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क्यों आचार्य चाणक्य ने ऐसे लोगों को बताया है जहरीले सांपों से भी खतरनाक? बताई है इनकी पहचान


Chanakya Niti: हम अपने जीवन में कई तरह के लोगों से मिलते हैं- कुछ हमें प्रेरणा देते हैं, कुछ मदद करते हैं और कुछ ऐसे भी होते हैं जो मीठा बोलकर हमारे पीठ में छुरा घोंपने का काम करते हैं. आचार्य चाणक्य, जिनकी नीतियों को आज भी जीवन में सफलता पाने के लिए पढ़ा और अपनाया जाता है, उन्होंने बहुत साफ शब्दों में बताया है कि कुछ लोग जहरीले सांपों से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं. सांप तो केवल शरीर का जहर फैलाते हैं, लेकिन कुछ इंसान ऐसा जहर घोलते हैं जो रिश्तों को, मन को और जीवन की पूरी दिशा को ही बर्बाद कर देते हैं. इन लोगों से अगर समय रहते दूरी न बनाई जाए, तो जीवन में बर्बादी तय है. चाणक्य नीति हमें ऐसे लोगों की पहचान करने और उनसे खुद को बचाने की सलाह देती है.

जहरीले इंसानों की पहचान आचार्य चाणक्य के अनुसार

1. मीठा बोलने वाला लेकिन मन में द्वेष रखने वाला
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो लोग सामने तो बहुत मीठा बोलते हैं लेकिन दिल में आपके लिए ईर्ष्या, जलन और द्वेष रखते हैं, उनसे बचना चाहिए. ये लोग ऐसे होते हैं जो मौके का इंतजार करते हैं कि कब आप कमजोर पड़ें और ये आपको गिरा दें.

2. आपकी तरक्की से जलने वाले
जो लोग आपकी तरक्की देखकर खुश नहीं होते, बल्कि अंदर ही अंदर जलते हैं और आपके खिलाफ बात फैलाते हैं- ऐसे लोग आपके आसपास सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं. ये बाहर से तो दोस्त बनकर रहते हैं लेकिन अंदर से शत्रु होते हैं.

3. चुगली करने वाले
ऐसे लोग जो दूसरों की बातें इधर-उधर करते हैं, जो हर किसी से किसी की बुराई करते हैं. उनसे सावधान रहना चाहिए. आज वो किसी और की चुगली कर रहे हैं, कल आपकी भी करेंगे.
4. मतलबी और स्वार्थी लोग
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो लोग केवल अपने फायदे के लिए आपके पास आते हैं, वो जब अपना काम निकाल लेते हैं तो पहचानने से भी इनकार कर देते हैं. ये लोग विश्वासघात करने में देर नहीं लगाते.

5. वो जो आपके दुख में साथ न दें
जीवन में असली चेहरा तब दिखता है जब आप मुश्किल में होते हैं. जो लोग सिर्फ आपके अच्छे समय में साथ हों, लेकिन मुश्किल समय में गायब हो जाएं. आचार्य चाणक्य उन्हें सबसे बड़ी धोखा देने वाली श्रेणी में रखते हैं.

चाणक्य की चेतावनी
आचार्य चाणक्य ने साफ शब्दों में कहा है, “दुष्ट व्यक्ति को जितनी जल्दी हो सके पहचान लो और उससे जितना दूर रह सको उतना ही अच्छा है.” अगर आप सोचते हैं कि आप उसे बदल लेंगे या सुधार लेंगे, तो यह आपकी भूल है. ऐसे लोग सुधरते नहीं, सिर्फ नया तरीका ढूंढते हैं चोट पहुंचाने का.

क्या करें ऐसे लोगों से बचने के लिए?

  • अपनी निजी बातें सभी से न शेयर करें.
  • बुराई करने वालों की बातों पर तुरंत विश्वास न करें.
  • चुप रहना और समझदारी से दूरी बनाना सबसे अच्छा उपाय है.
  • अपने आसपास के लोगों के व्यवहार को ध्यान से परखें.
  • जहां जहर महसूस हो, वहां रहना छोड़ देना ही समझदारी है.



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