आदिवासी समाज के पुजारियों ने मारंग बुरू जुग जाहेर थान पूजन स्थल पर पूजा-अर्चना की।
गिरिडीह के सम्मेद शिखर जी मधुबन में तीन साल बाद आदिवासी संगठनों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। बुधवार को हजारों आदिवासी समुदाय के लोगों ने जैन समाज पर पारसनाथ पहाड़ पर अतिक्रमण का आरोप लगाया।
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प्रदर्शनकारी मांडर के थाप के साथ तीर-धनुष लेकर एकत्र हुए
झारखंड के विभिन्न जिलों से जुटी भीड़ में महिलाएं और युवा शामिल थे। आदिवासी समाज के पुजारियों ने मारंग बुरू जुग जाहेर थान पूजन स्थल पर पूजा-अर्चना की। प्रदर्शनकारी मांडर के थाप के साथ तीर-धनुष लेकर एकत्र हुए।
पूजा के बाद निकाले गए जुलूस में प्रदर्शनकारियों ने बैनर के माध्यम से जैन समाज को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि जैन समाज पारसनाथ और मधुबन को खाली करे। आदिवासी समाज के पूजा स्थल पर किसी भी तरह का अतिक्रमण स्वीकार नहीं किया जाएगा।
आदिवासी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया।
रामगढ़ से आए प्रदीप सोरेन ने आरोप लगाया कि जैन समाज ने पहाड़ का स्वरूप बदल दिया है। उन्होंने जैन समाज के 20 तीर्थंकरों के मोक्ष प्राप्ति के दावे को भी झूठा बताया। सोरेन ने कहा कि जैन समाज मनगढ़ंत दावों से न्यायालय और सरकार को गुमराह कर रहा है। हालांकि, आदिवासी समाज को न्यायालय के निर्णय पर भरोसा है।