सांसद भारत सिंह कुशवाहा को ज्ञापन सौंपते अधिवक्ता।
ग्वालियर में शनिवार को हाईकोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने के पक्ष में अधिवक्ताओं ने ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाहा को ज्ञापन सौंपा है। पीएम, सीएम और केंद्रीय कानून मंत्री के नाम दिए गए ज्ञापन में हाईकोर्ट में मूर्ति स्थापना में
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बता दें कि 17 मई को ग्वालियर हाईकोर्ट में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने के लिए लाई गई थी, उस दौरान बार एसोसिएशन ने संवैधानिक प्रकिया पूरी किए बिना मूर्ति लगाने का विरोध किया था। जिसके बाद मूर्ति स्थापना का मामला टल गया था।
तब से ग्वालियर हाईकोर्ट को छावनी में तब्दील करते हुए कड़ी सुरक्षा घेरे में रखा गया है। वहीं भीम आर्मी, भीम सेना सहित अन्य दलित संगठनों के द्वारा मूर्ति लगाने के समर्थन में लगातार प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं।
अधिवक्ता विश्वजीत रातोनिया ने बताया-
हाईकोर्ट परिसर में बाबा भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाई जा रही थी, लेकिन मूर्ति लगने को लेकर गतिरोध उत्पन्न हो गया था। उसके बाद उसकी स्थापना को लेकर लेटलतीफी हुई और आज तक मूर्ति नहीं लगाई गई है। मूर्ति लगाने को लेकर हम संघर्ष कर रहे हैं।
जब सुप्रीम कोर्ट मूर्ति लगी तो यहां क्यों नहीं
अधिवक्ता विश्वजीत रातोनिया का कहना है कि हमें लगता है कि जब बाबा साहब की मूर्ति सुप्रीम कोर्ट में लगी है तो हाई कोर्ट में भी लगना चाहिए। समानता के प्रतीक के तौर पर संविधान निर्माता के तौर पर कानून मंत्री के तौर पर लगना चाहिए, इसलिए हमने उसे मूर्ति लगवाई जाने के लिए सांसद भरत सिंह कुशवाहा के जरिए केंद्रीय कानून मंत्री को अपना ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में यह अनुरोध किया है कि जो बाबा साहब की मूर्ति ग्वालियर न्यायालय में स्थापित की जा रही थी, उसमें गतिरोध उत्पन्न हो गया है उसे जल्द से जल्द स्थापित किया जाना सुरक्षित किया जाए।