गोरखपुर में नगर निगम की सीमा में हाल ही में शामिल किए गए 10 नए वार्डों में अब संपत्ति कर की वसूली की तैयारी पूरी रफ्तार में है। निगम ने हरसेवकपुर और खोराबार वार्ड में भवन सर्वे और जियो टैगिंग का काम लगभग पूरा कर लिया है। इन दोनों वार्डों में करीब 16
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नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2024-25 से ही इन नए वार्डों में कर वसूली शुरू करने का निर्णय लिया है। फिलहाल सर्वे का कार्य अन्य नए वार्डों में जारी है, जहां टैक्स निर्धारण के लिए भवनों का भौतिक सत्यापन और डिजिटल मैपिंग की जा रही है। सर्वे पूरा होने के बाद निगम टैक्स की गणना कर उसे सार्वजनिक करेगा और उसके बाद नोटिस भेजे जाएंगे। जिन लोगों को नोटिस मिलेगा, वे चाहें तो निर्धारित समय में अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इसके बाद अंतिम कर निर्धारण किया जाएगा और वसूली शुरू होगी।
कॉमर्शियल भवनों पर निगम की खास नजर
नए जोड़े गए वार्डों में बड़ी संख्या में कॉमर्शियल प्रॉपर्टी हैं, जिनसे नगर निगम को अच्छी आय होने की उम्मीद है। इसी वजह से वसूली की शुरुआत इन्हीं से की जा रही है। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने स्पष्ट किया है कि पहले चरण में सभी व्यावसायिक संपत्तियों को टैक्स दायरे में लाकर आय बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
बकाया चुकाने वालों को 30 अप्रैल तक विशेष छूट
नगर निगम ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 की संपत्ति कर मांग और पुराने बकाया पर एकमुश्त भुगतान की सुविधा भी दी है। जो लोग 30 अप्रैल तक अपना बकाया टैक्स ब्याज समेत जमा कर देंगे, उन्हें विशेष छूट का लाभ मिलेगा। डिजिटल, ऑनलाइन या कैशलेस भुगतान करने वालों को कुल टैक्स पर 15 फीसदी की छूट दी जाएगी, जबकि अन्य माध्यमों से भुगतान करने वालों को 10 फीसदी छूट मिलेगी।
बिल नहीं मिला? निगम से लें या वेबसाइट से डाउनलोड करें
नगर आयुक्त ने बताया कि जिन नागरिकों को संपत्ति कर का बिल अब तक नहीं मिला है, वे नगर निगम कार्यालय के कंप्यूटर विभाग से संपर्क कर बिल प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी संपत्ति कर का बिल डाउनलोड किया जा सकता है और ऑनलाइन भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध है।
सर्वे का कार्य अन्य वार्डों में भी जारी
अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्र ने बताया कि खोराबार और हरसेवकपुर में सर्वे लगभग पूरा हो गया है और जल्द ही इन क्षेत्रों में नोटिस भेजे जाएंगे। बाकी आठ वार्डों में भी सर्वे का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। निगम का लक्ष्य है कि अगले कुछ महीनों में सभी नए वार्डों को टैक्स सिस्टम में शामिल कर लिया जाए।