी कर केस के खिलाफ प्रोटेस्ट में शामिल दो महिलाओं रेबेका खातून मोल्ला और रमा दास को 7 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन डायमंड हार्बर कोर्ट से ज्यूडीशियल कस्टडी मिलने का आदेश दिए जाने तक वे फाल्टा पुलिस की हिरासत में रहीं।
इसके बाद दोनों ने पुलिस हिरासत में टॉर्चर का आरोप लगाते हुए सिंगल जज बेंच में याचिका लगाई थी। कोर्ट ने जेल के डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया था। रिपोर्ट में उनमें से एक के पैरों में हेमाटोमा (ऊतकों के भीतर खून का थक्का जमने के बाद आई सूजन) के लक्षण मिले थे।
डिवीजन बेंच ने कहा था- डायमंड हार्बर मेडिकल कॉलेज में जांच करने वाले डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट में कोई बाहरी चोट नहीं बताई। याचिकाकर्ता की बाद की मेडिकल रिपोर्टों को देखते हुए डिवीजन बेंच ने कहा था- रिपोर्ट में विसंगतियां गंभीर हैं। इसलिए स्वतंत्र एजेंसी मामले की जांच करे।
———————————————————–
कोलकाता रेप मर्डर केस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
कोलकाता रेप-मर्डर केस, 87 दिन बाद आरोप तय: आरोपी बोला- ममता सरकार मुझे फंसा रही
पश्चिम बंगाल की सियालदह कोर्ट ने 4 नवंबर को सुनवाई की। घटना से करीब 87 दिन बाद मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय कर दिए। पेशी के बाद पुलिस जब संजय को बाहर लेकर निकली तो पहली बार वह कैमरे पर कहता नजर आया कि ममता सरकार उसे फंसा रही है। उसे मुंह न खोलने की धमकी दी गई है। आरजी कर घटना के बाद विरोध में डॉक्टरों ने 42 दिन तक प्रदर्शन किया था। बाद में 9 सितंबर से दोबारा भूख हड़ताल की थी। पढ़ें पूरी खबर…