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ग्वालियर में हनुमान जयंती पर मंदिरों में उमड़े भक्त: मुरार में सूर्य को पकड़ते हुए बाल स्वरूप में है हनुमान, मंशापूर्ण पर होती है मंशा पूर्ण – Gwalior News


हनुमान जयंती पर मंदिर में परिवार के साथ पहुंच रहे भक्त। सुबह 5 बजे हुआ मारुति नंदन का जन्म

ग्वालियर में शनिवार (12 अप्रैल) को भगवान हनुमान के जन्मोत्सव को बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह 4 बजे से मंदिरों में भक्त पहुंच गए थे। पांच बजे भगवान हनुमान का जन्म होते ही उत्सव शुरू हो गया। पहले चोला चढ़ाया गया फिर आरती की गई। शहर के मुरार मी

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यहां फूल बंगला सजा फिर भोग भी लगा है। इसी तरह रेलवे ओवरब्रिज के नीचे 300 साल पुराने मंशापूर्ण हनुमान मंदिर पर सुबह से भक्तों की भीड़ लगी है। भक्त बाबा के दर्शन के लिए दूर-दूर तक लाइन में लगे हैं। दैनिक भास्कर ने हनुमान जयंती पर शहर के मंदिरों में पहुंचकर देखा भक्ति का अद्भुत नजारा। शहर के अन्य प्रमुख मंदिरों पर क्या-क्या आयोजन हुए हैं वो इस प्रकार हैं।

मंशापूर्ण हनुमान मंदिर को आकर्षण रोशनी में सजाया गया है। इनसेट में मंशापूर्ण हनुमान

धुआं वाले हनुमान मंदिर पर लगा है मेला हनुमान जयंती पर शनिवार को शहर से 45 किलाेमीटर दूर घाटीगांव में धुआं वाले हनुमान मंदिर पर मेला लगा है। यहां काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ग्वालियर-झांसी रोड पर जौरासी घाटी में स्थित जौरासी हनुमान पर भी सुबह से भक्तों की लाइन लगी है। मंदिरों में सुबह से भंडारे चल रहे हैं। सुंदर कांड का पाठ किया जा रहा है। यहां पहुंचने वाले भक्तों को परेशानी न हो उसके लिए पुलिस फोर्स भी तैनात किया गया है। मदन मोहन मंदिर मुरार पीपल चट्टी नाम से विख्यात हनुमान जी के दरबार में शनिवार को हवन के साथ सुंदरकांड पाठ पूर्ण हुआ। इसके बाद हनुमान जन्मोत्सव मनाया गया। भगवान हनुमान को चोला चढ़ाकर आरती की गई। इसके बाद पर प्रसादी वितरण भंडारा किया जा रहा है। खेड़ापति हनुमान मंदिर हनुमान जी का अभिषेक किया गया है। यह शहर के प्रसिद्ध व प्राचीन हनुमान मंदिर में से एक है। यहां सुबह सुंदरकांड पाठ हुआ और हनुमान को विशेष श्रृंगार किया गया है। हनुमान जी का जन्म की आरती सुबह 5 बजे हुई। इसके बाद भक्तों को प्रसाद का वितरण किया जा रहा है।

भंडारे के लिए प्रसाद बनाता हलवाई

तलवार व गरगज हनुमान मंदिर हनुमान जयंती पर शनिवार को बैंडबाजों की धुन पर ब्रह्म मुहूर्त में आरती की गई। इसके उपरांत हनुमान जी को चोला चढ़ाया गया और सुंदरकांड का पाठ किया गया। दिन भर भजन कीर्तन होंगे और शाम को भंडारा का आयोजन किया जाएगा। यहां एक मात्र प्रतिमा है जहां हनुमान जी तलवार लेकर खड़े हैं। यहां हनुमान जी एक योद्धा के रूप में विराजमान हैं।

मंशा पूर्ण हनुमान मंदिर में 26 साल से नॉन स्टॉप हो रहा रामायण पाठ ग्वालियर अंचल में 300 साल पुराना एक ऐसा भी हनुमान मंदिर है, जहां पिछले 26 साल से नॉन स्टॉप अखंड रामायण का पाठ चल रहा है। यही कारण है कि इन हनुमान का नाम मंशापूर्ण हनुमान पड़ गया है। ग्वालियर के पड़ाव पुल नीचे स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर तीन सौ साल पुराना है। यहां 26 साल से अखंड रामायण पाठ चल रहा है। मंदिर के महंत पं. गोपाल दुबे ने हनुमान जी की प्रेरणा से ग्वालियर-चंबल संभाग की सुख-समृद्धि की कामना को लेकर 8 अप्रैल 1997 को अखंड रामायण पाठ प्रारंभ किया था, जो आज भी चल रहा है। यह 24 घंटे चलता है। मंशा पूर्ण हनुमान मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यदि श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन करता है तो उसके सभी संकट दर्शन मात्र से ही दूर हो जाते हैं। हनुमान जी उसकी मंशा पूरी कर देते हैं। यही कारण है कि राजनेताओं, सरकारी अधिकारियों से लेकर निर्धन व्यक्ति तक हनुमान जी के दरबार दर्शन करने नियमित आते हैं। सुबह से हो रहे हैं आयोजन – मुरार हनुमान मंदिर में हनुमान भक्त व शिक्षक निरंजन सिंह ने बताया कि सुबह 5 बजे हनुमान जन्म के साथ मंदिरों में उत्सव शुरू हो गए हैं। दिन भर अखंड रामायण का पाठ होगा। दोपहर बाद भगवान को भोग लगाने के बाद भंडारा का आयोजन किया जाएगा। यहां तो हनुमान जी की प्रतिमा है वह सूर्य को पकड़ते हुए रूप में है। आसपास 300 से 400 किलोमीटर के एरिया में ऐसी दूसरी प्रतिमा नहीं है। – मंदिर के पुजारी व देखरेख करने वाले राजे सिंह का कहना है कि मंदिर में हनुमान जयंती के मौके पर अखंड रामायण का पाठ किया जा रहा है। सुबह भगवान के जन्म के साथ ही उत्सव शुरू हो गया है। दोपहर बाद भंडारा का आयोजन होगा जो रात तक जारी रहेगा।



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