गुरुग्राम की मेयर राजरानी मल्होत्रा
गुरुग्राम में मेयर चुनाव के लिए कथित तौर पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के मामले को लेकर कोर्ट में दो अलग अलग याचिकाएं लगाई गई हैं। महाराजा दक्ष प्रजापति महासभा की याचिका पर सिविल कोर्ट के जज ने डीसी अजय कुमार, एडीसी हितेश कुमार मीणा, मेयर राजरानी
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इससे पहले हाई कोर्ट द्वारा भी मेयर और कांग्रेस की प्रत्याशी को मामले में नोटिस जारी किया जा चुका है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में 22 मई को सुनवाई होनी है। ऐसे में भाजपा मेयर राजरानी मल्होत्रा की मुश्किलें कम नहीं हाे रही है।
रविवार को भी बनाया गया सर्टिफिकेट
महाराजा दक्ष प्रजापति महासभा के अध्यक्ष यशपाल प्रजापति ने बताया कि मेयर राजरानी मल्होत्रा और मेयर पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी सीमा पाहुजा ने गलत तरीके से जाति प्रमाण-पत्र बनाकर बीसी ए वर्ग का हक हीना है। मेयर का तो रविवार को जाति प्रमाण-पत्र बनाया गया।
उन्होंने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार, राजरानी मल्होत्रा और अन्य प्रतिवादी पक्षों को नोटिस जारी किया था। अब तक सरकार की ओर से ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मेयर काम से सुनार है, जबकि उनकी जाति दूसरी है।
सीनियर एडवोकेट बनवारी लाल ने कहा
-नोटिस में कोर्ट ने सभी को जरूरी कागजात लेकर आने को कहा
-एडीसी को इसलिए नोटिस कि रविवार को जाति प्रमाण पत्र जारी किया -डीसी को इसलिए नोटिस कि उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया
पौने दो लाख वोटों से जीती है राजरानी
गुरुग्राम में BJP की उम्मीदवार राज रानी मल्होत्रा ने 1.79 लाख के बड़े अंतर से कांग्रेस की सीमा पाहुजा को हराया। यहां दोनों उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला था और भाजपा ने एक बड़ी जीत हासिल की थी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि दोनों की प्रत्याशी पंजाबी बिरादरी से आती हैं और उनका बीसी ए का सर्टिफिकेट गलत है। क्योंकि गुरुग्राम मेयर का पद बीसी एक कैटेगरी के लिए आरक्षित था।