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Neem Karoli Baba Arji : नीम करोली बाबा के लिए दिल से की गई बात सबसे अहम है. आप किसी भी भाषा में, किसी भी रूप में, अपनी अर्जी उन्हें लगा सकते हैं. बस मन सच्चा होना चाहिए.
घर बैठे लगाएं अर्जी
हाइलाइट्स
- नीम करोली बाबा सच्चे मन की प्रार्थना को मानते हैं.
- आश्रम में जाकर या घर बैठे बाबा से अर्जी लगा सकते हैं.
- बाबा को प्रेम और निस्वार्थ सेवा सबसे प्रिय है.
Neem Karoli Baba Arji : नीम करोली बाबा एक ऐसे संत माने जाते हैं, जो आज भी लाखों लोगों के दिलों में बसे हुए हैं. चाहे भारत हो या विदेश, उनके भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. लोग मानते हैं कि बाबा आज भी भक्तों की पुकार सुनते हैं और उनकी मदद करते हैं. अगर आपके मन में कोई परेशानी है या कोई मनोकामना है, तो आप भी बाबा से अपनी अर्जी लगा सकते हैं. इस लेख में हम आपको आसान भाषा में बताते हैं कि आप बाबा से कैसे अपनी बात कह सकते हैं, चाहे आप आश्रम जाएं या घर पर ही रहें.
नीम करोली बाबा को किसी विशेष पूजा या विधि की जरूरत नहीं होती. वे सच्चे मन से की गई प्रार्थना को ही सबसे बड़ा उपाय मानते हैं. उनके लिए दिल से निकली बात, प्रेम और निस्वार्थ सेवा सबसे जरूरी हैं.
अगर आपके पास मौका हो तो बाबा के आश्रम जाकर अर्जी लगाना बहुत अच्छा माना जाता है. खासकर उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित कैंची धाम सबसे प्रसिद्ध है. यहां हर साल हजारों लोग बाबा से अपनी बात कहने आते हैं. आप आश्रम में जाकर बाबा की मूर्ति के सामने बैठें, आंखें बंद करें और जो भी बात आपके दिल में है, वह मन ही मन बाबा को बताएं. आप चाहें तो एक कागज़ पर अपनी इच्छा लिखकर बाबा की मूर्ति के पास रख सकते हैं. वृंदावन और हनुमान से जुड़े अन्य आश्रमों में भी यही तरीका अपनाया जाता है.
घर बैठे बाबा से बात कैसे करें?
अगर आप आश्रम नहीं जा सकते, तो घर पर ही बाबा से अर्जी लगाई जा सकती है. सबसे पहले, बाबा की तस्वीर या मूर्ति किसी साफ-सुथरी जगह पर रखें. फिर रोज सुबह या शाम कुछ समय के लिए उनके सामने बैठें. आंखें बंद करके, शांत मन से उन्हें अपनी परेशानी या इच्छा बताएं. जैसे आप किसी अपने से बात करते हैं, वैसे ही बाबा से बात करें. कोई दिखावा नहीं, बस दिल से बात होनी चाहिए.
अर्जी लगाते समय किन बातों का ध्यान रखें?
-बाबा सेवा और प्रेम को सबसे ऊपर मानते थे. अगर आप किसी जरूरतमंद की मदद करें, भूखे को खाना खिलाएं या किसी गरीब की सहायता करें, तो यह भी एक तरह से बाबा को अर्जी लगाने जैसा है.
-अपनी अर्जी लगाने के बाद भी कोशिश करना न छोड़ें. बाबा हमेशा कर्म पर जोर देते थे. वे कहते थे – “काम करो, फल अपने आप मिलेगा.”
-मन में कोई घमंड या लालच न रखें. सच्चा और साफ दिल ही बाबा तक पहुंचता है.
-भरोसा रखें कि आपकी बात सुनी जाएगी, लेकिन समय और तरीका बाबा तय करते हैं.